नई दिल्ली: हर बार की तरह इस बार राजधानी दिल्ली की सर्दियों में प्रदूषण का असर इतना व्यापक तरीके से देखने को नहीं मिला. हालांकि इसी पर किए गए एक अध्ययन में चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में प्रदूषण पिछली बार से कहीं ज्यादा था.
'स्मोग के दिन कम प्रदूषण बढ़ा'
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने दिल्ली में सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के स्तर का अध्ययन किया है. इसमें निष्कर्ष निकाला है कि अक्टूबर से फरवरी तक वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है जबकि स्मोग के दिन कम हुए हैं. इस बीच पीएम 2.5 के स्तर में वृद्धि हुई है.
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'जहांगीरपुरी सबसे बड़ा हॉटस्पॉट'
राजधानी दिल्ली के जहांगीर पुरी को प्रदूषण का बड़ा हॉटस्पॉट पाया गया जहां वायु प्रदूषण में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई. दिल्ली के अन्य इलाकों में भी प्रदूषण पिछली बार की तुलना में ज्यादा था. खास बात रही कि कोरोनावायरस के असर में इस बार प्रदूषण पर बहुत अधिक ध्यान नहीं दिया गया.
'दिल्ली सबसे प्रदूषित राज्यों में'
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के रिसर्चर अविकल कहते हैं कि हमने 115 शहरों का अध्ययन किया. कोरोना की वजह से गर्मियों की हवा साफ थी तो सर्दियों के लिए भी यही उम्मीद थी पर सर्दियों की हवा का डाटा हैरान करने वाला है. उन्होंने कहा कि अधिकतर शहरों में प्रदूषण पिछली सर्दियों से ज्यादा है. उत्तर भारत के पंजाब दिल्ली उत्तर प्रदेश और हरियाणा देश के सबसे प्रदूषित इलाके हैं.
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'नॉर्थ दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण'
इस अध्ययन के मुताबिक, दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लंबे समय तक खराब श्रेणी में बना रहा. राजधानी में प्रदूषण मापने के विभिन्न स्टेशनों में प्रदूषण स्तर में काफी अंतर पाया गया. इस भिन्नता का कारण स्थानीय कारकों को बताया गया. अविकल बताते हैं कि दिल्ली में इस बार स्मोग इंटेंसिटी कम थी लेकिन पॉल्यूशन रीजनल पोलूशन की तुलना में ज्यादा हावी रहा. नॉर्थ दिल्ली में सबसे ज्यादा तो वेस्ट दिल्ली में सबसे कम प्रदूषण रहा और इन दोनों में ही काफी अंतर देखने को मिला.