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कोरोना में बदला 'दिल्ली का स्ट्रीट फूड', 'खानदानी पकौड़े वाले' ने घटाई वैरायटी

लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक में दिल्ली का स्ट्रीट फूड धीरे-धीरे ट्रेक पर आ रहा है. इसी बीच ईटीवी भारत की टीम सरोजिनी नगर के मशहूर खानदानी पकौड़े वाले की दुकान पर पहुंची. वहां पर टीम ने जायजा लिया कि कैसे दुकान पर कोरोना नियमों का पालन किया जा रहा है.

sarojini nagar situated khandani pakode wala reduced varieties of pakodas due to corona
कोरोना में कम हुई खानदानी पकौड़े वाले के पकौड़ों की वैरायटी
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Published : Aug 30, 2020, 12:58 PM IST

नई दिल्ली: लॉकडाउन से पहले शहर की जिन नामचीन दुकानों पर चटकारे लेने के लिए आने वाले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता था. वहीं अब यही दुकानदार लोगों को मिन्नतें कर अपनी दुकानों पर आने के लिए कह रहे हैं. क्योंकि लॉकडाउन के बाद से अब तक हम सभी खाने को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं. खासतौर पर बात अगर दिल्ली के स्ट्रीट फूड की जाए, तो इसे दिल्ली की जान कहा जाता है. और ना सिर्फ दिल्लीवासी बल्कि सैलानी भी दिल्ली का स्ट्रीट फूड खाना बेहद पसंद करते हैं. कोरोना के बीच दिल्ली का स्ट्रीट फूड कितना बदल गया है. वहीं कोरोना से बचाव के लिए दुकानदार क्या कुछ इंतजाम कर रहे हैं. इसका जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम सरोजिनी नगर के मशहूर खानदानी पकोड़े वाले की दुकान पर पहुंची.

कोरोना में कम हुई खानदानी पकौड़े वाले के पकौड़ों की वैरायटी

6 प्रकार के पकौड़े बना रहे दुकानदार

हमने देखा कि जहां खानदानी पकौड़े वाले की दुकान पर पहले पकौड़े लेने के लिए सुबह-शाम लोगों की लाइन लगी रहती थी, वहां अब कम कस्टमर आ रहे हैं. वहीं दुकान के दोनों तरफ रस्सियां बांधी गई हैं. जिससे ग्राहकों से सोशल डिस्टेंस बनाई जा सके. इसके अलावा दुकानदार विजय कुमार ने बताया कि हम पिछले 60 सालों से दिल्लीवासियों को अलग-अलग प्रकार के पकौड़े परोस रहे हैं. हालांकि, कोरोना काल में पकौड़ों की वैरायटी कम कर दी है, जहां पहले 12 से 13 प्रकार के पकौड़े बनाए जाते थे. वहीं अब सिर्फ पांच से छह प्रकार के पकौड़े ही बनाए जा रहे हैं.

बार-बार हाथ धोकर कर रहे काम


दुकानदार ने कहा कि पकौड़ों की वैरायटी इसीलिए कम की गई है, जिससे कि कस्टमर को पकौड़े का चुनाव करने में ज्यादा समय ना लगे और वह तुरंत अपना ऑर्डर लेकर चला जाए. इसके साथ ही दुकान पर काम करने वाले कारीगरों की संख्या भी कम की गई है जिसके कारण पकौड़े की वैरायटी में कमी आई है. उन्होंने बताया कि सभी वर्कर पूरी सावधानी के साथ पकौड़े बना रहे हैं. सबका कोरोना टेस्ट भी करवाया गया है. साथ ही मास्क पहनकर ही काम कर रहे हैं. इसके अलावा हम सैनिटाइजर का इस्तेमाल ना करते हुए बार-बार हाथ धो रहे हैं. क्योंकि खाना बनाते वक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने पर कोई दुर्घटना भी हो सकती है. वहीं खाने में केमिकल भी जा सकता है, इसीलिए हम साबुन से हाथ धो रहे हैं.

दुकान पर पकौड़े लेने के लिए आ रहे लोग

वहीं दुकान पर पहुंचे ग्राहक भी कोरोना से बचाव के लिए दुकान पर किए गए इंतजामों को लेकर खुश नजर आए. फरीदाबाद से पकौड़े लेने के लिए आए विनीत ने कहा कि दुकान पर साफ-सफाई का खास ध्यान रखा गया है, और हम कई सालों से यहां पर पकौड़े लेने के लिए आते हैं. इनके जैसा स्वाद कहीं और नहीं मिलता. इसके अलावा अन्य ग्राहक राजेश ने कहा कोरोना का डर तो है, लेकिन पुरानी और बड़ी दुकानों पर सावधानियां रखी जा रही है. इसीलिए हम पकौड़े लेने के लिए यहां आए हैं.

नई दिल्ली: लॉकडाउन से पहले शहर की जिन नामचीन दुकानों पर चटकारे लेने के लिए आने वाले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता था. वहीं अब यही दुकानदार लोगों को मिन्नतें कर अपनी दुकानों पर आने के लिए कह रहे हैं. क्योंकि लॉकडाउन के बाद से अब तक हम सभी खाने को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं. खासतौर पर बात अगर दिल्ली के स्ट्रीट फूड की जाए, तो इसे दिल्ली की जान कहा जाता है. और ना सिर्फ दिल्लीवासी बल्कि सैलानी भी दिल्ली का स्ट्रीट फूड खाना बेहद पसंद करते हैं. कोरोना के बीच दिल्ली का स्ट्रीट फूड कितना बदल गया है. वहीं कोरोना से बचाव के लिए दुकानदार क्या कुछ इंतजाम कर रहे हैं. इसका जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम सरोजिनी नगर के मशहूर खानदानी पकोड़े वाले की दुकान पर पहुंची.

कोरोना में कम हुई खानदानी पकौड़े वाले के पकौड़ों की वैरायटी

6 प्रकार के पकौड़े बना रहे दुकानदार

हमने देखा कि जहां खानदानी पकौड़े वाले की दुकान पर पहले पकौड़े लेने के लिए सुबह-शाम लोगों की लाइन लगी रहती थी, वहां अब कम कस्टमर आ रहे हैं. वहीं दुकान के दोनों तरफ रस्सियां बांधी गई हैं. जिससे ग्राहकों से सोशल डिस्टेंस बनाई जा सके. इसके अलावा दुकानदार विजय कुमार ने बताया कि हम पिछले 60 सालों से दिल्लीवासियों को अलग-अलग प्रकार के पकौड़े परोस रहे हैं. हालांकि, कोरोना काल में पकौड़ों की वैरायटी कम कर दी है, जहां पहले 12 से 13 प्रकार के पकौड़े बनाए जाते थे. वहीं अब सिर्फ पांच से छह प्रकार के पकौड़े ही बनाए जा रहे हैं.

बार-बार हाथ धोकर कर रहे काम


दुकानदार ने कहा कि पकौड़ों की वैरायटी इसीलिए कम की गई है, जिससे कि कस्टमर को पकौड़े का चुनाव करने में ज्यादा समय ना लगे और वह तुरंत अपना ऑर्डर लेकर चला जाए. इसके साथ ही दुकान पर काम करने वाले कारीगरों की संख्या भी कम की गई है जिसके कारण पकौड़े की वैरायटी में कमी आई है. उन्होंने बताया कि सभी वर्कर पूरी सावधानी के साथ पकौड़े बना रहे हैं. सबका कोरोना टेस्ट भी करवाया गया है. साथ ही मास्क पहनकर ही काम कर रहे हैं. इसके अलावा हम सैनिटाइजर का इस्तेमाल ना करते हुए बार-बार हाथ धो रहे हैं. क्योंकि खाना बनाते वक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने पर कोई दुर्घटना भी हो सकती है. वहीं खाने में केमिकल भी जा सकता है, इसीलिए हम साबुन से हाथ धो रहे हैं.

दुकान पर पकौड़े लेने के लिए आ रहे लोग

वहीं दुकान पर पहुंचे ग्राहक भी कोरोना से बचाव के लिए दुकान पर किए गए इंतजामों को लेकर खुश नजर आए. फरीदाबाद से पकौड़े लेने के लिए आए विनीत ने कहा कि दुकान पर साफ-सफाई का खास ध्यान रखा गया है, और हम कई सालों से यहां पर पकौड़े लेने के लिए आते हैं. इनके जैसा स्वाद कहीं और नहीं मिलता. इसके अलावा अन्य ग्राहक राजेश ने कहा कोरोना का डर तो है, लेकिन पुरानी और बड़ी दुकानों पर सावधानियां रखी जा रही है. इसीलिए हम पकौड़े लेने के लिए यहां आए हैं.

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