नई दिल्ली: पिछले करीब एक महीने से लोग अपने घरों में कैद हैं. सड़के सुनसान है, बाजार बंद है. ऐसे में जो बेजुबान परिंदे और जानवर हैं वो राहगीरों की राह देख रहे हैं और ये सोच रहे हैं कि आखिरकार उन्हें कोई दाना डालने के लिए या कुछ खिलाने के लिए क्यों नहीं आ रहा. वो भी एकदम से शायद इस सोच में पड़ गए हैं कि आखिरकार वो लोग कहां चले गए हैं, जो रोजाना उन्हें दाना डालने के लिए आते थे.
दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी मंदिर के पास स्थित कबूतर चौक पर जो कबूतर रोजाना पेट भर कर दाना खाते थे. वो अब दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं. क्योंकि दिनभर में केवल कुछ ही लोग उन्हें दाना डाल कर जाते हैं. जिससे वो अपना पूरा दिन गुजारा कर रहे हैं. जाहिर सी बात है लॉकडाउन है, इसलिए लोग घरों में हैं. घर से बाहर नहीं निकल सकते, फिर इन कबूतरों को दाना कैसे डालेंगे.
दुकानदार खुद ही कबूतरों को डाल रहे दाना
इन कबूतरों के लिए दाने की दुकान लगाकर बैठे ऋषि राज गुप्ता ने बताया कि जहां पहले हजारों की संख्या में रोज इस कबूतर चौक से गुजरने वाले लोग इन कबूतरों को दाना डाल कर जाते थे. उनमें से अब कुछ ही लोग इन्हें दाना डालने के लिए आ रहे हैं और तो और यदि लोग नहीं आते हैं, तो हम खुद ही इन कबूतरों को भी दाना डाल रहे हैं. इसके अलावा इन कबूतरों के लिए पानी के भी परेशानी आ रही है. जिसके लिए हम खुद ही मंदिर या इधर-उधर से पानी लाकर इन्हें पिला रहे हैं.
कबूतरों को दाना डालने के लिए नहीं आ रहे लोग
दुकानदार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मंदिर बंद है. ऐसे में जो भक्त मंदिर आते थे वो इन कबूतरों को दाना डालकर जरूर जाते थे, लेकिन मंदिर बंद होने के कारण कोई भी इन्हें दाना डालने के लिए नहीं आ रहा है और तो और यहां की सबसे बड़ी सब्जी मंडी ओखला मंडी से जो लोग सब्जियां लेकर गुजरते थे. वो भी इन कबूतरों को दाना डालकर ही यहां से जाते थे. लेकिन अब वो भी नहीं आ रहे हैं.