नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया की ओर से पीएचडी शोधकर्ता छात्रों को बड़ी राहत मिली है. बता दें कि कोविड-19 के चलते किए गए लॉकडाउन को देखते हुए अकादमिक काउंसिल के जरिये दी गई विशेष पावर्स का इस्तेमाल करते हुए जामिया कुलपति ने पीएचडी के छात्रों को अपनी थीसिस जमा करने के लिए 20 जुलाई तक का समय दिया है. साथ ही प्री पीएचडी सेमिनार प्रेजेंटेशन ऑनलाइन आयोजित करने की भी अनुमति दे दी है.
20 जुलाई तक जमा करना होगा थीसिस
वहीं जामिया कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने कहा कि राष्ट्रीय लॉकडाउन होने की वजह से परिस्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि 20 मार्च तक जिन पीएचडी शोधकर्ता छात्रों के कोर्स की अधिकतम अवधि समाप्त हो रही है, वह अपनी थीसिस 20 जुलाई तक जमा कर सकेंगे. हालांकि अतिरिक्त समय देने पर उन्हें स्कॉलरशिप नहीं दी जाएगी.
ऑनलाइन प्री पीएचडी सेमिनार मंजूरी
इसके साथ साथ कुलपति ने अपने विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए प्री पीएचडी सेमिनार प्रेजेंटेशन को ऑनलाइन आयोजित करने की भी अनुमति दे दी है. उन्होने कहा कि यह ओपन प्रेजेंटेशन होनी चाहिए जिसे ऑनलाइन सभी फैकल्टी अटेंड करेंगे. साथ ही कहा कि इस सेमिनार आयोजन को लेकर आवश्यक ऑनलाइन नोटिफिकेशन भी जारी किया जाना चाहिए, जिसमें स्कॉलर का नाम, विषय, तारीख, एड्रेस, यूआरएल सहित सभी चीज़ों की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए.
ऑनलाइन प्रेजेंटेशन पर मिलेगा सर्टिफिकेट
साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्री पीएचडी सेमिनार प्रेजेंटेशन के जरिए सुधार के लिए सुझाव मांगे जाएंगे. इसके अलावा जो भी स्कॉलर यह सेमिनार प्रेजेंटेशन ऑनलाइन पूरा करेगा उसे डायरेक्टर की तरफ से बाकायदा एक प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. हालांकि पीएचडी थीसिस की हार्ड कॉपी यूनिवर्सिटी के नियमों के तहत ही जमा करनी होगी.