नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच निजी अस्पतालों की मनमानी जारी है. जिसे देखते हुए अब उस पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है. निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से अनाप-शनाप बिल वसूलने की शिकायत आने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है.
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की निदेशक डॉ. नूतन मुंडेजा के मुताबिक कोरोना ट्रीटमेंट के साथ ही नॉन कोविड मरीजों के लिए प्राइस कैप निर्धारित किया जा रहा है. इसके लिए दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को प्रस्ताव भेज दिया गया है.
मंगलवार को होगी बैठक
मंगलवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक होने वाली है, जिसमें खर्च की सीमा तय करने संबंधी प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग को शिकायतें मिल रही थी कि निजी अस्पताल और निधि पैथ लैब कोरोना मरीजों से मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं. निजी अस्पताल कोरोना संदिग्धों का शव परिजनों को देने के पहले 50 हजार से एक लाख रुपये तक वसूल रहे हैं.
ईलाज के नाम पर खुली लूट!
कुछ प्राइवेट अस्पताल में आईसीयू और वेंटिलेटर वाले बेड का 1 दिन का खर्च 75000 से 100000 रुपए तक वसूलने की शिकायत भी आई हैं. निजी अस्पतालों ने अपने रिसेप्शन पर कोरोना मरीजों के भर्ती से पहले परिजनों को रेट कार्ड थमाकर से 4 से 8 लाख रुपए तक जमा कराने को कह रहे हैं.
कुछ अस्पतालों द्वारा जनरल वार्ड के लिए 25000 रुपए, ट्वीन शेयरिंग वार्ड के लिए 25 से 35000 रुपए तक वसूलने की खबर मिल रही है. वहीं आइसोलेशन के साथ प्राइवेट रूम के लिए 40 से 50 हजार रुपए तक लेने की बात कही जा रही है.
अनिल बैजल ने बुलाई बैठक
निजी अस्पतालों के मरीजों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को की सीमा तय करने की कवायद शुरू की है. बता दें कि मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक बुलाई है. जिसमें मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, पुलिस कमिश्नर तमाम निगमों के आयुक्त व अन्य आला अधिकारी उपस्थित होंगे. यह बैठक सुबह 11 बजे राज निवास में बुलाई गई हैं.