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JNU रैगिंग: पीड़ित छात्र के खिलाफ जारी हो चुका है 'आउट ऑफ बॉण्ड्स' नोटिस - Student in JNU

जेएनयू में रैगिंग का आरोप लगाने वाले छात्र पर आउट ऑफ बॉण्ड्स नोटिस जारी किया जा चुका है. दरअसल 25 मार्च 2019 को जेएनयू परिसर में अवैध रूप से रहने और मारपीट की एक घटना में शामिल होने की वजह से ये नोटिस जारी किया गया था.

जेएनयू रैगिंग केस में छात्र के खिलाफ जारी हो चुका है आउट ऑफ बॉण्ड्स नोटिस ETV BHARAT
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Published : Jul 23, 2019, 9:58 PM IST

नई दिल्ली: जेएनयू में रैगिंग का आरोप लगाने वाले छात्र पर आउट ऑफ बॉण्ड्स नोटिस जारी किया जा चुका है. दरअसल 25 मार्च 2019 को जेएनयू परिसर में अवैध रूप से रहने और मारपीट की एक घटना में शामिल होने की वजह से ये नोटिस जारी किया गया था.

इसका मतलब है कि इस छात्र का परिसर में प्रवेश निषेध किया जाता है. इस विषय में सभी विभागों को सूचित भी किया गया था. इसके अलावा हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए कहा गया था कि किसी भी छात्र द्वारा इस छात्र को परिसर के हॉस्टल में रहने देने पर जेएनयू प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाया जाएगा. छात्र ने 18 जुलाई को अपने एक सीनियर पर रैगिंग का आरोप लगाया है.

जेएनयू रैगिंग केस में छात्र के खिलाफ जारी हो चुका है आउट ऑफ बॉण्ड्स नोटिस ETV BHARAT

हॉस्टल पार्टी के दौरान नोटिस
बता दें कि पीड़ित छात्र जेएनयू में 3 मार्च को परिसर में चल रही एक हॉस्टल नाईट पार्टी में शरीक होने अपने एक दोस्त के साथ आया था. उस दौरान पार्टी में कुछ लोगों से मारपीट हो गई थी. वहीं बाहरी व्यक्ति होने की वजह से जेएनयू प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए छात्र को आउट ऑफ बॉण्ड्स घोषित किया था, क्योंकि वह उस समय जेएनयू का छात्र नहीं था.

वहीं, जब 3 मार्च 2019 को हॉस्टल नाइट पार्टी के दौरान छात्र के साथ हुई घटना पर प्रतिक्रिया ली गई तो पीड़ित छात्र ने जेएनयू प्रशासन द्वारा उस आउट ऑफ बॉण्ड्स घोषित किए जाने की बात को कबूल ली और बताया कि मुझे आउट ऑफ बॉण्ड्स की जानकारी नहीं थी.

छात्र को मिल चुका है एडमिशन
छात्र ने कहा कि जब जुलाई में एडमिशन लेने आया तो इसके बारे में पता चला. जिसके बाद वीसी ऑफिस में एक एप्लिकेशन दिया तब जाकर मुझे एडमिशन मिला. ऑउट ऑफ बॉण्ड्स के लिए मेरे खिलाफ किसने शिकायत दी ये जानकारी मुझे नहीं है और न ही मुझे ये मालूम है कि उस घटना के बाद मेरे लिए जारी किए गए ऑउट ऑफ बॉण्ड्स में प्रशासन ने क्या कार्रवाई की है.

वहीं छात्र ने कहा कि मुझे दाखिला मिल चुका है और हॉस्टल भी अलॉट हो गया है. इसके अलावा जेएनयू में मिलने वाली सारी सुविधाओं के लिए भी एक्सेस मिल चुका है.

चीफ प्रॉक्टर से नहीं हुआ संपर्क
बता दें कि जेएनयू चीफ प्रॉक्टर द्वारा जारी किया गया आउट ऑफ बॉण्ड्स की जानकारी सभी प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गई थी. वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर चीफ प्रॉक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो उन से संपर्क नहीं हो सका.

वहीं, एक सवाल यह भी उठता है कि क्या दाखिले के वक्त जेएनयू प्रशासन द्वारा छात्रों का रिकॉर्ड नहीं देखा जाता है. क्योंकि ये संयोग है कि उसी छात्र के साथ दाखिला लेने के एक ही हफ्ते के अंदर में रैगिंग का मामला सामने आया है.

नई दिल्ली: जेएनयू में रैगिंग का आरोप लगाने वाले छात्र पर आउट ऑफ बॉण्ड्स नोटिस जारी किया जा चुका है. दरअसल 25 मार्च 2019 को जेएनयू परिसर में अवैध रूप से रहने और मारपीट की एक घटना में शामिल होने की वजह से ये नोटिस जारी किया गया था.

इसका मतलब है कि इस छात्र का परिसर में प्रवेश निषेध किया जाता है. इस विषय में सभी विभागों को सूचित भी किया गया था. इसके अलावा हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए कहा गया था कि किसी भी छात्र द्वारा इस छात्र को परिसर के हॉस्टल में रहने देने पर जेएनयू प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाया जाएगा. छात्र ने 18 जुलाई को अपने एक सीनियर पर रैगिंग का आरोप लगाया है.

जेएनयू रैगिंग केस में छात्र के खिलाफ जारी हो चुका है आउट ऑफ बॉण्ड्स नोटिस ETV BHARAT

हॉस्टल पार्टी के दौरान नोटिस
बता दें कि पीड़ित छात्र जेएनयू में 3 मार्च को परिसर में चल रही एक हॉस्टल नाईट पार्टी में शरीक होने अपने एक दोस्त के साथ आया था. उस दौरान पार्टी में कुछ लोगों से मारपीट हो गई थी. वहीं बाहरी व्यक्ति होने की वजह से जेएनयू प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए छात्र को आउट ऑफ बॉण्ड्स घोषित किया था, क्योंकि वह उस समय जेएनयू का छात्र नहीं था.

वहीं, जब 3 मार्च 2019 को हॉस्टल नाइट पार्टी के दौरान छात्र के साथ हुई घटना पर प्रतिक्रिया ली गई तो पीड़ित छात्र ने जेएनयू प्रशासन द्वारा उस आउट ऑफ बॉण्ड्स घोषित किए जाने की बात को कबूल ली और बताया कि मुझे आउट ऑफ बॉण्ड्स की जानकारी नहीं थी.

छात्र को मिल चुका है एडमिशन
छात्र ने कहा कि जब जुलाई में एडमिशन लेने आया तो इसके बारे में पता चला. जिसके बाद वीसी ऑफिस में एक एप्लिकेशन दिया तब जाकर मुझे एडमिशन मिला. ऑउट ऑफ बॉण्ड्स के लिए मेरे खिलाफ किसने शिकायत दी ये जानकारी मुझे नहीं है और न ही मुझे ये मालूम है कि उस घटना के बाद मेरे लिए जारी किए गए ऑउट ऑफ बॉण्ड्स में प्रशासन ने क्या कार्रवाई की है.

वहीं छात्र ने कहा कि मुझे दाखिला मिल चुका है और हॉस्टल भी अलॉट हो गया है. इसके अलावा जेएनयू में मिलने वाली सारी सुविधाओं के लिए भी एक्सेस मिल चुका है.

चीफ प्रॉक्टर से नहीं हुआ संपर्क
बता दें कि जेएनयू चीफ प्रॉक्टर द्वारा जारी किया गया आउट ऑफ बॉण्ड्स की जानकारी सभी प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गई थी. वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर चीफ प्रॉक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो उन से संपर्क नहीं हो सका.

वहीं, एक सवाल यह भी उठता है कि क्या दाखिले के वक्त जेएनयू प्रशासन द्वारा छात्रों का रिकॉर्ड नहीं देखा जाता है. क्योंकि ये संयोग है कि उसी छात्र के साथ दाखिला लेने के एक ही हफ्ते के अंदर में रैगिंग का मामला सामने आया है.

Intro:नई दिल्ली ।

जेएनयू में रैगिंग का आरोप लगाने वाला छात्र पर 25 मार्च 2019 को जेएनयू परिसर में अवैध रूप से रहने और मारपीट की एक घटना में शामिल होने के कारण प्रशासन द्वारा आउट ऑफ बॉण्ड्स नोटिस जारी किया जा चुका है. जिसका मतलब है कि इस छात्र का परिसर में प्रवेश निषेध किया जाता है. इस विषय में सभी विभागों को सूचित भी किया गया था. इसके अलावा होस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए कहा गया था कि किसी भी छात्र के द्वारा रवि को परिसर के होस्टल में रहने देने पर जेएनयू प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाया जाएगा. बता दें कि रवि ने 18 जुलाई को अपने एक सीनियर पर रैगिंग का आरोप लगाया है.




Body:बता दें कि छात्र रवि जेएनयू में तीन मार्च को परिसर में चल रही एक होस्टल नाईट पार्टी में शरीक होने अपने एक दोस्त के साथ आया था. उस दौरान पार्टी में कुछ लोगों से मारपीट हो गई थी. वहीं बाहरी व्यक्ति होने के कारण जेएनयू प्रशासन ने कार्यवाई करते हुए रवि को आउट ऑफ बॉण्ड्स घोषित किया था क्योंकि वह उस समय जेएनयू का छात्र नहीं था. वहीं जब 3 मार्च 2019 को होस्टल नाईट पार्टी के दौरान छात्र रवि के साथ हुई घटना पर प्रतिक्रिया ली गई तो छात्र रवि ने जेएनयू प्रशासन द्वारा उस आउट ऑफ बॉण्ड्स घोषित किए जाने की बात को कबूल ली और बताया कि मुझे आउट ऑफ बॉण्ड्स की जानकारी नहीं थी. छात्र ने कहा कि जब जुलाई में एडमिशन लेने आया तो इसके बारे में पता चला. जिसके बाद वीसी ऑफ़िस में एक एप्लिकेशन दिया तब जाकर मुझे एडमिशन मिला. ऑउट ऑफ बॉण्ड्स के लिए मेरे खिलाफ किसने शिकायत दी ये जानकारी मुझे नहीं है और न ही मुझे ये मालूम है कि उस घटना के बाद मेरे लिए जारी किए गए ऑउट ऑफ बॉण्ड्स में प्रशासन ने क्या कार्रवाई की है. वहीं छात्र ने कहा कि मुझे दाखिला मिल चुका है और होस्टल भी अलॉट हो गया है इसके अलावा जेएनयू में मिलने वाली सारी सुविधाओं के लिए भी एक्सेस मिल चुका है.





Conclusion:बता दें कि जेएनयू चीफ प्रॉक्टर द्वारा जारी किया गया आउट ऑफ बॉण्ड्स की जानकारी सभी प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गई थी. वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर चीफ प्रॉक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो उन से संपर्क नहीं हो सका. वहीं एक सवाल यह भी उठता है कि क्या दाखिले के वक्त जेएनयू प्रशासन द्वारा छात्रों का रिकॉर्ड नहीं देखा जाता है. क्योंकि यह संयोग है की उसी छात्र के साथ दाखिला लेने के एक ही हफ्ते के अंदर में रैगिंग का मामला सामने आया है.
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