नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के आईटीओ स्थित गांधी पीस फाउंडेशन में बुधवार को कश्मीर में मीडिया ब्लैकआउट पर कार्यक्रम होने वाला था. इसमें कश्मीर के माकपा नेता तारिगामी, दिल्ली विश्वविद्यालय, जम्मू-कश्मीर की प्रोफेसर नंदिता नारायण, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हसनैन मसौदी, संयुक्त शांति गठबंधन के अध्यक्ष मीर शाहिद सलीम, फिल्म निर्माता संजय काक और पत्रकार अनिल चमरिया वक्ता के रूप में शामिल होने वाले थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी.
कार्यक्रम आयोजन से कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका: कार्यक्रम के संबंध में ईटीवी भारत के संवाददाता ने फोन पर प्रोफेसर नंदिता नारायण से बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि अचानक सूचना मिली कि गांधी पीस फाउंडेशन ने कार्यक्रम की बुकिंग रद्द करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और गांधी पीस फाउंडेशन ने सूचित किया था कि उपरोक्त सार्वजनिक बैठक के आयोजन से कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने की खुफिया सूचना मिली है, इसलिए कार्यक्रम को रद्द किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने यह भी कहा है कि इस कार्यक्रम के आयोजन से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खतरे पड़ सकती है, क्योंकि यह एक अज्ञात समूह द्वारा आयोजित किया जा रहा था.
कार्यक्रम की वक्ता प्रो नंदिता नारायण ने कहा कि चूंकि कार्यक्रम में प्रमुख लोगों ने भाग लिया था, इसलिए यह कहना गलत था कि यह कार्यक्रम एक अज्ञात समूह द्वारा आयोजित किया जा रहा है. यह पूरी तरह अनुचित है कि हम राजधानी दिल्ली में भी कोई कार्यक्रम करना चाहते हैं, तो पुलिस ऐन वक्त पर रोक लगा देती है. उन्होंने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 11 और 12 मार्च को भी एचकेएस सुरजीत भवन में भारत बचाओ कार्यक्रम के साथ ऐसा ही किया था, लेकिन हम आयोजक करने में कामयाब रहे थें.
ये भी पढ़ें: Shinde vs Uddhav : उद्धव ठाकरे को फिर लगा झटका, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हुए शिंदे गुट में शामिल