नई दिल्ली: पेंशन की टेंशन ने देश भर के बुजुर्गों को जंतर-मंतर पर एकजुट होने के लिए मजबूर कर दिया है. असंगठित क्षेत्र से हजारों बुजुर्ग जंतर-मंतर पर इक्ट्ठा हुए और पेंशन बढ़ोतरी की मांग की. इन बुजुर्गों ने बीजेपी सरकार को उसका किया हुआ वादा भी याद दिलाया. राजधानी में पेंशन की मांग आए दिन उठती रहती है. इसे लेकर आंदोलन भी होते रहे हैं. दिल्ली के जंतर मंतर पर आज हजारों की संख्या में ऐसे बुजुर्ग इकट्ठा हुए, जिन्हें पेंशन तो मिलती है लेकिन बहुत कम.
असंगठित क्षेत्र के हजारों बुजुर्गों ने कहा कि सत्ता में आने से पूर्व बीजेपी ने वादा किया था कि वो बुजुर्गों को दी जाने वाली पेंशन में इजाफा करेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उनका कहना था कि महंगाई के इस दौर में भी उन्हें 500 से 2500 रुपए पेंशन के रूप में मिलते हैं, जो बहुत ही कम हैं. उनकी मांग है कि उन्हें कम से कम 7500 रुपए पेंशन दिया जाए. EPS 95 नेशनल एजीटेशन कमिटी के बैनर तले या आंदोलन हुआ इसके प्रेसिडेंट रिटायर्ड कमांडर अशोक राउत ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पिछली सरकार के समय जब हम अपनी इसी मांग को लेकर आवाज उठा रहे थे तब बीजेपी के तत्कालीन प्रवक्ता और मौजूदा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि पेंशन योजनाएं बहुत सी हैं, हम अगर सरकार में आए तो 90 दिन के भीतर पेंशन में बढ़ोतरी करेंगे.
वहीं अशोक राउत ने ये भी कहा कि सरकार को आए 5 साल होने जा रहे हैं, लेकिन हमें आज फिर अपनी उसी मांग को लेकर आंदोलन करना पड़ रहा है. पेंशन में बढ़ोतरी की अपनी मांग को लेकर जंतर मंतर पर इकट्ठा हुए कई अन्य बुजुर्गों ने भी ईटीवी भारत से अपनी व्यथा साझा की.