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'गांधी के रास्ते पर चलकर CAA की वापसी तक चलता रहे आंदोलन'

एक तरफ केंद्र सरकार CAA और NRC बिल को लेकर देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शन को खत्म करने के लिए नए नए हथकंडे अपना रही है, वहीं लोगों में सरकार के खिलाफ रोष लगातार बढ़ता जा रहा है. मुस्लिम बुद्धिजियों का कहना है कि बिल वापस लिए जाने तक आंदोलन ऐसे ही पूरे देश मे चलते रहने चाहिए.

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Published : Jan 3, 2020, 10:14 AM IST

protest against CAA must carry on the way of gandhi
CAA के विरोध में क्या बोले मुस्लिम बुद्धिजीवी

नई दिल्ली: देशभर में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला लगातार चल रहा है. हालांकि प्रशासन कुछ जगहों पर लगातार धारा 144 लगाए हुए है. मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि सरकार के इस कानून को वापस लेने तक गांधी के रास्ते पर चलते हुए यह आंदोलन चलते रहने चाहिए.

CAA के विरोध में क्या बोले मुस्लिम बुद्धिजीवी

उन्होंने ये भी कहा कि आरएसएस देश मे हिंदुत्व लाना चाहती है, इसीलिए कुछ लोग देश को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं.

'21 प्वॉइंट पर होगी जनगणना'
यमुनापार के बड़े मदरसों में शुमार बेहद प्रभावशाली मदरसा बाबुल उलूम के इंचार्ज मौलाना दाऊद ने कहा कि मर्दमशुमारी (जनगणना) कहने को हर दस साल में होती है. सरकार ने इसी में 7-8 प्वॉइंट जोड़कर इसे बहुत कठिन बना दिया है. पहले मर्दमशुमारी में जहां महज 14 प्वॉइंट होते थे, जिन्हें अब बढ़ाते हुए 21 कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि मेरा दावा है कि हुकूमत में बैठे आधे से ज्यादा लोगों के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं होगा. पहले वो गांवों के प्रधान, चौकीदार के यहां जन्मतिथि दर्ज होती थी. ऐसे में कान इधर से न पकड़कर हाथ घुमाकर पकड़ लो, बात एक ही रहती है.

'गांधी के रास्ते चलकर जारी रखना होगा आंदोलन'
प्रमुख समाजसेवी शाहिद चंगेज़ी ने कहा कि आज हिंदुस्तान का कोना-कोना NRC और CAA के खिलाफ होने वाले आंदोलन में शामिल हो चुका है. सरकार को अपना काम रोकना पड़ेगा और अवाम की बात सुन्नी पड़ेगी. हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सड़कों पर आ गए हैं. सरकार को हर वर्ग को समझाते हुए कहना पड़ेगा कि आप अपना आंदोलन वापस लो, हम यह कानून वापस ले रहे हैं.

इसे देखकर लगता है कि देश गृह युद्ध की तरफ बढ रहा है. पिछले दिनों आरक्षण को लेकर राजपूतों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि प्रदर्शन के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि RSS और BJP के लोग इनमें शामिल होकर माहौल खराब कर सकते हैं और बदनाम मुसलमान होगा. हमें गांधी के रास्ते पर चलकर इस आंदोलन को जारी रखना होगा.

'RSS देश में हिंदुत्व लाना चाहती है'
दिल्ली हाई कोर्ट से जुड़े एडवोकेट इनायतुल्लाह खान ने NPR पर सरकार का कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग देश को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं. RSS देश में हिंदुत्व लाना चाहती है. माना कि सरकार यह ले भी आती है तो तीन करोड़ लोगों को डिटेंशन सेंटर में रखेंगे तो उन्हें खाने को कौन देगा, पीने को कौन देगा, उन्हें कपड़े कौन देगा. यह सरकार का सिर्फ पागलपन है. डिटेशन सेंटर बनाने में दो चार जफर तो खर्च होंगे नहीं बल्कि करोड़ों अरबों रुपए खर्च होंगे.

नई दिल्ली: देशभर में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला लगातार चल रहा है. हालांकि प्रशासन कुछ जगहों पर लगातार धारा 144 लगाए हुए है. मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि सरकार के इस कानून को वापस लेने तक गांधी के रास्ते पर चलते हुए यह आंदोलन चलते रहने चाहिए.

CAA के विरोध में क्या बोले मुस्लिम बुद्धिजीवी

उन्होंने ये भी कहा कि आरएसएस देश मे हिंदुत्व लाना चाहती है, इसीलिए कुछ लोग देश को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं.

'21 प्वॉइंट पर होगी जनगणना'
यमुनापार के बड़े मदरसों में शुमार बेहद प्रभावशाली मदरसा बाबुल उलूम के इंचार्ज मौलाना दाऊद ने कहा कि मर्दमशुमारी (जनगणना) कहने को हर दस साल में होती है. सरकार ने इसी में 7-8 प्वॉइंट जोड़कर इसे बहुत कठिन बना दिया है. पहले मर्दमशुमारी में जहां महज 14 प्वॉइंट होते थे, जिन्हें अब बढ़ाते हुए 21 कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि मेरा दावा है कि हुकूमत में बैठे आधे से ज्यादा लोगों के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं होगा. पहले वो गांवों के प्रधान, चौकीदार के यहां जन्मतिथि दर्ज होती थी. ऐसे में कान इधर से न पकड़कर हाथ घुमाकर पकड़ लो, बात एक ही रहती है.

'गांधी के रास्ते चलकर जारी रखना होगा आंदोलन'
प्रमुख समाजसेवी शाहिद चंगेज़ी ने कहा कि आज हिंदुस्तान का कोना-कोना NRC और CAA के खिलाफ होने वाले आंदोलन में शामिल हो चुका है. सरकार को अपना काम रोकना पड़ेगा और अवाम की बात सुन्नी पड़ेगी. हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सड़कों पर आ गए हैं. सरकार को हर वर्ग को समझाते हुए कहना पड़ेगा कि आप अपना आंदोलन वापस लो, हम यह कानून वापस ले रहे हैं.

इसे देखकर लगता है कि देश गृह युद्ध की तरफ बढ रहा है. पिछले दिनों आरक्षण को लेकर राजपूतों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि प्रदर्शन के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि RSS और BJP के लोग इनमें शामिल होकर माहौल खराब कर सकते हैं और बदनाम मुसलमान होगा. हमें गांधी के रास्ते पर चलकर इस आंदोलन को जारी रखना होगा.

'RSS देश में हिंदुत्व लाना चाहती है'
दिल्ली हाई कोर्ट से जुड़े एडवोकेट इनायतुल्लाह खान ने NPR पर सरकार का कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग देश को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं. RSS देश में हिंदुत्व लाना चाहती है. माना कि सरकार यह ले भी आती है तो तीन करोड़ लोगों को डिटेंशन सेंटर में रखेंगे तो उन्हें खाने को कौन देगा, पीने को कौन देगा, उन्हें कपड़े कौन देगा. यह सरकार का सिर्फ पागलपन है. डिटेशन सेंटर बनाने में दो चार जफर तो खर्च होंगे नहीं बल्कि करोड़ों अरबों रुपए खर्च होंगे.

Intro:देशभर में CAA और NRC बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला बदस्तूर चल रहा है, हालांकि प्रशासन कुछ जगहों पर लगातार धारा 144 लगाए हुए हैं.मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि सरकार के इन बिल को वापस लेने तक गांधी के रास्ते पर चलते हुए यह आंदोलन चलते रहने चाहिए.आरएसएस देश मे हिंदुत्व लाना चाहती है,इसीलिए कुछ लोग देश को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं.


Body:एक तरफ केंद्र सरकार CAA और NRC बिल को लेकर देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शन को खत्म करने के लिए नए नए हथकंडे अपना रही है, वहीं लोगों में सरकार के खिलाफ रोष लगातार बढ़ता जा रहा है. मुस्लिम बुद्धिजियों का कहना है कि बिल वापस लिए जाने तक आंदोलन ऐसे ही पूरे देश मे चलते रहने चाहिए.

यमुनापार के बड़े मदरसों में शुमार और क्षेत्र में बेहद प्रभावशाली मदरसा बाबुल उलूम के इंचार्ज मौलाना दाऊद ने कहा कि मर्दमशुमारी (जनगणना) कहने को हर दस साल में होती रही है,सरकार ने इसी में 7-8 प्वॉइंट जोड़कर इसे बहुत कठिन बना दिया है. पहले मर्दमशुमारी में जहां महज 14 प्वॉइंट होते थे,जिन्हें अब बढाते हुए 21 कर दिया गया है.जैसे माता पिता कहां रहते हैं,उन्होंने कहा कि मेरा दावा है कि हुकूमत में बैठे आधे से ज्यादा लोगों के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं होगा.पहले तो गांवों के प्रधान, चौकीदार के यहां जन्मतिथि दर्ज होती थी, ऐसे में कान इधर से न पकड़कर हाथ घुमाकर पकड़ लो, बात एक ही रहती है.


गांधी के रास्ते चलकर जारी रखना होगा आंदोलन
प्रमुख समाजसेवी शाहिद चंगेज़ी ने कहा कि आज हिंदुस्तान का कोना कोना NRC और CAA के खिलाफ होने वाले आंदोलन में शामिल हो चुका है, सरकार को अपना काम रोकना पड़ेगा और अवाम की बात को सुन्नी पड़ेगी.हिंदू,मुस्लिम, सिख और ईसाई सड़कों पर आ गए हैं. सरकार को हर वर्ग को समझाते हुए कहना पड़ेगा कि आप अपना आंदोलन वापस लो, हम यह कानून वापस ले रहे हैं.इसे देखकर लगता है कि देश गृह युद्ध की तरफ बढ रहा है, पिछले दिनों आरक्षण को लेकर राजपूतों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जगह जगह यह सब पहुंचते पहुंचते .उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि प्रदर्शन के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि RSS और BJP के लोग इनमें शामिल होकर माहौल खराब कर सकते हैं, और बदनाम मुसलमान होगा. गांधी के रास्ते पर चलकर इस आंदोलन को जारी रखना होगा.

दिल्ली हाई कोर्ट से जुड़े एडवोकेट इनायतुल्लाह खान ने NPR पर सरकार का कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग देश को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं, RSS देश में हिंदुत्व लाना चाहती है. माना कि सरकार यह ले भी आती है तो तीन करोड़ लोगों को डिटेंशन सेंटर में रखेंगे तो उन्हें खाने को कौन देगा, पीने को कौन देगा,उन्हें कपड़े कौन देगा.यह सरकार का सिर्फ पागलपन है,डिटेशन सेंटर बनाने में दो चार जफर तो खर्च होंगे नहीं बल्कि करोड़ों अरबों रुपए खर्च होंगे.



Conclusion:बाईट 1
मौलाना दाऊद
इंचार्ज, मदरसा बाबुल उलूम

बाईट 2
शाहिद चंगेज़ी
समाजसेवी

बाईट 3
इनायतुल्लाह खान
एडवोकेट,दिल्ली हाई कोर्ट
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