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Corona 3rd Wave: बच्चों को कोरोना से कैसे बचाएं, सुनिए डॉक्टर अंकल की बात...

केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अस्पतालों की ओर से कोरोना की तीसरी लहर (Corona 3rd wave) के लिए तैयारी की जा रही है. विशेषज्ञों की माने तो तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक खतरा बताया जा रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार ने बच्चों को लेकर कुछ गाइडलाइंस जारी की है. वहीं दिल्ली के विभिन्न अस्पताल भी तैयारियों में लगे हुए हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने सर गंगाराम अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन और एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार से बात की.

preparations start for corona third wave in delhi
दिल्ली कोरोना थर्ड वेव
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Published : Jun 12, 2021, 10:10 AM IST

Updated : Jun 12, 2021, 11:35 AM IST

नई दिल्लीः कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने के बीच तीसरी लहर (Corona 3rd wave) को लेकर चिंता जताई जा रही है और इस लहर में बच्चों को अधिक खतरा होने की बात की जा रही है. वहीं प्रशासन से लेकर सभी अस्पताल अपनी-अपनी तैयारियां कर रहे हैं. वहीं कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए क्या कुछ सावधानियां है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगाराम अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन से बात की.

युवा और बच्चे हो सकते हैं प्रभावित

डॉ. धीरेन (Dr. Dhiren) ने बताया कि अभी दूसरी लहर पूरी तरीके से खत्म नहीं हुई है और ऐसे में तीसरी लहर को लेकर यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है कि इसका असर बच्चों पर ज्यादा होगा या फिर युवाओं पर.

Corona 3rd wave से कैसे बचें...

डॉक्टर ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर का असर युवाओं और बच्चों दोनों पर पड़ेगा. हालांकि यह जरूर है कि पिछले 2 साल के मुकाबले तीसरी लहर के दौरान बच्चे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं.

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बच्चों को लेकर चिंता

जल्दी कर सकते हैं रिकवर

डॉक्टर ने कहा क्योंकि बच्चों की इम्यूनिटी अच्छी होती है, वह किसी भी बीमारी से जल्दी रिकवर कर सकते हैं. ऐसे में यदि बच्चों में इस संक्रमण का असर होता है तो वह जल्दी ठीक भी हो जाएंगे. लेकिन चिंता उन लोगों के लिए है जो लोग घर पर रहते हैं.

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किसको खतरा...

बड़े-बुजुर्ग घर पर होते हैं, क्योंकि बच्चे यदि संक्रमित होते हैं तो वो घर पर संक्रमण लेकर आएंगे, जिससे अन्य लोगों को खतरा हो सकता है. ध्यान रखने की जरूरत है कि बड़े अपना वैक्सीनेशन कराएं और खुद को सबसे पहले सुरक्षित करें, तभी बच्चों को भी सुरक्षित किया जा सकता है.

मास्क पहनना बहुत जरूरी

डॉ. धीरेन ने बताया कि कोरोना से बच्चों को बचाने के लिए 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों को मास्क पहनना सिखाएं, उनको कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर के बारे में बताएं. इसके साथ ही अपना वैक्सीनेशन जरूर करवाएं और बच्चों के लिए वैक्सीनेशन कि जैसे ही अनुमति मिलती है बच्चों का वैक्सीनेशन भी जरूर कराएं.

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बचने के उपाय...

LNJP में भी तैयारी जारी

इसके साथ ही दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP Hospital) में भी कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर खतरा देखते हुए सभी तैयारियां की जा रही है. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया अस्पताल में मौजूद बच्चों के बोर्ड में इलाज के लिए खास तैयारियां की गई हैं. इसके साथ ही अलग से आईसीयू बनाया जा रहा है.

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दिल्ली में तैयारी शुरू...

100 आईसीयू बेड किए जा रहे तैयार

डॉ. सुरेश ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए अलग से 100 आईसीयू बेड तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें अलग-अलग मशीनें लगाई जा रही है. साथ ही बच्चों का ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए अलग से पल्स ऑक्सीमीटर का भी इंतजाम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) के पास रामलीला मैदान में बनाए गए 500 बेड के कोविड केयर सेंटर में भी बच्चो के लिए अलग से 100 बेड की व्यवस्था की गई है, जिसमें 50 आईसीयू और 50 एचडीयू बेड है.

केंद्र सरकार की गाइडलाइंस...

कोरोना वायरस की तीसरी लहर का बच्चों पर खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइंस भी जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि संक्रमण के दौरान बच्चों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) का इस्तेमाल ना किया जाए. वहीं जांच के लिए HRCT टेस्ट का इस्तेमाल काफी सोच समझकर हो. स्टेरॉयड के इस्तेमाल को लेकर भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.

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केंद्र सरकार की गाइडलाइंस...

कई सुझाव भी दिए गए...

इसके साथ ही हल्के लक्षण होने पर 10 से 15 एमजी की पेरासिटामोल बच्चों को दी जा सकती है. वहीं यदि बच्चे में कोरोना के गंभीर लक्षण पाए जाते हैं, तो ऑक्सीजन थेरेपी की सलाह दी गई है. 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 6 मिनट का वॉक टेस्ट सुझाया गया है, जिसमें बच्चे की उंगली पर ऑक्सीमीटर लगाकर उसे 6 मिनट तक कमरे में ही चलाया जाए.

नई दिल्लीः कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने के बीच तीसरी लहर (Corona 3rd wave) को लेकर चिंता जताई जा रही है और इस लहर में बच्चों को अधिक खतरा होने की बात की जा रही है. वहीं प्रशासन से लेकर सभी अस्पताल अपनी-अपनी तैयारियां कर रहे हैं. वहीं कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए क्या कुछ सावधानियां है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगाराम अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन से बात की.

युवा और बच्चे हो सकते हैं प्रभावित

डॉ. धीरेन (Dr. Dhiren) ने बताया कि अभी दूसरी लहर पूरी तरीके से खत्म नहीं हुई है और ऐसे में तीसरी लहर को लेकर यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है कि इसका असर बच्चों पर ज्यादा होगा या फिर युवाओं पर.

Corona 3rd wave से कैसे बचें...

डॉक्टर ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर का असर युवाओं और बच्चों दोनों पर पड़ेगा. हालांकि यह जरूर है कि पिछले 2 साल के मुकाबले तीसरी लहर के दौरान बच्चे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं.

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बच्चों को लेकर चिंता

जल्दी कर सकते हैं रिकवर

डॉक्टर ने कहा क्योंकि बच्चों की इम्यूनिटी अच्छी होती है, वह किसी भी बीमारी से जल्दी रिकवर कर सकते हैं. ऐसे में यदि बच्चों में इस संक्रमण का असर होता है तो वह जल्दी ठीक भी हो जाएंगे. लेकिन चिंता उन लोगों के लिए है जो लोग घर पर रहते हैं.

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किसको खतरा...

बड़े-बुजुर्ग घर पर होते हैं, क्योंकि बच्चे यदि संक्रमित होते हैं तो वो घर पर संक्रमण लेकर आएंगे, जिससे अन्य लोगों को खतरा हो सकता है. ध्यान रखने की जरूरत है कि बड़े अपना वैक्सीनेशन कराएं और खुद को सबसे पहले सुरक्षित करें, तभी बच्चों को भी सुरक्षित किया जा सकता है.

मास्क पहनना बहुत जरूरी

डॉ. धीरेन ने बताया कि कोरोना से बच्चों को बचाने के लिए 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों को मास्क पहनना सिखाएं, उनको कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर के बारे में बताएं. इसके साथ ही अपना वैक्सीनेशन जरूर करवाएं और बच्चों के लिए वैक्सीनेशन कि जैसे ही अनुमति मिलती है बच्चों का वैक्सीनेशन भी जरूर कराएं.

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बचने के उपाय...

LNJP में भी तैयारी जारी

इसके साथ ही दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP Hospital) में भी कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर खतरा देखते हुए सभी तैयारियां की जा रही है. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया अस्पताल में मौजूद बच्चों के बोर्ड में इलाज के लिए खास तैयारियां की गई हैं. इसके साथ ही अलग से आईसीयू बनाया जा रहा है.

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दिल्ली में तैयारी शुरू...

100 आईसीयू बेड किए जा रहे तैयार

डॉ. सुरेश ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए अलग से 100 आईसीयू बेड तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें अलग-अलग मशीनें लगाई जा रही है. साथ ही बच्चों का ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए अलग से पल्स ऑक्सीमीटर का भी इंतजाम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) के पास रामलीला मैदान में बनाए गए 500 बेड के कोविड केयर सेंटर में भी बच्चो के लिए अलग से 100 बेड की व्यवस्था की गई है, जिसमें 50 आईसीयू और 50 एचडीयू बेड है.

केंद्र सरकार की गाइडलाइंस...

कोरोना वायरस की तीसरी लहर का बच्चों पर खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइंस भी जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि संक्रमण के दौरान बच्चों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) का इस्तेमाल ना किया जाए. वहीं जांच के लिए HRCT टेस्ट का इस्तेमाल काफी सोच समझकर हो. स्टेरॉयड के इस्तेमाल को लेकर भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.

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केंद्र सरकार की गाइडलाइंस...

कई सुझाव भी दिए गए...

इसके साथ ही हल्के लक्षण होने पर 10 से 15 एमजी की पेरासिटामोल बच्चों को दी जा सकती है. वहीं यदि बच्चे में कोरोना के गंभीर लक्षण पाए जाते हैं, तो ऑक्सीजन थेरेपी की सलाह दी गई है. 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 6 मिनट का वॉक टेस्ट सुझाया गया है, जिसमें बच्चे की उंगली पर ऑक्सीमीटर लगाकर उसे 6 मिनट तक कमरे में ही चलाया जाए.

Last Updated : Jun 12, 2021, 11:35 AM IST
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