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भरतपुर में खुद को आग लगाने वाले साधु विजय दास की दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में मौत - दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में साधु की मौत

राजस्थान के भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान खुद को आग लगाने वाले साधु विजय दास की दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल में मौत हो गई. पिछले दो दिन से बाबा विजय दास का सफदरगंज में इलाज चल रहा था.

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Published : Jul 23, 2022, 9:06 AM IST

नई दिल्ली: अवैध खनन के खिलाफ भरतपुर में प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह की कोशिश करने वाले साधु विजय दास ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. शनिवार करीब 2.30 बजे बाबा विजय दास का दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में निधन हो गया. सफदरजंग अस्पताल प्रशासन के अनुसार विजय दास को 20 जुलाई की रात 8 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वे सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू बर्न वार्ड में भर्ती थे. पोस्टमार्टम के बाद साधु के शव को दिल्ली से राजस्थान भेजा जाएगा.

भरतपुर में करीब 553 दिन से अवैध खनन के विरोध में आंदोलन कर रहे संतों में से एक साधु विजय दास ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की थी. साधु को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दरअसल, ब्रज भूमि भरतपुर और धौलपुर में कनकाचंदल और आदी ब्रदी पर्वत हैं. सरकार ने इन्हें संरक्षित घोषित कर रखा है. दोनों पर्वत का पौराणिक महत्व है. लेकिन उसके बाद भी पर्वत के कुछ क्षेत्रों में लगातार अवैध खनन जारी है. इसे पूरी तरह से बंद कराने के लिए भरतपुर में पर्वतों के पास ही साधु संतों ने 553 दिनों से धरना दे रखा है.

लगातार बन रहे दबाव के बाद सरकार ने साधु संतों से बातचीत कर रास्ता निकालने की कोशिश की. हरिबोल दास नाम के साधु ने 19 जुलाई को खुद को राजस्थान सीएम हाउस के बाहर जिंदा जलाने की चेतावनी दी थी. लेकिन उन्हें रोक लिया गया. एक अन्य साधु इसी के विरोध में बीते मंगलवार सवेरे छह बजे से टावर पर चढ़ गए. सरकार के प्रतिनिधी उनको उतारने की कोशिश करते रहे, लेकिन कुछ देर बाद 65 वर्षीय साधु विजय दास बाबा ने खुद को आग लगा ली थी. 80 फीसद जले हालात में उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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नई दिल्ली: अवैध खनन के खिलाफ भरतपुर में प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह की कोशिश करने वाले साधु विजय दास ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. शनिवार करीब 2.30 बजे बाबा विजय दास का दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में निधन हो गया. सफदरजंग अस्पताल प्रशासन के अनुसार विजय दास को 20 जुलाई की रात 8 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वे सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू बर्न वार्ड में भर्ती थे. पोस्टमार्टम के बाद साधु के शव को दिल्ली से राजस्थान भेजा जाएगा.

भरतपुर में करीब 553 दिन से अवैध खनन के विरोध में आंदोलन कर रहे संतों में से एक साधु विजय दास ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की थी. साधु को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दरअसल, ब्रज भूमि भरतपुर और धौलपुर में कनकाचंदल और आदी ब्रदी पर्वत हैं. सरकार ने इन्हें संरक्षित घोषित कर रखा है. दोनों पर्वत का पौराणिक महत्व है. लेकिन उसके बाद भी पर्वत के कुछ क्षेत्रों में लगातार अवैध खनन जारी है. इसे पूरी तरह से बंद कराने के लिए भरतपुर में पर्वतों के पास ही साधु संतों ने 553 दिनों से धरना दे रखा है.

लगातार बन रहे दबाव के बाद सरकार ने साधु संतों से बातचीत कर रास्ता निकालने की कोशिश की. हरिबोल दास नाम के साधु ने 19 जुलाई को खुद को राजस्थान सीएम हाउस के बाहर जिंदा जलाने की चेतावनी दी थी. लेकिन उन्हें रोक लिया गया. एक अन्य साधु इसी के विरोध में बीते मंगलवार सवेरे छह बजे से टावर पर चढ़ गए. सरकार के प्रतिनिधी उनको उतारने की कोशिश करते रहे, लेकिन कुछ देर बाद 65 वर्षीय साधु विजय दास बाबा ने खुद को आग लगा ली थी. 80 फीसद जले हालात में उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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