नई दिल्ली: शहरी बेघरों को पर्याप्त भोजन, सब्जी और फल मुहैया कराने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि शहरी बेघरों को तीन बार भोजन देने की माल की गई है. याचिका बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने दायर की है.
शेल्टर होम में नहीं दिया जा रहा पका भोजन
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने शेल्टर होम्स में भी पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना बंद कर दिया है, जिसकी वजह से बेघर बच्चे भुखमरी के शिकार हैं. याचिकाकर्ता ने 3 जुलाई को दिल्ली सरकार से बेघरों को पौष्टिक भोजन मुहैया कराने की मांग की थी, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ. बेघरों को जो भोजन कराया जाता है, वह काफी खराब गुणवत्ता वाला होता है. अब जबकि बेघरों को भोजन उपलब्ध कराना भी बंद कर दिया गया है, उसमें से कई बेघरों को मरने की नौबत आ गई है. यह सरकार और प्रशासन की असंवेदनशीलता को दर्शाता है.
बेघर लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा
याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस से मरने वालों की तादाद सबसे ज्यादा उनकी है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. पौष्टिक भोजन और खराब चिकित्सा सुविधा की वजह से बेघर लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है, इसकी वजह से उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. ऐसी स्थिति में इन बेघर लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की है और वह पौष्टिक भोजन से ही संभव हो पाएगा.