ETV Bharat / state

मनी लाउंड्रिंग मामला: सतीश सना बाबू ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा - ईडी की तरफ से याचिका

मनी लाउंड्रिंग के आरोपी सतीश साना बाबू ने अपने खिलाफ चल रहे मामले को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया है.

मनी लाउंड्रिंग मामला
author img

By

Published : Oct 15, 2019, 9:06 AM IST

Updated : Oct 15, 2019, 1:26 PM IST

नई दिल्ली: मनी लाउंड्रिंग के आरोपी सतीश साना बाबू ने अपने खिलाफ चल रहे मामले को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया है. सतीश साना बाबू ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से जारी 18 और 25 जुलाई को समन को निरस्त करने की मांग की है.

पिछले 19 अगस्त को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सतीश साना बाबू को जमानत दे दिया था. कोर्ट ने पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी.

सुनवाई के दौरान ईडी ने चार्जशीट दाखिल करने के पहले सतीश साना बाबू की जमानत देने का विरोध किया था. ईडी ने कहा था कि इस मामले में पहले हमने सतीश साना बाबू को गवाह बनाया लेकिन जांच में पता चला कि वो मनी लाउंड्रिंग के मामले में लिप्त है. उसके खिलाफ जांच चल रही है और जमानत देने से जांच प्रभावित होने का अंदेशा है.

'गवाह को सुरक्षा मिली होती है'
सतीश साना बाबू की तरफ से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा था कि हमारे बयानों की वजह से सतीश साना बाबू को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. सतीश साना बाबू एक गवाह था और गवाह को सुरक्षा मिली होती है. सतीश साना बाबू की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा था कि 2017 में मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत बयान दर्ज कराया गया, जिसमें हमें गवाह बनाया गया.
क्या ईडी ये कह सकती है कि सतीश साना बाबू के बयान भरोसे लायक नहीं हैं. पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 23 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

1 अगस्त तक ईडी हिरासत
9 अगस्त को ही सतीश साना बाबू ने अपनी जमानत याचिका दायर की थी. पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने 9 अगस्त तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था. पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 1 अगस्त तक की ईडी की हिरासत में भेजा था. ईडी ने उसे 26 जुलाई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.

साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है. साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी.

एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया. साना दुबई का कारोबारी है. सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है. कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है.

सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था. 10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई. सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया, जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था.

नई दिल्ली: मनी लाउंड्रिंग के आरोपी सतीश साना बाबू ने अपने खिलाफ चल रहे मामले को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया है. सतीश साना बाबू ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से जारी 18 और 25 जुलाई को समन को निरस्त करने की मांग की है.

पिछले 19 अगस्त को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सतीश साना बाबू को जमानत दे दिया था. कोर्ट ने पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी.

सुनवाई के दौरान ईडी ने चार्जशीट दाखिल करने के पहले सतीश साना बाबू की जमानत देने का विरोध किया था. ईडी ने कहा था कि इस मामले में पहले हमने सतीश साना बाबू को गवाह बनाया लेकिन जांच में पता चला कि वो मनी लाउंड्रिंग के मामले में लिप्त है. उसके खिलाफ जांच चल रही है और जमानत देने से जांच प्रभावित होने का अंदेशा है.

'गवाह को सुरक्षा मिली होती है'
सतीश साना बाबू की तरफ से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा था कि हमारे बयानों की वजह से सतीश साना बाबू को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. सतीश साना बाबू एक गवाह था और गवाह को सुरक्षा मिली होती है. सतीश साना बाबू की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा था कि 2017 में मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत बयान दर्ज कराया गया, जिसमें हमें गवाह बनाया गया.
क्या ईडी ये कह सकती है कि सतीश साना बाबू के बयान भरोसे लायक नहीं हैं. पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 23 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

1 अगस्त तक ईडी हिरासत
9 अगस्त को ही सतीश साना बाबू ने अपनी जमानत याचिका दायर की थी. पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने 9 अगस्त तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था. पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 1 अगस्त तक की ईडी की हिरासत में भेजा था. ईडी ने उसे 26 जुलाई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.

साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है. साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी.

एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया. साना दुबई का कारोबारी है. सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है. कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है.

सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था. 10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई. सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया, जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था.

Intro:नई दिल्ली। मनी लाउंड्रिंग के आरोपी सतीश साना बाबू ने अपने खिलाफ चल रहे मामले को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया है। सतीश साना बाबू ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से जारी 18 और 25 जुलाई को समन को निरस्त करने की मांग की है।



Body:पिछले 19 अगस्त को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सतीश साना बाबू को जमानत दे दिया था। कोर्ट ने पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 
सुनवाई के दौरान ईडी ने चार्जशीट दाखिल करने के पहले सतीश साना बाबू की जमानत देने का विरोध किया था । ईडी ने कहा था कि इस मामले में पहले हमने सतीश साना बाबू को गवाह बनाया लेकिन जांच में पता चला कि वो मनी लाउंड्रिंग के मामले में लिप्त है। उसके खिलाफ जांच चल रही है और जमानत देने से जांच प्रभावित होने का अंदेशा है।
सतीश साना बाबू की ओर से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा था कि हमारे बयानों की वजह से सतीश साना बाबू को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। सतीश साना बाबू एक गवाह था और गवाह को सुरक्षा मिली होती है। सतीश साना बाबू की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा था कि 2017 में मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत बयान दर्ज कराया गया जिसमें हमें गवाह बनाया गया। क्या ईडी ये कह सकती है कि सतीश साना बाबू के बयान भरोसे लायक नहीं हैं।
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 23 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 9 अगस्त को ही सतीश साना बाबू ने अपनी जमानत याचिका दायर की थी। पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने 9 अगस्त तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था। पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 1 अगस्त तक की ईडी की हिरासत में भेजा था । ईडी ने उसे 26 जुलाई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है। साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी। 
एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया । साना दुबई का कारोबारी है। सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है। कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है।



Conclusion:सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था।10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई। सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया,जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था।
Last Updated : Oct 15, 2019, 1:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.