नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी ( DPCC) के मौजूदा अध्यक्ष अश्विनी कुमार को निलंबित करने की सिफारिश की है. केजरीवाल ने अश्विनी कुमार पर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों में बाधा डालने का आरोप लगाया है.
पर्यावरण मंत्री ने की थी सिफारिश: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी डीपीसीसी के मौजूदा अध्यक्ष अश्विनी कुमार के निलंबन की सिफारिश मुख्यमंत्री से की थी. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने प्रदूषण से लड़ने के लिए जो रियल टाइम स्टडी आईआईटी कानपुर के साथ शुरू करवाई थी, उसको आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार ने बिना सरकार से सलाह मशविरा किए रुकवा दिया था. इतना ही नहीं पर्यावरण मंत्री ने ये भी आरोप लगाया था कि अश्वनी कुमार ने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली कैबिनेट के निर्णय से शुरू किया गया स्मॉग टॉवर भी बंद करवाया.
सुप्रीम कोर्ट ने भी स्मॉग टावर बंद पड़े होने पर सख्त नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि स्मॉग टावर कब काम करेंगे? साथ ही यह भी कहा कि हम नहीं जानते कि सरकार कैसे स्मॉग टावर शुरू करेगी, लेकिन इसे तुरंत शुरू होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के चेयरमैन अश्विनी कुमार को अगली सुनवाई के दौरान खुद पेश होने का निर्देश दिया है.
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लगातार होती है कार्रवाई की मांग: इससे पहले भी दिल्ली सरकार में मंत्री बनाम अधिकारियों की लड़ाई में अश्विनी कुमार मंत्रियों के निशाने पर रहे हैं. गत जुलाई माह में जब दिल्ली में बाढ़ आई थी, तब दिल्ली में बाढ़ के आने से जो बदइंतजामी हुई है इसको लेकर मंत्रियों और अधिकारियों ने एक दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप किया था.
दिल्ली सरकार के बाढ़ नियंत्रण एवं सिंचाई विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर की मुख्य सचिव, डिवीजनल कमिश्नर और फ्लड कंट्रोल सचिव पर कार्रवाई की मांग की थी. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आईटीओ के पास दिल्ली जल बोर्ड का रेगुलेटर टूटने और मरम्मत से जुड़े घटनाक्रम का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा था कि डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए तैनात आईएएस अधिकारी डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार और मुख्य सचिव नरेश कुमार को बार-बार आईटीओ स्थित गेट नंबर 12 के रेगुलेटर क्षतिग्रस्त होने की जानकारी दी जा रही थी.
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