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'Conversation' नाम से पेंटिंग एग्जिबिशन का आयोजन, इन पेंटिंग को मिली जगह

पेंटिग एग्जीबिशन के आयोजक किशोर लाबर ने बताया कि 20 तारीख तक इस एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है. इसमें लैंडस्केप, स्काईस्केप, एप्सट्रेक समेत फोक पेंटिंग को भी इस बार जगह दी गई है.

पेंटिंग एग्जिबिशन का आयोजन
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Published : Nov 21, 2019, 10:10 AM IST

नई दिल्ली: कला और पेंटिंग आर्ट के प्रेमियों के लिए दिल्ली में स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में कन्वर्सेशन नाम से पेंटिंग एक्टिवेशन का आयोजन किया गया है. जिसमें हर एक प्रकार की पेंटिंग और कलाकृतियां मौजूद हैं. दिल्ली से ही नहीं अलग-अलग राज्यों से कलाकारों ने यह पेंटिंग्स कई महीनों की मेहनत के बाद तैयार की हैं, जो कि इस एग्जिबिशन में प्रदर्शित की जा रही है.

पेंटिंग एग्जिबिशन का आयोजन

फोक पेंटिंग को एग्जिबिशन में किया गया शामिल
इस एग्जीबिशन के आयोजक किशोर लाबर ने बताया कि 20 तारीख तक इस एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है. जिसमें की लैंडस्केप, स्काईस्केप, एप्सट्रेक समेत फोक पेंटिंग को भी इस बार जगह दी गई है.

आधुनिकरण के कारण लुप्त हो रही कला
इसके अलावा उनका कहना था कि आजकल कला और पेंटिंग भी कमर्शियल होता जा रहा है. कई मशीनरी द्वारा सीधे कैनवस पर पेंटिंग की जा रही है जिससे ना केवल कलाकारों का दमन हो रहा है बल्कि जो हमारी संस्कृति है, कल्चर है, वह भी कहीं ना कहीं लुप्त होते जा रहा है.

कलाकारों ने कड़ी मेहनत के बाद तैयार की पेंटिंग
इस पेंटिंग एग्जिबिशन को देखने के लिए कई दर्शक भी आ रहे थे जिनका कहना था कि पेंटिंग कन्वर्सेशन का एक जरिया है, चित्रकार अपनी कला से ही समाज तक अपनी बात पहुंचाता है पिछले 20 सालों से पेंटिंग कर रही मंजुला कुमार का कहना था कि वह लैंडस्केप पेंटिंग बनाती हैं और काफी बारीकी से उनकी हर एक पेंटिंग में काम किया जाता है और एक पेंटिंग बनाने में उन्हें करीब एक महीने का समय लगता है.

चित्रकला को नहीं दिया जाता अधिक महत्व
चित्रकार प्रदर्शनी ने बताया कि वह पिछले कई सालों से लैंडस्केप पेंटिंग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रकृति से बहुत प्यार है. इसलिए वह प्रकृति की सुंदरता को लेकर लैंडस्केप पेंटिंग करते हैं, उनका कहना था कि हमारे समाज में चित्रकला को एक जोखिम वाला करियर समझा जाता है, इसलिए अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को एक चित्रकार बनने के लिए प्रेरित नहीं करते लेकिन चित्रकला कर एक अच्छा आर्टिस्ट बनना एक बहुत बड़ा हुनर है और हर एक बच्चे को यह हुनर सीखना चाहिए.

नई दिल्ली: कला और पेंटिंग आर्ट के प्रेमियों के लिए दिल्ली में स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में कन्वर्सेशन नाम से पेंटिंग एक्टिवेशन का आयोजन किया गया है. जिसमें हर एक प्रकार की पेंटिंग और कलाकृतियां मौजूद हैं. दिल्ली से ही नहीं अलग-अलग राज्यों से कलाकारों ने यह पेंटिंग्स कई महीनों की मेहनत के बाद तैयार की हैं, जो कि इस एग्जिबिशन में प्रदर्शित की जा रही है.

पेंटिंग एग्जिबिशन का आयोजन

फोक पेंटिंग को एग्जिबिशन में किया गया शामिल
इस एग्जीबिशन के आयोजक किशोर लाबर ने बताया कि 20 तारीख तक इस एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है. जिसमें की लैंडस्केप, स्काईस्केप, एप्सट्रेक समेत फोक पेंटिंग को भी इस बार जगह दी गई है.

आधुनिकरण के कारण लुप्त हो रही कला
इसके अलावा उनका कहना था कि आजकल कला और पेंटिंग भी कमर्शियल होता जा रहा है. कई मशीनरी द्वारा सीधे कैनवस पर पेंटिंग की जा रही है जिससे ना केवल कलाकारों का दमन हो रहा है बल्कि जो हमारी संस्कृति है, कल्चर है, वह भी कहीं ना कहीं लुप्त होते जा रहा है.

कलाकारों ने कड़ी मेहनत के बाद तैयार की पेंटिंग
इस पेंटिंग एग्जिबिशन को देखने के लिए कई दर्शक भी आ रहे थे जिनका कहना था कि पेंटिंग कन्वर्सेशन का एक जरिया है, चित्रकार अपनी कला से ही समाज तक अपनी बात पहुंचाता है पिछले 20 सालों से पेंटिंग कर रही मंजुला कुमार का कहना था कि वह लैंडस्केप पेंटिंग बनाती हैं और काफी बारीकी से उनकी हर एक पेंटिंग में काम किया जाता है और एक पेंटिंग बनाने में उन्हें करीब एक महीने का समय लगता है.

चित्रकला को नहीं दिया जाता अधिक महत्व
चित्रकार प्रदर्शनी ने बताया कि वह पिछले कई सालों से लैंडस्केप पेंटिंग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रकृति से बहुत प्यार है. इसलिए वह प्रकृति की सुंदरता को लेकर लैंडस्केप पेंटिंग करते हैं, उनका कहना था कि हमारे समाज में चित्रकला को एक जोखिम वाला करियर समझा जाता है, इसलिए अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को एक चित्रकार बनने के लिए प्रेरित नहीं करते लेकिन चित्रकला कर एक अच्छा आर्टिस्ट बनना एक बहुत बड़ा हुनर है और हर एक बच्चे को यह हुनर सीखना चाहिए.

Intro:कला और पेंटिंग आर्ट के प्रेमियों के लिए दिल्ली में स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में कन्वर्सेशन नाम से पेंटिंग एक्टिवेशन का आयोजन किया गया है. जिसमें हर एक प्रकार की पेंटिंग और कलाकृतियां मौजूद है दिल्ली से ही नहीं अलग-अलग राज्यों से कलाकारों ने यह पेंटिंग्स कई महीनों की मेहनत के बाद तैयार की हैं जो कि इस एग्जिबिशन में प्रदर्शित की जा रही है.


Body:फोक पेंटिंग को एग्जिबिशन में किया गया शामिल
इस एग्जीबिशन के आयोजक किशोर लाबर ने बताया कि 20 तारीख तक इस एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है. जिसमें की लैंडस्केप, स्काईस्केप, एप्सट्रेक समेत फोक पेंटिंग को भी इस बार जगह दी गई है.

आधुनिकरण के कारण लुप्त हो रही कला
इसके अलावा उनका कहना था कि आजकल कला और पेंटिंग का भी कमर्शियलाईज होता जा रहा है कई मशीनरी द्वारा सीधे कैनवस पर पेंटिंग की जा रही है जिससे ना केवल आर्टिस्टो का दमन हो रहा है बल्कि जो हमारी संस्कृति है, कल्चर है, वह भी कहीं ना कहीं लुप्त होते जा रहा है.

कलाकारों ने कड़ी मेहनत के बाद तैयार की पेंटिंग
इस पेंटिंग एग्जिबिशन को देखने के लिए कई दर्शक भी आ रहे थे जिनका कहना था कि पेंटिंग कन्वरसेशन का एक जरिया है, चित्रकार अपनी कला से ही समाज तक अपनी बात पहुंचाता है पिछले 20 सालों से पेंटिंग कर रही मंजुला कुमार का कहना था, कि वह लैंडस्केप पेंटिंग बनाती हैं. और काफी बारीकी से उनकी हर एक पेंटिंग में काम किया जाता है और एक पेंटिंग बनाने में उन्हें करीब एक महीने का समय लगता है.


Conclusion:चित्रकला को नहीं दिया जाता अधिक महत्व
चित्रकार प्रदर्शनी ने बताया कि वह पिछले कई सालों से लैंडस्केप पेंटिंग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रकृति से बहुत प्यार है इसलिए वह प्रकृति की सुंदरता को लेकर लैंडस्केप पेंटिंग करते हैं, उनका कहना था कि हमारे समाज में चित्रकला को एक जोखिम वाला करियर समझा जाता है, इसलिए अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को एक चित्रकार बनने के लिए प्रेरित नहीं करते लेकिन चित्रकला कर एक अच्छा आर्टिस्ट बनना एक बहुत बड़ा हुनर है और हर एक बच्चे को यह हुनर सीखना चाहिए.
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