ETV Bharat / state

दिल्ली दंगे 2020: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट निरस्त करने की मांग पर जवाब-तलब

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगे को लेकर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की ओर से बनाईए गई रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग पर नोटिस जारी किया है.

delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट
author img

By

Published : Feb 23, 2021, 10:59 PM IST

नई दिल्ली: चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को 26 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका धर्मेश शर्मा ने दायर किया है। याचिकाकर्ता खुद दंगा पीड़ित हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग समेत दूसरे संगठनों की ओर से दिल्ली दंगा पर बनाई गई रिपोर्ट को चुनौती दी है.

मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद रिपोर्ट बनाई गई

याचिका में ह्यूमन राईट्स वाच, सिटिजंस एंड लॉयर्स इनिशिएटिव, एमनेस्टी इंटरनेशन इंडिया, कास्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप की रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इन संगठनों को ऐसी रिपोर्ट बनाने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. इन संगठनों ने दिल्ली दंगों का मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद ये रिपोर्ट बनाई.

पढ़ें-केजरीवाल सरकार का दावा, पीड़ितों को मुआवजे में दिए 26 करोड़

रिपोर्ट में एकतरफा हिंसा की की बात
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आम लोग समझते हैं कि अल्पसंख्य आयोग एक न्यायिक निकाय है. इसलिए इसकी पड़ताल करने की जरुरत है. दरअसल दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि दंगों में समुदाय विशेष को टारगेट किया गया.

पढ़ें-लाल किला हिंसा: दीप सिद्धू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

नई दिल्ली: चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग को 26 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका धर्मेश शर्मा ने दायर किया है। याचिकाकर्ता खुद दंगा पीड़ित हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग समेत दूसरे संगठनों की ओर से दिल्ली दंगा पर बनाई गई रिपोर्ट को चुनौती दी है.

मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद रिपोर्ट बनाई गई

याचिका में ह्यूमन राईट्स वाच, सिटिजंस एंड लॉयर्स इनिशिएटिव, एमनेस्टी इंटरनेशन इंडिया, कास्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप की रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इन संगठनों को ऐसी रिपोर्ट बनाने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. इन संगठनों ने दिल्ली दंगों का मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद ये रिपोर्ट बनाई.

पढ़ें-केजरीवाल सरकार का दावा, पीड़ितों को मुआवजे में दिए 26 करोड़

रिपोर्ट में एकतरफा हिंसा की की बात
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आम लोग समझते हैं कि अल्पसंख्य आयोग एक न्यायिक निकाय है. इसलिए इसकी पड़ताल करने की जरुरत है. दरअसल दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि दंगों में समुदाय विशेष को टारगेट किया गया.

पढ़ें-लाल किला हिंसा: दीप सिद्धू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.