नई दिल्ली: सैलरी नहीं मिलने के चलते नगर निगम के रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इसके कारण नगर निगम के अधीन आने वाले अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में काम धाम ठप्प है और मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उत्तरी दिल्ली के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में गेट पर ही डॉक्टर और मरीज दोनों जमे हुए हैं.
कस्तूरबा गांधी अस्पताल आसपास का बड़ा मेटरनिटी अस्पताल है और यहां बड़ी संख्या में महिला मरीज अपना इलाज कराने आती हैं. सुबह से ही यहां मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों के गेट पर ही खड़े होकर नारेबाजी कर रहे हैं. जिससे मरीजों को अंदर जाने को नहीं मिल रहा है. ऐसे में लोगों की समस्या और बढ़ गई है.
महिला मरीज परेशान
सीलमपुर से आई रुक्सार कहती हैं कि डॉक्टरों की इस हड़ताल से उनकी समस्या बढ़ गई हैं. वो एक गर्भवती महिला हैं और बहुत देर तक खड़ी नहीं रह सकती. वो कहती हैं कि उनकी परेशानी बढ़ गई है. उधर शलीना बेगम कहती हैं कि सरकार और डॉक्टरों की लड़ाई में बेचारे मरीज पिस रहे हैं. वो कहती हैं कि प्राइवेट अस्पताल जाना उनके बस की बात नहीं जबकि इस अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है.
सैलरी मिलने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल
मंगलवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में कस्तूरबा गांधी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों ने बताया कि पिछले कई हफ्ते से वह अपनी तनख्वाह को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन किसी ने उनकी सुनवाई नहीं की. अब वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं और तब तक काम नहीं करेंगे जब तक कि उनकी तनख्वाह नहीं मिलती. डॉक्टरों ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि उनकी तनख्वाह समय पर नहीं आई है, यह सालों से हो रहा है लेकिन अब उनका धैर्य जवाब दे गया है.
कई दिनों से कर रहे प्रदर्शन
तनख्वाह के मुद्दे को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते दिन सीनियर डॉक्टरों ने भी हड़ताल का ऐलान किया था. इस हड़ताल से निगम के हिन्दू राव और कस्तूरबा गांधी अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है. इसका सीधा असर देखने को भी मिल रहा है.