नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की तरफ से कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण बीते 5 महीने में देश के रिटेल व्यापार को 19 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.
जिसके चलते घरेलू व्यापार में काफी उथल-पुथल मच गई है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी देशभर में हर व्यापारी बड़े संकट से गुजर रहा है. इसे लेकर कैट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मदद की अपील की है.
कैट की तरफ से कहा गया है कि अनलॉक हो जाने पर बाजार और दुकानें खुल चुकी हैं, लेकिन अभी भी ग्राहक बेहद कम पहुंच रहे हैं. इसके चलते व्यापारियों का काम पूरी तरीके से ठप है. हालांकि उन पर अन्य वित्तीय जिम्मेदारियां वैसी की वैसी ही बनी हुई हैं.
व्यापारियों ने जो सामान लिया था और जो स्टॉक उनके पास पहले से मौजूद है, उसकी अभी तक बिक्री नहीं हो पाई है. इसके साथ बैंक की ईएमआई, किराया वर्करों की सैलरी समेत सभी खर्चे बने हुए हैं.
बेरोजगारी की समस्या
कैट की तरफ से कहा गया है कि केवल राजधानी में ही नहीं बल्कि सभी बड़े शहरों में व्यापारियों की यही स्थिति बनी हुई है. आने वाले समय में इससे ज्यादा नुकसान देश को भुगतना पड़ सकता है. साथ ही दुकानदारों को अपना व्यापार और दुकानें बंद करने की नौबत आ सकती है. जिसके चलते न केवल बेरोजगारी बढ़ेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा.
कैट ने बताया-
घरेलू व्यापार को अप्रैल में लगभग 5 लाख करोड़, मई में साढ़े 4 लाख करोड़, जून में लगभग चार लाख करोड़, जुलाई में लगभग तीन लाख करोड़ और अगस्त में ढाई लाख करोड़ के व्यापार का घाटा हुआ है.
कैट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है कि फिलहाल व्यापारियों पर ब्याज का बोझ ना डाला जाए. बैंक व्यापारियों पर लगातार ब्याज के लिए दवाब ना डालें. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा कि सरकार अन्य क्षेत्रों में भी कर्ज माफ करती है, हम मौजूदा स्थिति में केवल व्यापारियों को कुछ मोहलत देने की मांग कर रहे हैं.