नई दिल्ली: शैक्षणिक संस्थानों में फीस बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर NSUI ने 10 दिसंबर को सड़कों पर उतरने का फैसला किया है. वहीं एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि यह केवल जेएनयू की ही नहीं बल्कि देश के उन सभी शिक्षा संस्थानों की लड़ाई है जहां फीस में बढ़ोतरी कर शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है.
10 दिसंबर को निकाला जाएगा मार्च
साथ ही देश में घटती हुई जीडीपी का सीधा असर छात्रों पर पड़ रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार को नींद से जगाने के लिए छात्र अधिकार मार्च 10 दिसंबर को निकाला जाएगा. जिसमें एनएसयूआई ने देश के सभी विश्वविद्यालय के छात्रों को आमंत्रित किया है और इस दिन एनएसयूआई द्वारा केंद्र सरकार के विरूद्ध उग्र प्रदर्शन जंतर मंतर पर होगा.
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन द्वारा सरकार से मांग की जाएगी कि वह छात्रों के मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए उसे जल्द से जल्द सुलझाएं. वहीं उन्होंने कहा कि देश के छात्र ही देश को विकास की ओर अग्रसर करते हैं. ऐसे में उन्हीं के साथ नाइंसाफी होगी तो देश आगे कैसे बढ़ेगा.
'छात्रों को सब्सिडी मिलने पर तकलीफ क्यों'
वहीं नीरज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्रा पर ढाई सौ करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते हैं, अपने विधायकों को फ्लैट में सब्सिडी दे सकते हैं तो छात्रों को सब्सिडी मिलने पर उन्हें तकलीफ क्यों हो रही है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को अपनी सत्ता का घमंड हो गया है जिसके चलते वह आम जनता की समस्याओं को देखकर भी देखना नहीं चाहती लेकिन युवा पीढ़ी उन्हें इस गुमान से बाहर निकालने की शक्ति रखती है. उन्होंने कहा कि सत्ताधारियों को समझ जाना चाहिए कि कुर्सी किसी एक की नहीं होती और ना ही हमेशा किसी एक की रहती है.