नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के बहुचर्चित श्रद्धा वाकर हत्याकांड में मंगलवार को आरोपित आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ साकेत कोर्ट ने हत्या करने और सबूत मिटाने के आरोप तय कर दिए. साथ ही आफताब ने इन आरोपों से इनकार करते हुए मुकदमा लड़ने की बात कही. अब पुलिस ने जिन गवाहों और सबूतों के आधार पर आफताब को आरोपी बनाया था, उन्हें अब पुलिस को कोर्ट में पेश करके साबित करना होगा.
इस मामले में आरोप साबित होने पर आफताब को होने वाली सजा के बारे में कड़कड़डूमा कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष भदौरिया ने बताया कि 302 की धारा में फांसी और उम्र कैद दोनों तरह की सजा का प्रावधान है. जबकि, सबूत मिटाने की धारा 201 में अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है.
उन्होंने बताया कि आफताब ने सिर्फ श्रद्धा की हत्या ही नहीं की, बल्कि उसके शव के 35 टुकड़े करने के कृत्य से समाज में भी बहुत ही गलत संदेश गया है. यह मामला खुलासे के समय पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था. इसलिए कोर्ट इस मामले में नरमी बरतेगा इसकी संभावना कम है. फांसी की सजा दे सकता है. भदौरिया ने बताया कि यह कोर्ट पर निर्भर करेगा कि वह हत्या और सबूत मिटाने के दोनों मामलों में आरोप साबित होने पर दी जाने वाली सजा को एक साथ कटवाता है या अलग-अलग.
बता दें, श्रद्धा को उसके लिव इन पार्टनर आफताब ने अपने महरौली स्थित फ्लैट पर 18 मई 2022 को गला घोटकर मौत के घाट उतार दिया था. उसके बाद श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े करके उसे महरौली के जंगल में अलग-अलग जगह पर फेंक दिया था.