नई दिल्ली: एनजीटी ने मध्य प्रदेश के रिहंद जलाशय में फ्लाई ऐश की डंपिंग करने पर एनटीपीसी विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन पर दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
याचिका वकील अश्विनी कुमार दुबे ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था की एनटीपीसी प्लांट में फ्लाई ऐश बांध ओवरफ्लो हो रहा है. जिसकी वजह से रिहंद जलाशय का पानी प्रदूषित हो रहा है. रिहंद जलाशय मध्यप्रदेश के सिंगरौली और यूपी के सोनभद्र जिले में पेयजल का एकमात्र स्रोत है.
ओवरसाइट कमिटी ने जुर्माने की अनुशंसा की थी
पहले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने इस मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राजेश कुमार की अध्यक्षता में एक ओवरसाइट कमेटी का गठन किया था. ओवरसाइट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फ्लाई ऐश का बांध कई जगह से ओवरफ्लो हो रहा हैं.
जिसकी वजह से रिहंद जलाशय का पानी प्रदूषित हो रहा है. फ्लाई ऐश सड़कों पर भी बिखरा पड़ा है, जिसकी वजह से आसपास के लोगों का आना जाना भी मुश्किल हो गया है. ओवरसाइट कमिटी ने एनटीपीसी पर दस करोड़ रुपये की अंतरिम जुर्माना लगाने की अनुशंसा की थी.
रिहंद जलाशय में फ्लाई ऐश नहीं गया- एनटीपीसी
सुनवाई के दौरान ओवरसाईट कमेटी की अनुशंसाओं का एनटीपीसी ने विरोध किया. एनटीपीसी ने कहा कि बांध का ओवरफ्लो 30 घंटे के अंदर बंद कर दिया गया. एनटीपीसी ने कहा कि रिहंद जलाशय में फ्लाई ऐश नहीं गया, इसलिए दस करोड़ के जुर्माना राशि की अनुशंसा सही नहीं है.
याचिकाकर्ता ने इसके पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को एनजीटी जाने का निर्देश दिया था जिसके बाद उन्होंने एनजीटी में याचिका दायर की है.