नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर लगातार सियासत जारी है. दिल्ली भाजपा नेता हरीश खुराना और शिखा राय ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने में विफल होने के बाद केजरीवाल सरकार अधिकारियों पर आरोप लगाने के अपने पुराने खेल पर वापस आ गई है. ये बात चौंकाने वाली है कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने डीपीसीसी के अध्यक्ष अश्विनी कुमार पर फरवरी 2023 से रियल टाइम सोर्स अपॉर्शनमेंट स्टडी को रोकने का आरोप लगाया है. जबकि, इस पूरे साल मंत्री गोपाल राय दिल्ली को स्वच्छ हवा देने का श्रेय लेते रहे हैं. अब जब सर्दी का मौसम आ गया है और प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है तो वह अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए अधिकारियों पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.
शिखा राय ने कहा कि मंत्री को बताना चाहिए कि अगर सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने के लिए फरवरी में रियल टाइम सोर्स अपॉर्शनमेंट स्टडी का रुकना जिम्मेदार है तो गर्मियों में हवा साफ कैसे रही ? गर्मियों के महीनों की शुरुआत से काफी पहले फरवरी 2023 के बाद से अध्ययन नहीं किया गया है. यह समझ में नहीं आ रहा है कि केजरीवाल सरकार को डीपीसीसी चेयरमैन द्वारा रियल टाइम सोर्स अपॉर्शनमेंट स्टडी की लागत पर सवाल उठाने पर आपत्ति क्यों है. क्योंकि यह 13 करोड़ रुपये से अधिक के भारी खर्च से जुड़ा मामला है. आखिरकार दिल्ली सरकार को पहले से ही दिल्लीवासियों को रुपये की बर्बादी पर जवाब देना है. बिना किसी वैज्ञानिक अध्ययन के स्मॉग टावर 2 साल से भी कम समय में बंद किया गया, जिससे 23 करोड़ रुपये बर्बाद हो गए.
वहीं, बीजेपी नेता हरीश खुराना ने X पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि आतिशी को झूठी समझता था, लेकिन वह महाझूठी निकली. आज प्रेस कांफ्रेंस में तुम और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय कह रहे हैं DPCC ने प्रदूषण के कारण जानने के लिये रियल टाइम स्टडी सेंटर को बंद कर दिया. लेकिन सच्चाई यह है- दिल्ली सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में रियल टाइम सोर्स स्टडी को लेकर मामूली बजट आवंटन कर बंद करने की पहले से तैयारी कर रखी थी.
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