नई दिल्ली: पीएम के स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम के ऐलान के बाद अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर योगेश सैनी ने अमेरिका में अपनी जमी-जमाई नौकरी छोड़ दी वापस दिल्ली आ गए. दिल्ली आने के बाद उन्होंने स्वच्छता अभियान शुरू किया. इसका जरिया उन्होंने पेंटिंग को बनाया.
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट नाम से उन्होंने एक सोशल मीडिया पर पेज भी बनाया और शुरुआत में दिल्ली की उन गंदी जगहों पर पेंटिंग शुरू की, जहां लोग देखना तक पसंद नहीं करते थे.
'मन की बात में योगेश सैनी के नाम का ज़िक्र'
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्रक्रम में स्ट्रीट आर्टिस्ट योगेश सैनी के नाम का जिक्र किया और उनके कामों की सरहाना की. प्रधानमंत्री ने योगेश सैनी के बारे में कहा कि 'योगेश सैनी ने अपने दम पर अपनी मिट्टी का कर्ज चुकाने के लिए अमेरिका की जॉब छोड़ दी और दिल्ली आ गए. अब दिल्ली ही नहीं देश के 10 राज्यों में वे पेंटिंग के जरिए ना केवल वहां के इलाकों को साफ-सुथरा कर रहे हैं बल्कि उसे सुंदर भी बना रहे हैं. उनसे हम सब को प्रेरणा लेनी चाहिए.'
'प्रधानमंत्री का शुक्रिया'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में योगेश सैनी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया किया और कहा कि उनका मकसद सिर्फ देश को सजाना संवारना और स्वच्छ बनाना है. योगेश सैनी ने ना केवल दिल्ली के पार्क, सार्वजनिक दीवारों, मेट्रो स्टेशन को सजाया बल्कि 10 से ज्यादा राज्यों में करीब 300 सार्वजनिक जगहों को खूबसूरत बनाने का काम किया है.
दिल्ली में भी उन्होंने कनॉट प्लेस, हौज खास विलेज, शंकर मार्केट, नरेला रेलवे स्टेशन, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की बाहरी दीवार, मंडोली जेल की दीवार समेत 200 जगहें खूबसूरत बना दी. इस काम में स्कूल कॉलेज के छात्र भी उनका खूब साथ देते हैं.
कौन हैं योगेश सैनी?
योगेश सैनी अमेरिका में 20 साल रहने के बाद 2012 में भारत लौट गए थे. इनको बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. इसीलिए दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग बनाने की ठानी. परिवार ने भी उनका साथ दिया. शुरुआत साल 2013 में लोधी गार्डन से की. वहां उन्होंने सबसे पहले डस्टबिन को पेंट किया. उन्हें इस तरह आकर्षक बनाया कि लोग आए और कूड़ा उसमें डालें. इसके लिए उन्हें इजाजत भी लेनी पड़ी थी.
इन जगहों पर कर चुके हैं पेंटिंग
साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की इसके बाद सिविक एजेंसियों ने योगेश से संपर्क कर दीवारों पर पेंटिंग करने को कहा. प्रयाग में कुंभ के दौरान यूपी में भी इन्होंने कई दिवारों की पेंटिंग की. योगेश सैनी देश के यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक में भी सार्वजनिक जगहों पर पेंटिंग कर चुके हैं.
'पेंटिंग एक क्रिएटिविटी का काम'
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट के संस्थापक योगेश सैनी कहते हैं सार्वजनिक जगहों पर भारत में जैसी गंदगी देखने को मिलती है वैसी अमेरिका और दूसरे देशों में नहीं है. भारत की सड़कें और सार्वजनिक जगह भी दूसरे देशों की तरह खूबसूरत दिखे यही सोच कर मैंने यह काम शुरू किया. पेंटिंग क्रिएटिविटी का काम है.
इसमें बच्चों की प्रतिभा दिखाई देती है. इसलिए कुछ जगहों पर स्कूल कॉलेज के बच्चों का भी सहारा लिया मेरी पूरी कोशिश होती है कि जहां में पेंटिंग करूं वहां के स्थानीय लोगों को भी अपने साथ जोड़ता चलूं, ताकि उन्हें भी पेंटिंग से लगाव हो.