नई दिल्ली: नारी शक्ति वंदन अधिनियम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिल गई है. अब यह अधिनियम कानून बन गया है. इस बीच आरजेडी के नेता और बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आरक्षण को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण के नाम पर लिपस्टिक और बॉब कट वाली महिलाएं संसद आएंगी. उनके इस बयान के बाद देशभर में बवाल मच गया है. वहीं, ईटीवी भारत की टीम ने इस पर महिलाएं क्या सोचती है इसको लेकर राजधानी में महिलाओं से खुलकर बातचीत की.
दिल्ली की रहने वाली डॉक्टर आशा शुक्ला ने बताया कि जो बयान राजद के नेता ने दिया है वो बेहद ही घटिया है. किसी भी पुरुष को किसी भी महिला के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. महिला क्या कर रही है उसका पति उसकी देखरेख के लिए है. जो कोई लड़की बिना शादीशुदा है तो उसके माता-पिता उसे देख रहे हैं. महिला आज पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर एक क्षेत्र में काम कर रही है और आगे बढ़ रही है.
सबा खान कहती है कि उन्होंने कुछ सोच समझ कर ऐसा बोला होगा लेकिन उनका यह बयान गलत है. महिलाओं को आगे बढ़ाने की मौके दिए जानी चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं को आगे बढ़ाने के मौके दिए जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह उनकी सोच और मानसिकता को दर्शाता है.
शुभम तिवारी का कहना है कि राजद के नेता कुछ भी बयानबाजी कर सकते हैं. यह अब्दुल बारी सिद्दीकी की मानसिकता को दर्शाता है कि वह महिलाओं की प्रति किस तरह की घटिया सोच रखते हैं. लोगों को ऐसे नेताओं को ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहिए. शुभम ने आगे कहा कि अटल बिहारी वाजपेई के जमाने की राजनीति और अब की राजनीति पूरी तरह से बदल गई है. अब नेता सिर्फ घटिया बयान देते हैं. कुछ भी वह सोचते और समझते नहीं है.
वहीं, विशाल सिंह ने बताया कि अभी-अभी इस बयान को सुना है. इस तरह के बयान नेताओं को नहीं देने चाहिए, क्योंकि वह चुनी गई जनता के प्रतिनिधि होते हैं. जनता उन्हें अपना आइडल मानती है. इस तरह के बयान से जनता का नेताओं के प्रति जो तालमेल था वह अब काम होता जा रहा है.
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