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पीएम मोदी से तारीफ पाने वाले योगेश सैनी से खास बातचीत, जानिए क्या सोचता है ये 'स्ट्रीट पेंटर'... - सॉफ्टवेयर इंजीनियर

पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को सार्थक बनाने के लिए अमेरिका में काम कर रहे सॉफ्टवेयर इंजीनियर योगेश सैनी ने वहां की जमी-जमाई नौकरी छोड़ दी और दिल्ली आकर दीवारों पर पेंटिंग करनी शुरू कर दी.

योगेश सैनी etv bharat
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Published : Jul 28, 2019, 11:17 PM IST

नई दिल्ली: पीएम के स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम के ऐलान के बाद अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर योगेश सैनी ने अमेरिका में अपनी जमी-जमाई नौकरी छोड़ दी वापस दिल्ली आ गए. दिल्ली आने के बाद उन्होंने स्वच्छता अभियान शुरू किया. इसका जरिया उन्होंने पेंटिंग को बनाया.

दिल्ली स्ट्रीट आर्ट नाम से उन्होंने एक सोशल मीडिया पर पेज भी बनाया और शुरुआत में दिल्ली की उन गंदी जगहों पर पेंटिंग शुरू की, जहां लोग देखना तक पसंद नहीं करते थे.

योगेश सैनी से खास बातचीत

'मन की बात में योगेश सैनी के नाम का ज़िक्र'
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्रक्रम में स्ट्रीट आर्टिस्ट योगेश सैनी के नाम का जिक्र किया और उनके कामों की सरहाना की. प्रधानमंत्री ने योगेश सैनी के बारे में कहा कि 'योगेश सैनी ने अपने दम पर अपनी मिट्टी का कर्ज चुकाने के लिए अमेरिका की जॉब छोड़ दी और दिल्ली आ गए. अब दिल्ली ही नहीं देश के 10 राज्यों में वे पेंटिंग के जरिए ना केवल वहां के इलाकों को साफ-सुथरा कर रहे हैं बल्कि उसे सुंदर भी बना रहे हैं. उनसे हम सब को प्रेरणा लेनी चाहिए.'

'प्रधानमंत्री का शुक्रिया'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में योगेश सैनी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया किया और कहा कि उनका मकसद सिर्फ देश को सजाना संवारना और स्वच्छ बनाना है. योगेश सैनी ने ना केवल दिल्ली के पार्क, सार्वजनिक दीवारों, मेट्रो स्टेशन को सजाया बल्कि 10 से ज्यादा राज्यों में करीब 300 सार्वजनिक जगहों को खूबसूरत बनाने का काम किया है.

दिल्ली में भी उन्होंने कनॉट प्लेस, हौज खास विलेज, शंकर मार्केट, नरेला रेलवे स्टेशन, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की बाहरी दीवार, मंडोली जेल की दीवार समेत 200 जगहें खूबसूरत बना दी. इस काम में स्कूल कॉलेज के छात्र भी उनका खूब साथ देते हैं.

कौन हैं योगेश सैनी?
योगेश सैनी अमेरिका में 20 साल रहने के बाद 2012 में भारत लौट गए थे. इनको बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. इसीलिए दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग बनाने की ठानी. परिवार ने भी उनका साथ दिया. शुरुआत साल 2013 में लोधी गार्डन से की. वहां उन्होंने सबसे पहले डस्टबिन को पेंट किया. उन्हें इस तरह आकर्षक बनाया कि लोग आए और कूड़ा उसमें डालें. इसके लिए उन्हें इजाजत भी लेनी पड़ी थी.

इन जगहों पर कर चुके हैं पेंटिंग
साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की इसके बाद सिविक एजेंसियों ने योगेश से संपर्क कर दीवारों पर पेंटिंग करने को कहा. प्रयाग में कुंभ के दौरान यूपी में भी इन्होंने कई दिवारों की पेंटिंग की. योगेश सैनी देश के यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक में भी सार्वजनिक जगहों पर पेंटिंग कर चुके हैं.

'पेंटिंग एक क्रिएटिविटी का काम'
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट के संस्थापक योगेश सैनी कहते हैं सार्वजनिक जगहों पर भारत में जैसी गंदगी देखने को मिलती है वैसी अमेरिका और दूसरे देशों में नहीं है. भारत की सड़कें और सार्वजनिक जगह भी दूसरे देशों की तरह खूबसूरत दिखे यही सोच कर मैंने यह काम शुरू किया. पेंटिंग क्रिएटिविटी का काम है.

इसमें बच्चों की प्रतिभा दिखाई देती है. इसलिए कुछ जगहों पर स्कूल कॉलेज के बच्चों का भी सहारा लिया मेरी पूरी कोशिश होती है कि जहां में पेंटिंग करूं वहां के स्थानीय लोगों को भी अपने साथ जोड़ता चलूं, ताकि उन्हें भी पेंटिंग से लगाव हो.

नई दिल्ली: पीएम के स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम के ऐलान के बाद अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर योगेश सैनी ने अमेरिका में अपनी जमी-जमाई नौकरी छोड़ दी वापस दिल्ली आ गए. दिल्ली आने के बाद उन्होंने स्वच्छता अभियान शुरू किया. इसका जरिया उन्होंने पेंटिंग को बनाया.

दिल्ली स्ट्रीट आर्ट नाम से उन्होंने एक सोशल मीडिया पर पेज भी बनाया और शुरुआत में दिल्ली की उन गंदी जगहों पर पेंटिंग शुरू की, जहां लोग देखना तक पसंद नहीं करते थे.

योगेश सैनी से खास बातचीत

'मन की बात में योगेश सैनी के नाम का ज़िक्र'
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्रक्रम में स्ट्रीट आर्टिस्ट योगेश सैनी के नाम का जिक्र किया और उनके कामों की सरहाना की. प्रधानमंत्री ने योगेश सैनी के बारे में कहा कि 'योगेश सैनी ने अपने दम पर अपनी मिट्टी का कर्ज चुकाने के लिए अमेरिका की जॉब छोड़ दी और दिल्ली आ गए. अब दिल्ली ही नहीं देश के 10 राज्यों में वे पेंटिंग के जरिए ना केवल वहां के इलाकों को साफ-सुथरा कर रहे हैं बल्कि उसे सुंदर भी बना रहे हैं. उनसे हम सब को प्रेरणा लेनी चाहिए.'

'प्रधानमंत्री का शुक्रिया'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में योगेश सैनी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया किया और कहा कि उनका मकसद सिर्फ देश को सजाना संवारना और स्वच्छ बनाना है. योगेश सैनी ने ना केवल दिल्ली के पार्क, सार्वजनिक दीवारों, मेट्रो स्टेशन को सजाया बल्कि 10 से ज्यादा राज्यों में करीब 300 सार्वजनिक जगहों को खूबसूरत बनाने का काम किया है.

दिल्ली में भी उन्होंने कनॉट प्लेस, हौज खास विलेज, शंकर मार्केट, नरेला रेलवे स्टेशन, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की बाहरी दीवार, मंडोली जेल की दीवार समेत 200 जगहें खूबसूरत बना दी. इस काम में स्कूल कॉलेज के छात्र भी उनका खूब साथ देते हैं.

कौन हैं योगेश सैनी?
योगेश सैनी अमेरिका में 20 साल रहने के बाद 2012 में भारत लौट गए थे. इनको बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. इसीलिए दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग बनाने की ठानी. परिवार ने भी उनका साथ दिया. शुरुआत साल 2013 में लोधी गार्डन से की. वहां उन्होंने सबसे पहले डस्टबिन को पेंट किया. उन्हें इस तरह आकर्षक बनाया कि लोग आए और कूड़ा उसमें डालें. इसके लिए उन्हें इजाजत भी लेनी पड़ी थी.

इन जगहों पर कर चुके हैं पेंटिंग
साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की इसके बाद सिविक एजेंसियों ने योगेश से संपर्क कर दीवारों पर पेंटिंग करने को कहा. प्रयाग में कुंभ के दौरान यूपी में भी इन्होंने कई दिवारों की पेंटिंग की. योगेश सैनी देश के यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक में भी सार्वजनिक जगहों पर पेंटिंग कर चुके हैं.

'पेंटिंग एक क्रिएटिविटी का काम'
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट के संस्थापक योगेश सैनी कहते हैं सार्वजनिक जगहों पर भारत में जैसी गंदगी देखने को मिलती है वैसी अमेरिका और दूसरे देशों में नहीं है. भारत की सड़कें और सार्वजनिक जगह भी दूसरे देशों की तरह खूबसूरत दिखे यही सोच कर मैंने यह काम शुरू किया. पेंटिंग क्रिएटिविटी का काम है.

इसमें बच्चों की प्रतिभा दिखाई देती है. इसलिए कुछ जगहों पर स्कूल कॉलेज के बच्चों का भी सहारा लिया मेरी पूरी कोशिश होती है कि जहां में पेंटिंग करूं वहां के स्थानीय लोगों को भी अपने साथ जोड़ता चलूं, ताकि उन्हें भी पेंटिंग से लगाव हो.

Intro:- एक्सक्लुसिव -

- नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में योगेश सैनी के काम का किया था जिक्र

नई दिल्ली. वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब 15 अगस्त को लालकिले के प्राचीर से उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का ऐलान किया था. महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को उन्होंने इसकी शुरुआत की. उनका मकसद देश को स्वच्छ बनाना था. क्योंकि महात्मा गांधी हमेशा कहा करते थे स्वच्छता में ही ईश्वर का वास होता है. शायद सॉफ्टवेयर इंजीनियर योगेश सैनी को भी कुछ ऐसा ही लगा होगा तभी वे अमेरिका में अपनी जमी जमाई नौकरी छोड़कर वर्ष 2012 में दिल्ली लौट आए. यहां पर अपने बूते उन्होंने स्वच्छता अभियान शुरू किया. इसका जरिया उन्होंने पेंटिंग को बनाया. दिल्ली स्ट्रीट आर्ट नाम से उन्होंने एक सोशल मीडिया पर पेज बनाई और फिर शुरुआत में दिल्ली की उन गंदे जगहों पर जहां लोग देखना तक देखते तक नहीं थे उन जगहों पर सफाई कर वहां पेंटिंग की ताकि वह जगह इतना आकर्षक लगे कि सबकी नजरें उस पर टिकी रहें.


Body:मोदी के मन की बात में योगेश सैनी के नाम का ज़िक्र

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में जिस तरह उन्होंने कहा कि अपने पहले कार्यकाल में सफाई के लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाया था तो अब दूसरे कार्यकाल में वे भारत को सुंदर बनाना चाहते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने स्ट्रीट आर्टिस्ट योगेश सैनी का नाम लिया तो सबकी कान खड़ी हो गई.

प्रधानमंत्री ने योगेश सैनी के बारे में कहा कि किस तरह उन्होंने अपने दम पर अपनी मिट्टी का कर्ज चुकाने के लिए अमेरिका से दिल्ली लौटे और अब दिल्ली ही नहीं देश के 10 राज्यों में वे पेंटिंग के जरिए ना केवल वहां के आसपास के इलाके को साफ-सुथरा कर रहे हैं बल्कि उसे सुंदर भी बना रहे हैं. उनसे हम सब को प्रेरणा लेनी चाहिए.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में योगेश सैनी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया कहा. क्योंकि शीर्ष पद पर बैठे नरेंद्र मोदी ने उनके काम की सराहना की और कहा कि उनका मकसद सिर्फ देश को सजाना संवारना स्वच्छ बनाना है.

योगेश सैनी ने ना केवल राजधानी के पार्क, सार्वजनिक दीवारों और मेट्रो स्टेशन को सजाया बल्कि 10 से ज्यादा राज्यों में करीब 300 सार्वजनिक जगहों को खूबसूरत बनाने का काम किया है. दिल्ली में भी उन्होंने कनॉट प्लेस, हौज खास विलेज, शंकर मार्केट, नरेला रेलवे स्टेशन, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की बाहरी दीवार, मंडोली जेल की दीवार समेत 200 जगहें खूबसूरत बना दी. इस काम में स्कूल कॉलेज के छात्र भी उनका खूब साथ देते हैं.

योगेश सैनी अमेरिका में 20 साल रहने के बाद वर्ष 2012 में भारत लौटे. तब से वे इस जुनून में डूबे हुए हैं. इनको बचपन से पेंटिंग का शौक था. इसीलिए दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग बनाने की ठानी. परिवार ने भी साथ दिया कहा मन की करना चाहते तो करो. शुरुआत वर्ष 2013 में लोधी गार्डन से हुई. वहां वे सबसे पहले डस्टबिन को पेंट किया. उन्हें इस तरह आकर्षक बनाया कि लोग आए और कूड़ा उसमें डालें. इसके लिए उन्हें इजाजत भी लेनी पड़ी थी.

वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की इसके बाद सिविक एजेंसियों ने योगेश से संपर्क कर दीवारों पर पेंटिंग करने को कहा. प्रयाग में कुंभ के दौरान यूपी में भी इन्होंने कई वॉल पेंटिंग की. योगेश सैनी देश के यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक में भी सार्वजनिक जगहों पर पेंटिंग कर चुके हैं.

समाप्त, आशुतोष झा





दिल्ली स्ट्रीट आर्ट के संस्थापक योगेश सैनी कहते हैं सार्वजनिक जगहों पर भारत में जैसी गंदगी देखने को मिलती है वैसी अमेरिका और दूसरे देशों में नहीं है भारत की सड़कें और सार्वजनिक जगहों की दूसरी देशों की तरह खूबसूरत देखें यही सोच कर मैंने यह काम शुरू किया पेंटिंग क्रिएटिविटी का काम है इसमें बच्चों की प्रतिभा दिखाई देती है इसलिए कुछ जगहों पर स्कूल कॉलेज के बच्चों का भी सहारा लिया मेरी पूरी कोशिश होती है कि जहां में पेंटिंग करो वहां के स्थानीय लोगों संस्थाओं के लोगों को भी उससे जोरू और उन्हें भी ब्रश प्रवाकर पेंटिंग करवाओ ताकि उन्हें पेंटिंग से लगाव हो.

समाप्त, आशुतोष झा


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