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दिल्ली के प्रत्येक थाने में चल रहा ऑपेरशन मिलाप, पुलिस को मिल रही दुआएं

लापता हुए बच्चों को तलाशने के लिए आपरेशन मिलाप के तहत पुलिस पहले से काम करती रही है. लेकिन पुलिस कमिश्नर के निर्देश के बाद इसमें काफी तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि उन्होंने भी अपने जिले में आपरेशन मिलाप के तहत बच्चों को तलाशने के लिए अभियान चलाया है.

operation milap team
DCP संजय भाटिया
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Published : Sep 8, 2020, 10:35 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी से लापता होने वाले बच्चों को तलाशना दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की प्राथमिकता है. इसके लिए उन्होंने सभी जिला डीसीपी को निर्देश दिए जिसके बाद प्रत्येक थाने में आपरेशन मिलाप के लिए एक टीम बना दी गई है. दो से तीन पुलिसकर्मियों की ये टीम न केवल अपने इलाके से लापता हुए बच्चों को तलाश रही है, बल्कि अकेले मिलने वाले बच्चे के परिजनों को भी तलाश रही है.

DCP संजय भाटिया से खास बातचीच
मध्य जिला डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि लापता हुए बच्चों को तलाशने के लिए आपरेशन मिलाप के तहत पुलिस पहले से काम करती रही है. लेकिन पुलिस कमिश्नर के निर्देश के बाद इसमें काफी तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं.

पुलिस कमिश्नर के निर्देश हैं कि प्रत्येक लापता बच्चे को तलाशने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाने चाहिए. इसके बाद से सभी थानों में दो से तीन पुलिसकर्मियों की एक टीम बनाई गई है. इस टीम का काम लापता हुए प्रत्येक बच्चे की तलाश करना है. ये टीम कई लापता बच्चों को पिछले दिनों तलाशने में कामयाब रही.


10 से ज्यादा बच्चों को परिवार से मिलवाया


डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि उन्होंने भी अपने जिले में आपरेशन मिलाप के तहत बच्चों को तलाशने के लिए अभियान चलाया है. पिछले कुछ समय में ही उनकी टीम ने 10 से ज्यादा बच्चों को तलाशकर उनके परिवार से मिलवाया है.

इनमें से कोई बच्चा परिवार से बिछुड़कर गाजियाबाद चला गया था, तो कोई बच्चा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिला. पुलिस टीम तमाम एनजीओ एवं अनाथालय में जाकर भी बच्चों को तलाश रही है. कई मामलों में पुलिस को बच्चे मिले जिनके परिजनों को तलाशने के काम पुलिस द्वारा किया गया.


इस आपरेशन से मिलती है आत्मसंतुष्टि


डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि कई मामलों में परिजन अपने बच्चों को तलाशते हुए थक चुके थे. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका बच्चा वापस मिलेगा. लेकिन ऐसे मामलों में भी पुलिस ने कई साल से लापता बच्चों को तलाश कर उनके परिवार से मिलवाया है.

लापता बच्चे जब परिवार से मिलते हैं, तो उनकी तरफ से पुलिस को दुआएं मिलती है. कोई शब्दों में पुलिस का धन्यवाद करता है तो कोई चिट्ठी लिखकर आभार जताता है. बच्चे को परिवार से मिलवा कर पुलिस को भी खुशी और आत्मसंतुष्टि मिलती है.


इस अभियान से होगा काफी फायदा


डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि पुलिस कमिश्नर ने बच्चों को तलाशने पर इंसेंटिव की घोषणा भी की है. यहां तक की एक वर्ष में 50 बच्चों को तलाशने वाले को समय से पहले तरक्की देने की घोषणा भी उन्होंने की है.

इसके बाद से पुलिसकर्मियों में भी लापता बच्चों को तलाशने का जोश देखा जा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि पुलिस कमिश्नर की इस पहल पर जिस तरीके से बच्चों को तलाशने का काम चल रहा है, इससे आने वाले समय में दिल्ली पुलिस को काफी कामयाबी मिलेगी.

नई दिल्ली: राजधानी से लापता होने वाले बच्चों को तलाशना दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की प्राथमिकता है. इसके लिए उन्होंने सभी जिला डीसीपी को निर्देश दिए जिसके बाद प्रत्येक थाने में आपरेशन मिलाप के लिए एक टीम बना दी गई है. दो से तीन पुलिसकर्मियों की ये टीम न केवल अपने इलाके से लापता हुए बच्चों को तलाश रही है, बल्कि अकेले मिलने वाले बच्चे के परिजनों को भी तलाश रही है.

DCP संजय भाटिया से खास बातचीच
मध्य जिला डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि लापता हुए बच्चों को तलाशने के लिए आपरेशन मिलाप के तहत पुलिस पहले से काम करती रही है. लेकिन पुलिस कमिश्नर के निर्देश के बाद इसमें काफी तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं.

पुलिस कमिश्नर के निर्देश हैं कि प्रत्येक लापता बच्चे को तलाशने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाने चाहिए. इसके बाद से सभी थानों में दो से तीन पुलिसकर्मियों की एक टीम बनाई गई है. इस टीम का काम लापता हुए प्रत्येक बच्चे की तलाश करना है. ये टीम कई लापता बच्चों को पिछले दिनों तलाशने में कामयाब रही.


10 से ज्यादा बच्चों को परिवार से मिलवाया


डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि उन्होंने भी अपने जिले में आपरेशन मिलाप के तहत बच्चों को तलाशने के लिए अभियान चलाया है. पिछले कुछ समय में ही उनकी टीम ने 10 से ज्यादा बच्चों को तलाशकर उनके परिवार से मिलवाया है.

इनमें से कोई बच्चा परिवार से बिछुड़कर गाजियाबाद चला गया था, तो कोई बच्चा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिला. पुलिस टीम तमाम एनजीओ एवं अनाथालय में जाकर भी बच्चों को तलाश रही है. कई मामलों में पुलिस को बच्चे मिले जिनके परिजनों को तलाशने के काम पुलिस द्वारा किया गया.


इस आपरेशन से मिलती है आत्मसंतुष्टि


डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि कई मामलों में परिजन अपने बच्चों को तलाशते हुए थक चुके थे. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका बच्चा वापस मिलेगा. लेकिन ऐसे मामलों में भी पुलिस ने कई साल से लापता बच्चों को तलाश कर उनके परिवार से मिलवाया है.

लापता बच्चे जब परिवार से मिलते हैं, तो उनकी तरफ से पुलिस को दुआएं मिलती है. कोई शब्दों में पुलिस का धन्यवाद करता है तो कोई चिट्ठी लिखकर आभार जताता है. बच्चे को परिवार से मिलवा कर पुलिस को भी खुशी और आत्मसंतुष्टि मिलती है.


इस अभियान से होगा काफी फायदा


डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि पुलिस कमिश्नर ने बच्चों को तलाशने पर इंसेंटिव की घोषणा भी की है. यहां तक की एक वर्ष में 50 बच्चों को तलाशने वाले को समय से पहले तरक्की देने की घोषणा भी उन्होंने की है.

इसके बाद से पुलिसकर्मियों में भी लापता बच्चों को तलाशने का जोश देखा जा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि पुलिस कमिश्नर की इस पहल पर जिस तरीके से बच्चों को तलाशने का काम चल रहा है, इससे आने वाले समय में दिल्ली पुलिस को काफी कामयाबी मिलेगी.

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