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'दलित समाज का मंदिर 20 बाई 20 में समेटना चाहती है BJP'

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Published : Oct 19, 2019, 12:34 PM IST

दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने संत रविदास मंदिर को लेकर बीजेपी पर निशाना साथा है.

राजेश लिलोठिया ने बीजेपी पर साधा निशाना

नई दिल्ली: संत गुरु रविदास मंदिर को तोड़े जाने के बाद भले ही केंद्र सरकार ने मंदिर को दोबारा बनाने की बात की हो. लेकिन दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया बीजेपी के खिलाफ अडिग दिख रहे हैं. राजेश लिलोठिया का कहना है कि बीजेपी मंदिर के निर्माण को लेकर दोहरा रवैया निभा रही है.

राजेश लिलोठिया ने बीजेपी पर साधा निशाना

'लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं'
दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया का कहना है संत गुरु रविदास का मंदिर 600 साल पुराना है. ऐसे में दलित समाज के हजारों लोगों की आस्था लंबे अरसे से जुड़ी हुई है, लेकिन जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर को तोड़ दिया गया. उससे दलित समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार पैसों वालों के मंदिर को तो भव्य बनाने की बात कर रही है. लेकिन दलित समाज की आस्था के प्रतीक माने जाने वाले संत गुरु रविदास के मंदिर को 20 बाई 20 के एक कमरे में समेटना चाहती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ मुद्दों से भटकाने की कोशिश करती है, जिससे कि लोग ऊपरी तौर पर फैसले को देख पाए. लेकिन असल में बीजेपी की साजिश बेहद ही भटकाव होती है.

'दोहरी राजनीति करती है बीजेपी'
लिलोठिया ने कहा कि बीजेपी जब से केंद्र सरकार में आई है तब से वह दोहरी राजनीति कर रही है. संत गुरु रविदास के मंदिर को लेकर भी वह यही नीति को अपना रही है. उन्होंने कहा कि जहां एक और बीजेपी भव्य मंदिर के निर्माण के बड़े-बड़े वादे करती है तो वहीं दूसरी ओर जहां उनकी आंखों के सामने तुगलकाबाद स्तिथ रविदास के मंदिर को तोड़ा जाता है तो वह उसे रोकने में भी नाकाम साबित होते हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने मंदिर को बनाने बात तो कही, लेकिन उन्होंने सरकार की ओर से यह कहा कि उस मंदिर को सिर्फ 200 स्क्वायर फीट में बनाया जाए.

नहीं हुआ फैसले में बदलाव तो जताएंगे विरोध
राजेश लिलोठिया का कहना है कि बीजेपी सरकार सिर्फ लोगों को भड़काने की राजनीति करती है और इस बार संत गुरु रविदास के मंदिर को लेकर भी वो इसी रणनीति को अपना रही है. उनका मानना है कि दलित समाज और कांग्रेस इस फैसले से बिल्कुल भी खुश नहीं है और अगर जरूरत पड़ी तो एक बार फिर के सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे. लेकिन इस बात से बिल्कुल भी हम सहमति नहीं जताएंगे है कि रविदास मंदिर को 20 बाय 20 के कमरे में समेट दिया जाए.

नई दिल्ली: संत गुरु रविदास मंदिर को तोड़े जाने के बाद भले ही केंद्र सरकार ने मंदिर को दोबारा बनाने की बात की हो. लेकिन दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया बीजेपी के खिलाफ अडिग दिख रहे हैं. राजेश लिलोठिया का कहना है कि बीजेपी मंदिर के निर्माण को लेकर दोहरा रवैया निभा रही है.

राजेश लिलोठिया ने बीजेपी पर साधा निशाना

'लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं'
दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया का कहना है संत गुरु रविदास का मंदिर 600 साल पुराना है. ऐसे में दलित समाज के हजारों लोगों की आस्था लंबे अरसे से जुड़ी हुई है, लेकिन जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर को तोड़ दिया गया. उससे दलित समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार पैसों वालों के मंदिर को तो भव्य बनाने की बात कर रही है. लेकिन दलित समाज की आस्था के प्रतीक माने जाने वाले संत गुरु रविदास के मंदिर को 20 बाई 20 के एक कमरे में समेटना चाहती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ मुद्दों से भटकाने की कोशिश करती है, जिससे कि लोग ऊपरी तौर पर फैसले को देख पाए. लेकिन असल में बीजेपी की साजिश बेहद ही भटकाव होती है.

'दोहरी राजनीति करती है बीजेपी'
लिलोठिया ने कहा कि बीजेपी जब से केंद्र सरकार में आई है तब से वह दोहरी राजनीति कर रही है. संत गुरु रविदास के मंदिर को लेकर भी वह यही नीति को अपना रही है. उन्होंने कहा कि जहां एक और बीजेपी भव्य मंदिर के निर्माण के बड़े-बड़े वादे करती है तो वहीं दूसरी ओर जहां उनकी आंखों के सामने तुगलकाबाद स्तिथ रविदास के मंदिर को तोड़ा जाता है तो वह उसे रोकने में भी नाकाम साबित होते हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने मंदिर को बनाने बात तो कही, लेकिन उन्होंने सरकार की ओर से यह कहा कि उस मंदिर को सिर्फ 200 स्क्वायर फीट में बनाया जाए.

नहीं हुआ फैसले में बदलाव तो जताएंगे विरोध
राजेश लिलोठिया का कहना है कि बीजेपी सरकार सिर्फ लोगों को भड़काने की राजनीति करती है और इस बार संत गुरु रविदास के मंदिर को लेकर भी वो इसी रणनीति को अपना रही है. उनका मानना है कि दलित समाज और कांग्रेस इस फैसले से बिल्कुल भी खुश नहीं है और अगर जरूरत पड़ी तो एक बार फिर के सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे. लेकिन इस बात से बिल्कुल भी हम सहमति नहीं जताएंगे है कि रविदास मंदिर को 20 बाय 20 के कमरे में समेट दिया जाए.

Intro:पैसे वालों का भव्य और दलित समाज का 20 बाई 20 में मंदिर समेटना चाहती है बीजेपी:राजेश लिलोठिया


नई दिल्ली: दलित समाज की आस्था के प्रतीक माने जाने वाले संत गुरु रविदास के मंदिर को तोड़े जाने के बाद भले ही केंद्र सरकार ने मंदिर को दोबारा बनाने की बात की हो. लेकिन इस पर दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया बीजेपी के खिलाफ अडिग होते दिख रहे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी मंदिर के निर्माण को लेकर दोहरा रवैया निभा रही है. तो आइए जानते हैं राजेश लिलोठिया का संत गुरु रविदास मंदिर बनाए जाने पर क्या कुछ कहना है.


Body:पैसे वालों का भव्य, और गरीबो के मंदिर को 20 बाई 20 में सिमेटना गलत
दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया का कहना है संत गुरु रविदास का मंदिर 600 साल पुराना है.ऐसे में दलित समाज के हजारों लोगों की आस्था लंबे अरसे से जुड़ी हुई है. लेकिन जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर को तोड़ दिया गया उससे दलित समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार पैसों वालों के मंदिर को तो भव्य बनाने की बात कर रही है. लेकिन दलित समाज की आस्था के प्रतीक माने जाने वाले संत गुरु रविदास के मंदिर को 20 बाई 20 के एक कमरे में समेटना चाहती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ मुद्दों से भटकाने की कोशिश करती है, जिससे कि लोग ऊपरी तौर पर फैसले को देख पाए. लेकिन असल में बीजेपी की साजिश बेहद ही भटकाव होती है.

दोहरी राजनीति करती है बीजेपी
लिलोठिया ने कहा कि बीजेपी जब से केंद्र सरकार में आई है तब से वह दोहरी राजनीति कर रही है. संत गुरु रविदास के मंदिर को लेकर भी वह यही नीति को अपना रही है. उन्होंने कहा कि जहां एक और बीजेपी भव्य मंदिर के निर्माण के बड़े-बड़े वादे करती है तो वहीं दूसरी ओर जहां उनकी आंखों के सामने तुगलकाबाद स्तिथ रविदास के मंदिर को तोड़ा जाता है तो वह उसे रोकने में भी नाकाम साबित होते हैं.उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दरमियान अटॉर्नी जनरल ने मंदिर को बनाने बात तो कही, लेकिन उन्होंने सरकार की ओर से यह कहा कि उस मंदिर को सिर्फ 200 स्क्वायर फीट में बनाया जाए.


नहीं हुआ फैसले में बदलाव तो जताएंगे विरोध
राजेश लिलोठिया का कहना है कि बीजेपी सरकार सिर्फ लोगों को भड़काने की राजनीति करती है. और इस बार संत गुरु रविदास के मंदिर को लेकर भी वह इसी रणनीति को अपना रही है.उनका मानना है कि दलित समाज और कांग्रेस इस फैसले से बिल्कुल भी खुश नहीं है .और अगर जरूरत पड़ी तो एक बार फिर के सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे. लेकिन इस बात से बिल्कुल भी हम सहमति नहीं जताएंगे है कि रविदास मंदिर को 20 बाय 20 के कमरे में समेट दिया जाए.


Conclusion:फिलहाल संत गुरु रविदास के मंदिर को बनाए जाने को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगी. देखना होगा कि मंदिर को तोड़े जाने के बाद जहां दोबारा बनाए जाने की बात की जा रही है. उस पर सुप्रीम कोर्ट क्या उचित फैसला सुनाती है.
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