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Delhi NCR में सांसों पर आफत, फिर जहरीली हुई हवा, Red Zone में कई इलाकों का AQI

देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (pollution in Delhi NCR) से स्थिति फिर खराब होती जा रही है. कई इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड जोन में पहुंच गया है. सोमवार सुबह एनसीआर के कई इलाकों में हल्की धुंध की चादर भी देखी गई.

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दिल्ली में सांसों पर आफत
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Published : Dec 5, 2022, 10:14 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों में सोमवार को प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण में और बढ़ोतरी होती है तो लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी और अत्यंत खराब श्रेणी में बरकरार है. वहीं दिल्ली के अलग-अलग इलाकों का प्रदूषण स्तर इस प्रकार है.

अलीपुर357
शादीपुर384
द्वारका377
डीटीयू दिल्ली338
आईटीओ दिल्ली394
सिरिफ्फोर्ट366
मंदिर मार्ग343
आरके पुरम395
पंजाबी बाग385
आया नगर313
लोधी रोड292
नॉर्थ केंपस डीयू333
सीआरआरआई मथुरा रोड340
पूसा329
आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल 3348
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम372
नेहरू नगर409
द्वारका सेक्टर 8395
पटपड़गंज383
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज372
अशोक विहार367
सोनिया विहार401
जहांगीरपुरी352
रोहिणी386
विवेक विहार359
नजफगढ़340
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम364
ओखला फेज टू373
वजीरपुर380
बवाना362
श्री औरबिंदो मार्ग350
मुंडका370
आनंद विहार394
IHBAS दिलशाद गार्डन359

वहीं, गाजियाबाद के इलाकों में प्रदूषण का स्तर इस प्रकार है-

वसुंधरा332
इंदिरापुरम264
संजय नगर319
लोनी302

उधर नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर इस प्रकार है

सेक्टर 62376
सेक्टर 125245
सेक्टर 1315
सेक्टर 116345

Air quality Index की श्रेणी:- एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.


(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी:- वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा:- डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

ये भी पढ़ें : MCD Election: पिछली बार से 3 प्रतिशत कम पड़े वोट, 50 फीसदी मतदान

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों में सोमवार को प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण में और बढ़ोतरी होती है तो लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी और अत्यंत खराब श्रेणी में बरकरार है. वहीं दिल्ली के अलग-अलग इलाकों का प्रदूषण स्तर इस प्रकार है.

अलीपुर357
शादीपुर384
द्वारका377
डीटीयू दिल्ली338
आईटीओ दिल्ली394
सिरिफ्फोर्ट366
मंदिर मार्ग343
आरके पुरम395
पंजाबी बाग385
आया नगर313
लोधी रोड292
नॉर्थ केंपस डीयू333
सीआरआरआई मथुरा रोड340
पूसा329
आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल 3348
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम372
नेहरू नगर409
द्वारका सेक्टर 8395
पटपड़गंज383
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज372
अशोक विहार367
सोनिया विहार401
जहांगीरपुरी352
रोहिणी386
विवेक विहार359
नजफगढ़340
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम364
ओखला फेज टू373
वजीरपुर380
बवाना362
श्री औरबिंदो मार्ग350
मुंडका370
आनंद विहार394
IHBAS दिलशाद गार्डन359

वहीं, गाजियाबाद के इलाकों में प्रदूषण का स्तर इस प्रकार है-

वसुंधरा332
इंदिरापुरम264
संजय नगर319
लोनी302

उधर नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर इस प्रकार है

सेक्टर 62376
सेक्टर 125245
सेक्टर 1315
सेक्टर 116345

Air quality Index की श्रेणी:- एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.


(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी:- वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा:- डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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