नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले कुछ महीनों से बढ़ती सीएनजी की कीमतों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने बीते अक्टूबर माह में ऑटो रिक्शा और टैक्सी के संशोधित किराए को मंजूरी दे दी है. हालांकि इसे लागू करने के संबंध में अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन ऑटो-टैक्सी चालक इस आड़ में लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं. इस संबंध में जब दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से शिकायत की गई तो कार्रवाई की जगह उन्होंने इसके लिए उपराज्यपाल को जिम्मेदार ठहरा दिया है.
उनका कहना है कि दिल्ली सरकार ऑटो-टैक्सी किराए में बढ़ोतरी को मंजूरी दे चुकी है, इसके बावजूद अब तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हो सका है. इस वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है. दिल्ली में ऑटो टैक्सी चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं. ड्राइवरों का कहना है कि नोटिफिकेशन जारी नहीं हो पाने के कारण अभी तक वे अपने मीटर में किराए के हिसाब से रेट सेट नहीं करवा पा रहे हैं, लेकिन सरकार से मंजूरी मिल गई है तो अब सिर्फ औपचारिकता शेष है.
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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि ऑटो टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को दिल्ली सरकार ने एमसीडी चुनाव से पहले 28 अक्टूबर को ही मंजूरी दे दी थी. चुनाव आचार संहिता हटते ही कागजी कार्रवाई पूरी करके संशोधित किराए का नोटिफिकेशन जारी करने के लिए फाइल 17 दिसंबर को उपराज्यपाल कार्यालय को भेज दी गई है. फाइल उपराज्यपाल कार्यालय से पेंडिंग है. वहां से मंजूरी नहीं मिलने से ही अभी तक नोटिफिकेशन भी जारी नहीं हो पाया है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
इससे पहले, ऑटो रिक्शा के किराए में 2020 में संशोधन किया गया था, जबकि टैक्सी के किराए में, जिसमें ब्लैक एंड येलो टैक्सी, इकोनॉमी टैक्सी और प्रीमियम टैक्सी शामिल हैं, में 10 साल पहले यानि 2013 में संशोधन किया गया था. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को इस पर ऑटो रिक्शा और टैक्सी संघों व यूनियनों से कई आवेदन प्राप्त हुए थे. सीएनजी की बढ़ती कीमतों से ऑटो रिक्शा व टैक्सी की लागत, रखरखाव और चालकों की आमदनी को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों के मद्देनजर किराए की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए मई 2022 में 13 सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया था. समिति की सिफारिश पर दिल्ली सरकार ने मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी तक इसे उपराज्यपाल से मंजूरी नहीं मिली है.
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