नई दिल्ली: रंगपुरी के इजरायल कैंप में 27 अक्टूबर को बड़े स्तर पर डिमोलिशन हुआ. जिसके बाद वसंत कुंज एनक्लेव के शंकर कैंप के झुग्गियों में रहने वाले लोग अपने घरों का सामान बाहर निकाल कर डेमोलेशन के खौफ में जी रहे हैं. साथ ही सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा निकाल रहे हैं.
27 अक्टूबर की कार्रवाई से खौफ
दरअसल, चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी हो या बीजेपी सभी ने झुग्गी वालों से वादा किया था कि इन्हें पक्का मकान बना कर देंगे. लेकिन चुनाव खत्म और उसके वादे भी खत्म. रंगपुरी के इजरायल कैंप में 27 अक्टूबर को फॉरेस्ट विभाग द्वारा सैकड़ों झुग्गियों को तोड़ दिया गया. इस दौरान लोगों को समान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया. जिससे डेमोलेशन का खौफ अब आसपास के कई कैंप में देखने को मिल रहा है.
किसी ने नहीं ली सुध
शंकर कैंप में सैकड़ों परिवार झुग्गियां बनाकर रहते हैं. कोई कोठियों में झाड़ू-पोछा करता है, तो कोई ऑटो चलाता है. इस कैंप में रहने वाले ज्यादातर लोग बेरोजगार हैं. दिनचर्या में खाना-पीना इनके लिए सबसे बड़ी आफत की बात है. अब ऐसी स्थिति में डिमोलिशन का भूत इन्हें पल-पल डरा रहा है. पूरा परिवार झुग्गी से बाहर खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर है. नेता या कोई भी जनप्रतिनिधि इनकी सुध लेने नहीं आया है. लिहाजा यह मीडिया के माध्यम से गुहार लगा रहे हैं कि इनके घरों को ना तोड़ा जाए. फिलहाल ये सभी लोग अपने घरों का सामान बाहर निकाल कर खौफ में जी रहे हैं. वहीं जिन नेताओं ने इन्हें मकान देने का वादा किया था, उन्हें जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं.
'जहां झुग्गी वहीं मकान का वादा झूठा'
प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सैकड़ों झुग्गियों को तोड़ तो दिया, लेकिन जो बेघर परिवार हैं, उनका क्या होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. अब ये झुग्गी वाले मौजूदा दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. दिल्ली विधानसभा इलेक्शन के पहले आम आदमी पार्टी ने वादा करते हुए नारा दिया था, जहां झुग्गी वहीं मकान. यही वादा बीजेपी ने भी किया था. स्थानीय लोगों का कहना है कि हमें मकान तो दिए नहीं, ऊपर से हमारी झुग्गियों को ही तोड़ रहे हैं.