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DU की नई आंतरिक मूल्यांकन योजना के खिलाफ SFI का हल्ला बोल, जानिए पूरा मामला

मंगलवार को DU की नई आंतरिक मूल्यांकन योजना के खिलाफ एसएफआई ने प्रदर्शन किया. इस दौरान करीब 100 छात्र मौजूद रहे और डीयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने बताया कि आंदोलन जरूरी है, बिना सिलेबस पूरा किए कोई परीक्षा नहीं होगी. परीक्षा की तिथि एक महीने कॉलेज प्रशासन को बढ़ानी होगी.

SFI का हल्ला बोल
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Published : Feb 14, 2023, 3:51 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्व विद्यालय (डीयू) के नॉर्थ कैंपस में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की ओर से नई आंतरिक मूल्यांकन योजना और प्रथम वर्ष की परीक्षा को एक माह टालने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कुलपति योगेश कुमार के खिलाफ भी छात्रों ने नारेबाजी की, हालांकि इस दौरान छात्रों की संख्या कम थी. प्रदर्शन के दौरान इनके हाथों में जो बैनर था, उस पर लिखे गए शब्द अमर्यादित थे.

दरअसल, डीयू में कुछ दिनों पहले हुई कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम में छात्रों के सतत मूल्यांकन किए जाने पर अंतिम मुहर लगाई गई. इस दौरान ईसी के कुछ सदस्यों ने इसका विरोध भी किया. उनका कहना है कि सेमेस्टर समाप्त होने वाला है, ऐसे में इस समय सतत मूल्यांकन का कोई औचित्य नहीं है. डीयू की ईसी मेंबर्स डॉ. सीमा दास ने बताया कि इसको लेकर लिखित असहमति का नोट दिया, बावजूद इसके प्रस्ताव को पास कर दिया गया.

SFI का हल्ला बोल
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नई आंतरिक मूल्यांकन योजना के खिलाफ SFI का प्रदर्शन: एसएफआई डीयू ने अपने बयान में कहा है कि पहले सेमेस्टर के बैच के लिए जब डीयू प्रशासन द्वारा परीक्षा से 15 दिन पहले नई आंतरिक मूल्यांकन योजना पारित की गई, तो SFI ने इस मुद्दे को उठाया और डीयू के कई कॉलेजों में उनकी प्रतिक्रिया के बारे में प्रथम वर्ष के छात्रों से बात की.

SFI का हल्ला बोल
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ये भी पढ़े: Shah on renaming cities: शहरों के मुगल नामों को बदलने पर बोले शाह, 'सोच-समझकर कर रहे फैसला'

नई आंतरिक मूल्यांकन योजना को बढ़ाकर अब आंतरिक अंकों को 45% कर दिया है. यह स्पष्ट रूप से एक छात्र-विरोधी नीति है. एसएफआई ने कहा कि आनन फानन में लागू किए गए इंटरनल असेसमेंट स्कीम को रद्द किया जाए. दिल्ली यूनिवर्सिटी के नए छात्रों के साथ चार साल स्नातक प्रोग्राम (FYUP) के नाम पर बहुत अन्याय हो रहा है. पहले की तुलना में इस साल छात्रों को तीन विषय ज्यादा पढ़ने हैं, जबकि 6 महीने के सेमेस्टर को तीन महीने का बना दिया गया. ज्यादातर विषयों में सिलेबस पूरा नहीं हुआ है, कई विषयों के शिक्षकों को सेमेस्टर के अंत में पढ़ाने के लिए लाया गया और कई कालेजों में कई विषयों को पढ़ाने के लिए अभी तक कोई शिक्षक नहीं है. ऐसी परिस्थिति में विश्विद्यालय परीक्षा से सिर्फ तीन हफ्ते पहले एक इंटरनल असेसमेंट के लिए एक स्कीम लेकर आई, जिससे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़े: Valentine's Day Special: जब दिल्ली के सार्वजनिक समारोह में पत्नी का हाथ पकड़कर बोले केजरीवाल - लव यू...

कुलपति के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल: एसएफआई के द्वारा आयोजित प्रदर्शन में छात्रों के हाथों में जो बैनर था, उसमें गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. छात्रों में गुस्सा काफी ज्यादा है और एसएफआई ने चेतवानी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में प्रदर्शन और तेज होगा.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्व विद्यालय (डीयू) के नॉर्थ कैंपस में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की ओर से नई आंतरिक मूल्यांकन योजना और प्रथम वर्ष की परीक्षा को एक माह टालने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कुलपति योगेश कुमार के खिलाफ भी छात्रों ने नारेबाजी की, हालांकि इस दौरान छात्रों की संख्या कम थी. प्रदर्शन के दौरान इनके हाथों में जो बैनर था, उस पर लिखे गए शब्द अमर्यादित थे.

दरअसल, डीयू में कुछ दिनों पहले हुई कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम में छात्रों के सतत मूल्यांकन किए जाने पर अंतिम मुहर लगाई गई. इस दौरान ईसी के कुछ सदस्यों ने इसका विरोध भी किया. उनका कहना है कि सेमेस्टर समाप्त होने वाला है, ऐसे में इस समय सतत मूल्यांकन का कोई औचित्य नहीं है. डीयू की ईसी मेंबर्स डॉ. सीमा दास ने बताया कि इसको लेकर लिखित असहमति का नोट दिया, बावजूद इसके प्रस्ताव को पास कर दिया गया.

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नई आंतरिक मूल्यांकन योजना के खिलाफ SFI का प्रदर्शन: एसएफआई डीयू ने अपने बयान में कहा है कि पहले सेमेस्टर के बैच के लिए जब डीयू प्रशासन द्वारा परीक्षा से 15 दिन पहले नई आंतरिक मूल्यांकन योजना पारित की गई, तो SFI ने इस मुद्दे को उठाया और डीयू के कई कॉलेजों में उनकी प्रतिक्रिया के बारे में प्रथम वर्ष के छात्रों से बात की.

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नई आंतरिक मूल्यांकन योजना को बढ़ाकर अब आंतरिक अंकों को 45% कर दिया है. यह स्पष्ट रूप से एक छात्र-विरोधी नीति है. एसएफआई ने कहा कि आनन फानन में लागू किए गए इंटरनल असेसमेंट स्कीम को रद्द किया जाए. दिल्ली यूनिवर्सिटी के नए छात्रों के साथ चार साल स्नातक प्रोग्राम (FYUP) के नाम पर बहुत अन्याय हो रहा है. पहले की तुलना में इस साल छात्रों को तीन विषय ज्यादा पढ़ने हैं, जबकि 6 महीने के सेमेस्टर को तीन महीने का बना दिया गया. ज्यादातर विषयों में सिलेबस पूरा नहीं हुआ है, कई विषयों के शिक्षकों को सेमेस्टर के अंत में पढ़ाने के लिए लाया गया और कई कालेजों में कई विषयों को पढ़ाने के लिए अभी तक कोई शिक्षक नहीं है. ऐसी परिस्थिति में विश्विद्यालय परीक्षा से सिर्फ तीन हफ्ते पहले एक इंटरनल असेसमेंट के लिए एक स्कीम लेकर आई, जिससे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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कुलपति के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल: एसएफआई के द्वारा आयोजित प्रदर्शन में छात्रों के हाथों में जो बैनर था, उसमें गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. छात्रों में गुस्सा काफी ज्यादा है और एसएफआई ने चेतवानी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में प्रदर्शन और तेज होगा.

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