नई दिल्ली: रविवार शाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अज्ञात नकाबपोशों ने जेएनयू के छात्रों के साथ मारपीट की. उसके बाद सोमवार सुबह से ही दिल्ली विश्वविद्यालय में भी इसका असर देखने को मिला.
जहां तमाम छात्र संगठन जेएनयू के छात्रों के समर्थन में खड़े नजर आए. सुबह जहां दिल्ली विश्वविद्यालय के सोशल वर्क्स डिपार्टमेंट ने जेएनयू के समर्थन में मार्च निकाला. वहीं दोपहर होते-होते एनएसयूआई ने भी इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ मार्च निकाला और जेएनयू के समर्थन में खड़े नजर आए.
छात्रों ने दोपहर 2 बजे शुरू किया प्रदर्शन
एनएसयूआई ने जेएनयू के छात्रों के समर्थन में अपना मार्च करीबन 2:00 बजे दोपहर को शुरू किया और पूरे दिल्ली विश्वविद्यालय का चक्कर लगाकर असामाजिक तत्वों को संकेत दिए कि राजधानी दिल्ली के छात्र किसी से डरते नहीं हैं. साथ ही साथ पूरे मार्च के दौरान एनएसयूआई के छात्र केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए.
'केंद्रीय गृहमंत्री मामले की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें'
ईटीवी भारत की टीम ने जब एनएसयूआई के छात्रों से विरोध मार्च के दौरान बातचीत की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस पूरे मामले के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस जिम्मेदार है. लगातार पूरे देश भर में विश्वविद्यालयों के अंदर छात्रों के ऊपर हमले हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जो भी केंद्र सरकार का विरोध करते हैं, उन छात्रों के ऊपर हमला होता है और कल तो जेएनयू के अंदर अज्ञात नकाबपोशों ने विश्वविद्यालय के कैंपस के अंदर छात्रों को घुसकर मारा और दिल्ली पुलिस देखती रही, कुछ भी नहीं किया. जिस तरह से हिंसा करने वाले छात्र नारे लगा रहे थे, उससे साफ पता लगता है कि यह सभी छात्र एबीवीपी के थे और इन लोगों ने दिल्ली पुलिस के संरक्षण में यह सब हिंसा की है. हमारी मांग है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दें.