नई दिल्ली: फ्री बिजली, फ्री पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा के वादे के बाद अब दिल्ली सरकार की फ्री योजनाओं की फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है और वो है, फ्री वाईफाई योजना.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में गुरुवार को दिल्ली में फ्री वाई फाई लगाए जाने की घोषणा की. जल्द ही राजधानी में 3 से 4 महीने में पूरी दिल्ली में 11 हजार हॉटस्पॉट लगाए जाएंगे, जिसके जरिए हर व्यक्ति को 15 जीबी डाटा मुफ्त मिलेगा.
अरविंद केजरीवाल की घोषणा के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी ने इसका सियासी माइलेज लेने की तरफ कदम बढ़ा दिया है. पार्टी की तरफ से इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. जहां प्रवक्ता आतिशी ने कहा कि ये दिल्ली के लोगों और खासकर युवा वर्ग के लिए एक बड़े फायदे की योजना साबित होगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस योजना की घोषणा के साथ ही आम आदमी पार्टी ने अपने सभी वादों को पूरा कर दिया है.
खर्च को लेकर उठ रहे सवाल
बता दें, इन फ्री-स्कीम्स पर होने वाले खर्च को लेकर सवाल उठते रहे हैं. पहले से आम आदमी पार्टी सरकार फ्री पानी पर करीब 450 करोड़ और फ्री बिजली और बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी को मिलाकर 2500 करोड़ सालाना खर्च कर रही है. इसके अलावा दिल्ली सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए डीटीसी और मेट्रो को फ्री करने की बात कही गई है, उस पर करीब 1400 करोड़ सालाना खर्च होना है.
फ्री वाईफाई योजना पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
फ्री वाईफाई पर जब ईटीवी भारत ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया से बात की, तो उन्होंने इसे फिजूलखर्ची बता दिया. उन्होंने कहा कि ये दिल्ली के टैक्सपेयर्स का पैसा है और ये सही जगह पर सभी लोगों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए.
बीजेपी ने भी इस पर सवाल उठाये हैं, बीजेपी की ओर से इस योजना में हो रही लेटलतीफी को लेकर सवाल उठाए गए. विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार बीते 5 साल में इस योजना को जमीन पर नहीं उतार सकी और इसे तारीख दर तारीख बढ़ाती चली गई.
यानि फ्री पानी, बिजली और सफर के बाद अब फ्री वाई फाई पर सियासी हमले शुरू हो गए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि उन्होंने वाईफाई लगाने के साथ ही घोषणा पत्र में लिखे तमाम वादों को पूरा किया है.
कुल मिलाकर देखें तो भले ही आम आदमी पार्टी इसे अपने चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में बढ़ाया गया कदम बताए, लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले फ्री-स्कीम्स की ये घोषणाएं स्पष्ट तौर पर यही संकेत देती हैं कि इनके जरिए पार्टी की नजर सीधे तौर पर वोटों की तरफ है.