ETV Bharat / state

Prisoner in Tihar Jail: तिहाड़ के इतिहास में पहले नहीं आई ऐसी चुनौती - news of tihar jail

दिल्ली ही नहीं देश की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में तिहाड़ जेल के सुर्खियों में रहने की वजह न सिर्फ तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए हैरानी भरा था, बल्कि जिसने भी सुना वह भी हैरान रह गया. पिछले सप्ताह सैकड़ों कैदी स्वयं जेल जाने के लिए बाहर लाइन लगाए खड़े रहे.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 12, 2023, 1:31 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में जब से तिहाड़ जेल की स्थापना हुई, तब से लेकर अब तक हजारों कैदी अपराध करने के बाद तिहाड़ जेल लाए गए, लेकिन पिछले सप्ताह सैकड़ों कैदी स्वयं जेल जाने के लिए बाहर लाइन लगाए खड़े रहे और अपनी बारी का इंतजार करते रहे. साल 2020 में आई कोरोना महामारी तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी. इस दौरान 4000 कैदियों को पैरोल देकर जेल से बाहर भेज दिया गया था.

साल 2020 में कोरोना चरम पर था और तिहाड़ जेल में भी संक्रमण फैल गया था. जेल में क्षमता से अधिक कैदी थे. कोर्ट ने बुजुर्ग कैदियों व अच्छे आचरण वाले कैदियों को पैरोल पर बाहर करने का निर्देश जारी किया. कोरोना तेजी से फैलने लगा, तो जेल प्रशासन से लेकर कोर्ट तक यह चिंता सताने लगी कि अगर कोरोना तेजी से फैला तो जेल में काफी कैदी इसकी चपेट में आ सकते हैं. इसी वजह से एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए लगभग 4000 कैदियों को पैरोल देकर जेल से बाहर भेज दिया गया.

तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए चिंता का विषय: हालांकि, इससे पहले या तो 60 साल से अधिक उम्र के कैदियों को या फिर विशेष परिस्थिति में ही पैरोल देने की व्यवस्था थी. इतने कैदियों के दो साल से अधिक का समय बीतने के बावजूद जेल वापस नहीं लौटना तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया. इतना ही नहीं जेल प्रशासन को इसके लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल के दौरान पैरोल पर भेजे गए लगभग 4000 कैदियों को 8 अप्रैल तक जेल वापस आने का निर्देश दिया. जिसके बाद कैदियों के जेल वापस आने के लिए जेल के बाहर कतारें लगनी शुरू हो गई. कोर्ट द्वारा तय की गई डेडलाइन के बाद भी कैदियों के आने का सिलसिला जारी रहा और तिहाड़ जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 2100 कैदी वापस लौट चुके हैं. लेकिन अभी भी बाकी ऐसे कैदी हैं, जो कोरोनाकाल में पैरोल पर भेजे गए थे. वह नहीं लौटे हैं.

ये भी पढ़ें : Prisoners Rush in Tihar Jail : तिहाड़ जेल जाने के लिए कैदियों की लंबी लाइन, जानें क्या है मामला

हर कैदी की कंडीशन अलग-अलग : इस संबंध में तिहाड़ जेल के पीआरओ अरविंद कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि जो कैदी वापस नहीं लौटे हैं उनमें अलग-अलग कंडीशन हैं. जिसको लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन वापस लाने की प्रक्रिया में जुटा है. जेल प्रशासन के अनुसार उन्हें भी जल्द समर्पण कराया जाएगा, हालांकि पैरोल पर भेजे गए कैदियों में कई गंभीर अपराध में शामिल कैदी भी हैं. जब तक वैसे सभी कैदी तिहाड़ जेल में वापस नहीं आ जाते तब तक कहीं न कहीं जेल प्रशासन की चिंता बनी रहेंगी.

तिहाड़ जेल में 32 फीसद कैदी दिल्ली से बाहर के : तिहाड़ जेल में 32 फीसद कैदी दिल्ली से बाहर के हैं. जिनमें 28 फीसद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर आदि राज्यों के हैं. बाकी 4 फीसद कैदी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, नेपाल, इटली, यूके, बांग्लादेश मूल के हैं. तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक हैं कैदी, इस जेल की क्षमता सिर्फ 10 हजार कैदियों की है, जबकि यहां अभी 14 हजार कैदी रखे जा रहे हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली में जब से तिहाड़ जेल की स्थापना हुई, तब से लेकर अब तक हजारों कैदी अपराध करने के बाद तिहाड़ जेल लाए गए, लेकिन पिछले सप्ताह सैकड़ों कैदी स्वयं जेल जाने के लिए बाहर लाइन लगाए खड़े रहे और अपनी बारी का इंतजार करते रहे. साल 2020 में आई कोरोना महामारी तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी. इस दौरान 4000 कैदियों को पैरोल देकर जेल से बाहर भेज दिया गया था.

साल 2020 में कोरोना चरम पर था और तिहाड़ जेल में भी संक्रमण फैल गया था. जेल में क्षमता से अधिक कैदी थे. कोर्ट ने बुजुर्ग कैदियों व अच्छे आचरण वाले कैदियों को पैरोल पर बाहर करने का निर्देश जारी किया. कोरोना तेजी से फैलने लगा, तो जेल प्रशासन से लेकर कोर्ट तक यह चिंता सताने लगी कि अगर कोरोना तेजी से फैला तो जेल में काफी कैदी इसकी चपेट में आ सकते हैं. इसी वजह से एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए लगभग 4000 कैदियों को पैरोल देकर जेल से बाहर भेज दिया गया.

तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए चिंता का विषय: हालांकि, इससे पहले या तो 60 साल से अधिक उम्र के कैदियों को या फिर विशेष परिस्थिति में ही पैरोल देने की व्यवस्था थी. इतने कैदियों के दो साल से अधिक का समय बीतने के बावजूद जेल वापस नहीं लौटना तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया. इतना ही नहीं जेल प्रशासन को इसके लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल के दौरान पैरोल पर भेजे गए लगभग 4000 कैदियों को 8 अप्रैल तक जेल वापस आने का निर्देश दिया. जिसके बाद कैदियों के जेल वापस आने के लिए जेल के बाहर कतारें लगनी शुरू हो गई. कोर्ट द्वारा तय की गई डेडलाइन के बाद भी कैदियों के आने का सिलसिला जारी रहा और तिहाड़ जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 2100 कैदी वापस लौट चुके हैं. लेकिन अभी भी बाकी ऐसे कैदी हैं, जो कोरोनाकाल में पैरोल पर भेजे गए थे. वह नहीं लौटे हैं.

ये भी पढ़ें : Prisoners Rush in Tihar Jail : तिहाड़ जेल जाने के लिए कैदियों की लंबी लाइन, जानें क्या है मामला

हर कैदी की कंडीशन अलग-अलग : इस संबंध में तिहाड़ जेल के पीआरओ अरविंद कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि जो कैदी वापस नहीं लौटे हैं उनमें अलग-अलग कंडीशन हैं. जिसको लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन वापस लाने की प्रक्रिया में जुटा है. जेल प्रशासन के अनुसार उन्हें भी जल्द समर्पण कराया जाएगा, हालांकि पैरोल पर भेजे गए कैदियों में कई गंभीर अपराध में शामिल कैदी भी हैं. जब तक वैसे सभी कैदी तिहाड़ जेल में वापस नहीं आ जाते तब तक कहीं न कहीं जेल प्रशासन की चिंता बनी रहेंगी.

तिहाड़ जेल में 32 फीसद कैदी दिल्ली से बाहर के : तिहाड़ जेल में 32 फीसद कैदी दिल्ली से बाहर के हैं. जिनमें 28 फीसद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर आदि राज्यों के हैं. बाकी 4 फीसद कैदी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, नेपाल, इटली, यूके, बांग्लादेश मूल के हैं. तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक हैं कैदी, इस जेल की क्षमता सिर्फ 10 हजार कैदियों की है, जबकि यहां अभी 14 हजार कैदी रखे जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें : Murder in Delhi: अंबेडकर नगर में युवक की चाकू से गोदकर निर्मम हत्या, जांच शुरू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.