नई दिल्लीः दिल्ली में बीते दो दिनों से लगातार हुई बारिश के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ गया है. इसके साथ ही हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. आने वाले दिनों में और भी पानी छोड़े जाने की आशंका है. बारिश के कारण यमुना में बढ़े जलस्तर के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड़ में आ गया है. यमुना किनारे तराई में स्थित गांवों में रहने और वहां खेती करने वाले किसानों को बाढ़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन विभाग ने खाली करने की चेतावनी जारी की है.
हरियाणा से दिल्ली की यमुना में 9 जुलाई की शाम को एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. विभाग ने बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से बचने के लिए लोगों को निचले इलाके खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है. दिल्ली में यमुना के पुराने पुल के पास खतरे के निशान का खंभा लगा हुआ है, जिसका स्तर 204.5 है. यदि यमुना का जलस्तर बढ़कर 205.33 को पार करता है तो बाढ़ की आशंका अधिक हो जाती है. वहीं यमुना में आने वाले दिनों में हथिनीकुंड बैराज से करीब पांच लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा सकता है. इससे दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ का पानी भर जाएगा.
मंगलवार को यमुना खतरे के निशान से ऊपर होगाः केंद्रीय जल आयोग (CWC) के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर रविवार दोपहर एक बजे 203.18 मीटर था, जबकि खतरे का स्तर 204.5 मीटर है. CWC ने एक परामर्श में कहा कि मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच जलस्तर 205.5 मीटर तक बढ़ने की आशंका है.