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प्रेस कॉन्फ्रेंस में भिड़े राजेन्द्र पाल गौतम और गंगाराम घोसरे, सफाई कर्मचारियों पर हुआ विवाद

दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य गंगाराम घोसरे के बीच सियासी नोक-झोक हुई. दोनों में काफी देर तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा.

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Published : Sep 24, 2019, 7:26 PM IST

सफाई कर्मचारियों के मुद्दे पर भड़के केजरीवाल के मंत्री

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य गंगाराम घोसरे के बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सियासी नोक झोंक हो गई. सवाल जवाब के बीच बहस का सिलसिला कुछ ऐसा शुरू हुआ कि मंत्री बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस से ही उठकर जाने लगे.

बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस उठ कर चल दिए मंत्री

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की तरफ से दिल्ली सरकार के सफाई कर्मचारियों को लेकर किए जाने वाले कार्यों की रिव्यू मीटिंग की गई थी. इस रिव्यू मीटिंग के बाद सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंतिम समय में दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम शामिल हुए.

राजेंद्र पाल गौतम ने आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजी भाई ज़ाला के उठाए गए सवालों का जवाब देना शुरू किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार सीवर में की जाने वाली सफाई के दौरान कर्मचारियों की मौतों को रोकने में कामयाब हो चुकी है. लेकिन हाल में ही सेफ्टी टैंक्स की सफाई के दौरान कर्मचारी की मौत का मामला सामने आया है और उसको लेकर भी दिल्ली सरकार काम कर रही है. उन्होंने इसका जिक्र किया कि किस तरह इससे निजात दिलाने की दिशा में रोबोट की तकनीक के इस्तेमाल के लिए सरकार कदम बढ़ा रही है.

मंत्री जवाब दे ही रहे थे कि आयोग के एक सदस्य गंगाराम घोसरे ने सवाल उठाया कि दिल्ली सरकार ने बीते दिनों जो मशीनयुक्त गाड़ियां उतारी है, उनमें से केवल 38 ही ऐसे लोगों को दी जा सकी हैं, जो सीवर की सफाई से जुड़े हैं. इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि इनकी प्राथमिकता में वही लोग थे, लेकिन सीवर की सफाई के दौरान मरे हुए लोगों के परिजनों की तरफ से इसके लिए सिर्फ 9 आवेदन आए थे और उन सभी को इसका फायदा मिला. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए एक संस्था भी बनी है, डिक्की, जो इन सफाई कर्मचारियों की ऐसे मामले में सहायता करती है.

सरकार पारदर्शिता से कर रही काम-मंत्री

सदस्य गंगाराम घोसरे ने ये भी सवाल उठाया कि जिन लोगों ने ये गाड़ियां ली हैं, उन्होंने लाखों के लोन लिए थे, लेकिन बीते कई महीनों से उनको सैलरी नहीं दी जा रही थी. आयोग की तरफ से जब इसे लेकर सवाल उठाया गया, तो हाल में कुछ को सैलरी दी गई है. इस पर मंत्री का जवाब था कि सरकार इसे लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ काम कर रही है.

PC converted in heated arguments between rajender pal gautam and gangaram ghosere
सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य ने पूछा था सवाल

आयोग ने हेल्थ कार्ड का सवाल उठाया
आयोग के सदस्य ने फिर ये सवाल उठाया कि सफाई कर्मचारियों को दिल्ली सरकार हेल्थ कार्ड इश्यू नहीं कर रही है. इस पर मंत्री का कहना था कि दिल्ली में पहले से ही हेल्थ की अच्छी स्कीम चल रही है और इसका पूरा फायदा सभी लोगों को मिल रहा है. सवाल-जवाब का सिलसिला सियासी आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंचा और गंगाराम घोसरे के सवाल पर राजेंद्र पाल गौतम उठकर जाने लगे. उसके बाद फिर लौटे और गंगाराम घोसरे पर राजनीतिक रूप से प्रेरित होने का आरोप लगाते हुए मनोज तिवारी के एमसीडी को लेकर किए गए वादों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मनोज तिवारी ने कहा था कि एमसीडी को पूरी तरह से दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से फंड लेकर आएंगे, लेकिन क्या हुआ उसका. इसके बाद राजेंद्र पाल गौतम उठ कर चल दिए.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य गंगाराम घोसरे के बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सियासी नोक झोंक हो गई. सवाल जवाब के बीच बहस का सिलसिला कुछ ऐसा शुरू हुआ कि मंत्री बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस से ही उठकर जाने लगे.

बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस उठ कर चल दिए मंत्री

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की तरफ से दिल्ली सरकार के सफाई कर्मचारियों को लेकर किए जाने वाले कार्यों की रिव्यू मीटिंग की गई थी. इस रिव्यू मीटिंग के बाद सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंतिम समय में दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम शामिल हुए.

राजेंद्र पाल गौतम ने आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजी भाई ज़ाला के उठाए गए सवालों का जवाब देना शुरू किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार सीवर में की जाने वाली सफाई के दौरान कर्मचारियों की मौतों को रोकने में कामयाब हो चुकी है. लेकिन हाल में ही सेफ्टी टैंक्स की सफाई के दौरान कर्मचारी की मौत का मामला सामने आया है और उसको लेकर भी दिल्ली सरकार काम कर रही है. उन्होंने इसका जिक्र किया कि किस तरह इससे निजात दिलाने की दिशा में रोबोट की तकनीक के इस्तेमाल के लिए सरकार कदम बढ़ा रही है.

मंत्री जवाब दे ही रहे थे कि आयोग के एक सदस्य गंगाराम घोसरे ने सवाल उठाया कि दिल्ली सरकार ने बीते दिनों जो मशीनयुक्त गाड़ियां उतारी है, उनमें से केवल 38 ही ऐसे लोगों को दी जा सकी हैं, जो सीवर की सफाई से जुड़े हैं. इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि इनकी प्राथमिकता में वही लोग थे, लेकिन सीवर की सफाई के दौरान मरे हुए लोगों के परिजनों की तरफ से इसके लिए सिर्फ 9 आवेदन आए थे और उन सभी को इसका फायदा मिला. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए एक संस्था भी बनी है, डिक्की, जो इन सफाई कर्मचारियों की ऐसे मामले में सहायता करती है.

सरकार पारदर्शिता से कर रही काम-मंत्री

सदस्य गंगाराम घोसरे ने ये भी सवाल उठाया कि जिन लोगों ने ये गाड़ियां ली हैं, उन्होंने लाखों के लोन लिए थे, लेकिन बीते कई महीनों से उनको सैलरी नहीं दी जा रही थी. आयोग की तरफ से जब इसे लेकर सवाल उठाया गया, तो हाल में कुछ को सैलरी दी गई है. इस पर मंत्री का जवाब था कि सरकार इसे लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ काम कर रही है.

PC converted in heated arguments between rajender pal gautam and gangaram ghosere
सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य ने पूछा था सवाल

आयोग ने हेल्थ कार्ड का सवाल उठाया
आयोग के सदस्य ने फिर ये सवाल उठाया कि सफाई कर्मचारियों को दिल्ली सरकार हेल्थ कार्ड इश्यू नहीं कर रही है. इस पर मंत्री का कहना था कि दिल्ली में पहले से ही हेल्थ की अच्छी स्कीम चल रही है और इसका पूरा फायदा सभी लोगों को मिल रहा है. सवाल-जवाब का सिलसिला सियासी आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंचा और गंगाराम घोसरे के सवाल पर राजेंद्र पाल गौतम उठकर जाने लगे. उसके बाद फिर लौटे और गंगाराम घोसरे पर राजनीतिक रूप से प्रेरित होने का आरोप लगाते हुए मनोज तिवारी के एमसीडी को लेकर किए गए वादों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मनोज तिवारी ने कहा था कि एमसीडी को पूरी तरह से दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से फंड लेकर आएंगे, लेकिन क्या हुआ उसका. इसके बाद राजेंद्र पाल गौतम उठ कर चल दिए.

Intro:दिल्ली सचिवालय में हुई आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस सियासी नोकझोंक में बदलती दिखी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में ही दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य गंगाराम घोसरे के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ और यहां तक पहुंच गया कि मंत्री बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस से ही उठकर जाने लगे.


Body:नई दिल्ली: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की तरफ से आज दिल्ली सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों को लेकर की जाने वाले कार्यों की रिव्यू मीटिंग थी. इस रिव्यू मीटिंग के बाद सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंतिम समय में इसमें दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम शामिल हुए.

राजेंद्र पाल गौतम ने आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजी भाई ज़ाला द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देना शुरू किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार सीवर में घुसकर की जाने वाली सफाई के दौरान कर्मचारियों की मौतों को रोकने में कामयाबी पा चुकी है,, लेकिन हाल में सेफ्टी टैंक्स की सफाई के दौरान कर्मचारी की मौत का मामला सामने आया है और उसको लेकर भी दिल्ली सरकार काम कर रही है. उन्होंने इसका जिक्र किया कि किस तरह इससे निजात दिलाने की दिशा में रोबोट की तकनीक के इस्तेमाल के लिए सरकार कदम बढ़ा रही है

मंत्री जवाब दे ही रहे थे कि आयोग के एक सदस्य गंगाराम घोसरे ने सवाल उठाया कि दिल्ली सरकार द्वारा बीते दिनों जो मशीन युक्त गाड़ियां उतारी गईं, उनमें से केवल 38 ही ऐसे लोगों को दी जा सकी हैं, जिनका सम्बंध सीवर की सफाई से है. इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि इनकी प्राथमिकता में वही लोग थे, लेकिन सीवर की सफाई के दौरान मरे हुए लोगों के परिजनों की तरफ से इसके लिए सिर्फ 9 आवेदन आए थे और उन सभी को इसका फायदा मिला. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए एक संस्था भी बनी है, डिक्की, जो इन सफाई कर्मचारियों की ऐसे मामले में सहायता करती है.

सदस्य गंगाराम घोसरे ने यह भी सवाल उठाया कि जिन लोगों ने ये गाड़ियां ली हैं, उन्होंने लाखों के लोन लिए थे, लेकिन बीते कई महीनों से उनको सैलरी नहीं दी जा रही थी. आयोग की तरफ से जब इसे लेकर सवाल उठाया गया, तो हाल में कुछ को सैलरी दी गई है. इस पर मंत्री का जवाब था कि सरकार इसे लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ काम कर रही है.

आयोग के सदस्य ने फिर यह सवाल उठाया कि सफाई कर्मचारियों को दिल्ली सरकार हेल्थ कार्ड इश्यू नहीं कर रही है. इस पर मंत्री का कहना था कि दिल्ली में पहले से ही हेल्थ की अच्छी स्कीम चल रही है और इसका पूरा फायदा सभी लोगों को मिल रहा है.


Conclusion:सवाल-जवाब का सिलसिला सियासी आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंचा और गंगाराम घोसरे के सवाल पर राजेंद्र पाल गौतम उठकर जाने लगे. उसके बाद फिर लौटे और गंगाराम घोसरे पर राजनीतिक रूप से प्रेरित होने का आरोप लगाते हुए मनोज तिवारी द्वारा एमसीडी को लेकर किए गए वादों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मनोज तिवारी ने कहा था कि एमसीडी को पूरी तरह से दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से फंड लेकर आएंगे, लेकिन क्या हुआ उसका. इसके बाद राजेंद्र पाल गौतम उठ कर चल दिए.
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