नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना की रफ्तार धीमी जरूर हुई है. लेकिन साथ ही तीसरी लहार की आशंका बनी हुई है. इसे लेकर सरकार जहां एक तरफ तैयारियां करने का दावा कर रही है तो वहीं आम लोग उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे. खास बात है कि दिल्ली में जिन लोगों को इन शर्तों का पालन कराने की ज़िम्मेदारी दी गई है वो खुद मास्क और सोशल डिस्टनसिंग का ध्यान नहीं रख रहे हैं. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर जाकर यहां के हालात का जायजा लिया. कोरोना के मौजूदा हालात में लोग कैसे बेखौफ घूम खतरा बढ़ा रहे हैं ये तस्वीरों में कैद हुआ. इनमें से कुछ तस्वीरें हैरान कर देने वाली हैं.
लोगों में नहीं कोरोना का डर
अलग-अलग जगह आने और जाने वाले लोग कोरोना को लेकर कितने बेखौफ हैं. इसका अंदाजा मास्क की शर्त का पालन नहीं करने से साफ लगाया जा सकता है. ऐसे समय में जबकि मास्क आदत में शुमार हो गया है. लोग इसके लिए इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं. जब यही सवाल उत्तम नगर जाने के लिए बैठे रामभरोसे से पूछा गया तो वो बगल झांकने लगे. गलती का अहसास हुआ तो मास्क लगा लिया. बुलंदशहर से अपने भाई के पास घूमने आए शाहबाज भी मास्क नहीं लगाए हुए थे. जब कैमरा देखे तो बोले- बस अभी उतारा है सर, लगा लेता हूं.
जो सिविल डिफेंस का स्टाफ दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर बिना मास्क वाले लोगों का चालान करता नजर आता है. वहीं स्टाफ आनंद विहार पर खुद मार्क्स नहीं लगा रहा है. कुछ लोग जहां बकायदा मास्क लगाकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं तो कुछ इसे लेकर इतनी लापरवाह हैं कि सवाल पूछे जाने पर उल-जलूल जवाब देने लग जाते हैं. इनके पास बहाने भी ठीक वैसे ही होते हैं जैसे इनके द्वारा पकड़े जाने पर कोई आम आदमी देता है. फर्क है तो इतना कि इनका चालान करने वाला यहां कोई नहीं है.
कैसे सुधरेंगे हालात
यह सही है कि राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस की रफ्तार धीमी हुई है लेकिन सच्चाई यह भी है कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर कितनी खतरनाक साबित हुई है यह बताने की जरूरत नहीं है. हालांकि, लोग हैं की तबाही को इतनी जल्दी भूल गए हैं.
पढ़ें-आप के काफिले पर हमले के बाद केजरीवाल ने गुजरात के सीएम से बात की