नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पांच प्रमुख पदाधिकारियों को 6 दिनों की ईडी की हिरासत में भेज दिया है. एडिशनल सेशंस जज चंदरजीत सिंह ने पांचों को ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
कोर्ट ने जिन आरोपियों को हिरासत में भेजा है उनमें पीएफआई के संस्थापक सदस्यों में से एक ए.एस.इस्माइल, पीएफआई के कर्नाटक के अध्यक्ष मोहम्मद शकीफ, 2020 तक पीएफआई के राष्ट्रीय सचिव रहे अनीस अहमद, जब पीएफआई को प्रतिबंधित किया गया तब के राष्ट्रीय सचिव अफसर पाशा और पीएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईएम अब्दुल रहीमान हैं. ये सभी प्रतिबंधित संगठन सिमी से भी जुड़े हुए थे.
ईडी ने पीएफआई के इन पदाधिकारियों को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था. ईडी की ओर से पेश वकील एनके माटा, फैजान खान और मनीष जैन ने पांचों आरोपियों की दस दिनों की हिरासत की मांग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये सभी आरोपी मनी लांड्रिंग के मामले में लिप्त थे. ईडी के मुताबिक, इनके द्वारा जो नकदी या बैंक के जरिए पैसे का लेनदेन हुआ था वो पीएफआई के लिए किए गए थे. ताकि अज्ञात स्रोत से मिले धन को वैध करार दिया जा सके. ईडी ने कहा कि जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि पीएफआई ने खाड़ी देशों में स्थित अपने हजारों सक्रिय कार्यकर्ताओं के जरिए काफी धन एकत्र किया था.
बता दें कि 9 नवंबर को कोर्ट ने पीएफआई के संदिग्ध आरोपी कासिम सैयद मोहम्मद इब्राहिम के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट और इसके मैनेजिंग ट्रस्टी एम मोम्मद इस्माइल को समन जारी किया था. ईडी के मुताबिक पीएफआई के एक संगठन तमिलनाडु डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट अरिवगम नामक इस्लामिक धर्मांतरण केंद्र चलाता है. ये केंद्र पुरुषों के लिए ठेणी जिले के मुथुदेवन पट्टी गांव में कैंप चलाता है जबकि महिलाओं के लिए तिरुनेलवेली जिले के इरुवादी में कैंप चलाता है.
बता दें कि हाल ही में पीएफआई ने अपने ऊपर लगे प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. 14 अगस्त को पटियाला हाउस कोर्ट ने पीएफआई के संदिग्ध सेहुल हमीद के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 1 नवंबर 2022 को कोर्ट ने ईडी की ओर से पीएफआई और उसके तीन सदस्यों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 19 नवंबर 2022 को ईडी ने चार्जशीट दाखिल किया था.
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चार्जशीट में पीएफआई के अलावा पीएफआई के दिल्ली के अध्यक्ष परवेज अहमद, पीएफआई के दिल्ली के महासचिव मोहम्मद इलियास और पीएफआई के दिल्ली के कार्यालय सचिव अब्दुल मुकीत को आरोपी बनाया गया. तीनों आरोपियों को 22 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने आरोपियों के खिलाफ 120 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया है.