नई दिल्ली: बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर में हुई घटना के विरोध में 150 देशों में इस्कॉन सोसाइटी से जुड़े लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी सोसायटी से जुड़े लोग इकट्ठा हुए और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की. महंतों और पुजारियों ने घटना में संलिप्त दोषियों के खिलाफ एक्शन और भविष्य में ऐसी घटना न हो इसे लेकर उचित कदम उठाने की मांग की है.
ईटीवी भारत से बातचीत में द्वारका इस्कॉन से आए अमोघ लीलदास कहते हैं कि इससे पहले भी बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ घटनाएं हुई हैं. हिन्दू शांतिप्रिय धर्म है और उनके साथ ऐसी घटनाएं होती हैं. स्त्रियों के प्रति हिंसा होती है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार से न्याय की उम्मीद है. साथ ही, वो कहते हैं कि हमें विश्वास है कि पीएम मोदी बांग्लादेश सरकार के साथ बैठकर बातचीत करेंगे और हल निकलेंगे.
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वहीं,बृजेंद्र नंदनदास कहते हैं कि बांग्लादेश में जो भी हो रहा है वह ठीक नहीं है. हिंदुओं के साथ यह अत्याचार है. हम इसका विरोध कर रहे हैं और सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार भी इस दिशा में कदम उठाए क्योंकि भारत के बांग्लादेश से अच्छे संबंध हैं. बांग्लादेश सरकार के साथ मिलकर मिलकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
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दरअसल, 16 अक्तूबर को बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और इस्कॉन मंदिर पर भीड़ द्वारा हमले की घटना हुई थी. खबरों के मुताबिक बांग्लादेश में यह हिंसा उस समय भड़की जब इस्लाम की पवित्र किताब कुरान की एक प्रति दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू देवी के पैर में रखी मिली. दोषियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि घटना के बाद इसके विरोध में दुनियाभर में प्रदर्शन हो रहे हैं.
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