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इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में सरस मेले का शुभारंभ, लगे है इतने स्टॉल, जानिए

India International Trade Fair 2023, इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में किया जा रहा है. इस अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में सरस आजीविका में पूरे ग्रामीण भारत की झलक देखने को मिलेगी.

इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में सरस मेले का शुभारंभ
इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में सरस मेले का शुभारंभ
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 16, 2023, 8:11 PM IST

इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में सरस मेले का शुभारंभ

नई दिल्ली: भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में आयोजित सरस मेले का गुरुवार को औपचारिक शुभारंभ ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने किया. उन्होंने देश के दीदियों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी मेहनत से सरस आजीविका मेला आज राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है.

शैलेश सिंह ने सरस मेलों को एसएचजी दीदियों की आजीविका संवर्धन में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. दीदियों के लिए सरस मेला एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है. दो करोड़ एसएचजी दीदी को लखपति बनाने के लिए मंत्रालय विभिन्न इंटरवेंशन उपलब्ध करा रहा है, उसमें मार्केटिंग एक अहम रोल अदा करता है. वहीं, ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त सचिव चरणजीत सिंह ने सरस मेलों में पिछले 25 सालों में अबतक हुई प्रगति के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि दीदियां अपनी मेहनत से सरस मेलों की सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है.

मेले में ग्रामीण कारीगरों को अपने उत्‍पादों को बेचने के लिए मार्केटिंग सुविधा मुहैया कराई जाती है, ताकि वे अपना सामान बिना किसी बिचौलिए के सीधे ग्राहकों को बेच सकें. ग्राहकों से सीधा मोल भाव करके न केवल उन्‍हें उनकी रूचि की सीधी जानकारी मिलती है, बल्कि उन्‍हें अपनी मेहनत के वाजिब दाम भी मिलते हैं.

ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान पिछले 25 वर्षों से सरस मेलों का आयोजन करा रही है. सरस मेलों से लाखों ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के साधन मुहैया हुए. लाखों महिलाओं ने मार्केटिंग के गुण सीखे. इस वर्ष करीब 165 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें 28 राज्यों की 330 से ज़्यादा ग्रामीण महिलाएँ भाग ले रही है. मेले में भाग लेने वाली दीदियों के लिए इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है.

बता दें, 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न राज्यों के उत्पाद जैसे टसर की साड़ियां, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियां, कांथा की साड़ियां, चंदेरी साड़ियां, उत्तराखंड व हिमाचल के ऊनी उत्पाद, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, कर्नाटक व तेलंगाना के वूडन उत्पाद, झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य उत्पाद उपलब्ध रहेंगे. ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए वचनबद्ध है.

इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में सरस मेले का शुभारंभ

नई दिल्ली: भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में आयोजित सरस मेले का गुरुवार को औपचारिक शुभारंभ ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने किया. उन्होंने देश के दीदियों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी मेहनत से सरस आजीविका मेला आज राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है.

शैलेश सिंह ने सरस मेलों को एसएचजी दीदियों की आजीविका संवर्धन में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. दीदियों के लिए सरस मेला एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है. दो करोड़ एसएचजी दीदी को लखपति बनाने के लिए मंत्रालय विभिन्न इंटरवेंशन उपलब्ध करा रहा है, उसमें मार्केटिंग एक अहम रोल अदा करता है. वहीं, ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त सचिव चरणजीत सिंह ने सरस मेलों में पिछले 25 सालों में अबतक हुई प्रगति के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि दीदियां अपनी मेहनत से सरस मेलों की सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है.

मेले में ग्रामीण कारीगरों को अपने उत्‍पादों को बेचने के लिए मार्केटिंग सुविधा मुहैया कराई जाती है, ताकि वे अपना सामान बिना किसी बिचौलिए के सीधे ग्राहकों को बेच सकें. ग्राहकों से सीधा मोल भाव करके न केवल उन्‍हें उनकी रूचि की सीधी जानकारी मिलती है, बल्कि उन्‍हें अपनी मेहनत के वाजिब दाम भी मिलते हैं.

ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान पिछले 25 वर्षों से सरस मेलों का आयोजन करा रही है. सरस मेलों से लाखों ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के साधन मुहैया हुए. लाखों महिलाओं ने मार्केटिंग के गुण सीखे. इस वर्ष करीब 165 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें 28 राज्यों की 330 से ज़्यादा ग्रामीण महिलाएँ भाग ले रही है. मेले में भाग लेने वाली दीदियों के लिए इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है.

बता दें, 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न राज्यों के उत्पाद जैसे टसर की साड़ियां, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियां, कांथा की साड़ियां, चंदेरी साड़ियां, उत्तराखंड व हिमाचल के ऊनी उत्पाद, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, कर्नाटक व तेलंगाना के वूडन उत्पाद, झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य उत्पाद उपलब्ध रहेंगे. ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए वचनबद्ध है.

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