नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों ने शुक्रवार को मासिक भुगतान समेत कई मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के लिए अलग-अलग राज्यों से ईपीएफओ के कर्मचारियों दिल्ली पहुंचे और अपनी मांगों को रखा. EPS -95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति एनएसी ने गुरुवार को अपनी मांगों के लिए रामलीला मैदान में भी प्रदर्शन किया था.
वेतन बढ़ाए जाने की मांग: ईपीएफओ के कर्मचारी एमएस पाशा ने कहा कि EPS- 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. वहीं, नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है. हम लोग लगातार तीस–तीस साल से काम कर रहे हैं और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान कर रहे हैं. इसके बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में इतनी कम राशि मिल रही है, जिससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर बसर करना कठिन है. महंगाई काफी बढ़ गई है लेकिन हमारा वेतन नहीं बढ़ाया जा रहा है.
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पीएम तक आवाज पहुंचाने की कोशिश: तेलंगाना से आए प्रकाश में बताया कि हम लोग गुरुवार को रामलीला मैदान में भी अपनी मांगों को लेकर गए थे और वहां भी हमने धरना प्रदर्शन किया था. हम फिर से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि केंद्र की सरकार हमारे बारे में सोचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारे बारे में पता चल सके और पीएम तक हमारी आवाज पहुंच सके.
प्रकाश ने कहा कि देश भर में महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन हमारा पेंशन फंड बिल्कुल नहीं बढ़ रहा है. हम 30-35 सालों से नौकरी कर रहे हैं और इसके बावजूद हमारा पेंशन फंड बढ़ाया नहीं जा रहा है और इन्हीं मांगों को लेकर हम दिल्ली के जंतर मंतर पर आए हैं और सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द हमारी मांगे पूरी की जाए.
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