नई दिल्ली: कोरोना के कारण सब कुछ प्रभावित हुआ है. खेल भी इससे अछूता नहीं है. इस दौरान ईटीवी भारत ने दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध माता सुंदरी कॉलेज में पढ़ रहे कुछ खिलाड़ियों से बात की और जाना कि कोरोना महामारी के दौरान खिलाड़ियों को किस तरह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इसी कड़ी में वॉलीबॉल की खिलाड़ी बबीता ने बताया कि वो कोरोना संक्रमण की वजह से ज्यादा प्रैक्टिस नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि वो जहां पर रहती हैं, वहां इतनी जगह नहीं है कि वह घर से बाहर जाकर प्रैक्टिस कर सकें और घर भी इतना बड़ा नहीं है जिसकी वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि खेल के मैदान से दूर रहना काफी हतोत्साहित करता है.
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वहीं, रेसलिंग की खिलाड़ी आकृति त्यागी ने बताया कि फिलहाल की स्थिति में ग्राउंड में नहीं जा सकते हैं. खेल का लय ना टूटे, इसी को ध्यान में रखते हुए छत को खेल का मैदान बना दिया है. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण ऑनलाइन हो रहा है, लेकिन ऑनलाइन प्रशिक्षण उतना कारगर नहीं है. साथ ही उन्होंने बताया कि खुद को फिट रखने के लिए सिलेंडर की मदद से एक्सरसाइज कर रहे हैं.
बॉक्सिंग की खिलाड़ी स्नेहा ने बताया कि घर को ही खेल का मैदान बना दिया है, लेकिन वह मैदान में उतरने के लिए आतुर हैं और उम्मीद है कि जल्द कोरोना खत्म हो जाएगा. उन्होंने बताया कि वह लगातार कोच के संपर्क में हैं, जिसके जरिए प्रैक्टिस जारी रख पा रही हैं. साथ ही कहा कि बेशक कोरोना की वजह से मैदान में नहीं उतर पा रहे हैं, लेकिन राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए पूरी तैयारी है.
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धावक प्रीति ने बताया कि खुद को फिट रखने के लिए घर पर प्रैक्टिस कर रही हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल की स्थिति में घर के बाहर जाना ठीक नहीं है, लेकिन घर में जो एक्सरसाइज की जा सकती है, वह कर रहे हैं, जिससे जब दौड़ना शुरू करें तो कोई दिक्कत ना आए. साथ ही बताया कि कोरोना संक्रमण में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि दौड़ नहीं पा रहे हैं, जिसका सबसे ज्यादा मलाल है. वहीं, कबड्डी की खिलाड़ी पवित्रा ने बताया कि फिलहाल प्रैक्टिस करना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रशिक्षण होने की वजह से यह महसूस नहीं हुआ कि हम अपने खेल से दूर हैं.
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध माता सुंदरी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. हरप्रीत कौर ने बताया कि कोरोना काल में कोच खिलाड़ियों को ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण दे रहे थे. उन्होंने बताया कि पहली लहर में जब थोड़ी राहत मिली थी, उस दौरान खिलाड़ियों को बुलाना शुरू किया, क्योंकि खेल की ट्रेनिंग ऑनलाइन पूरी तरह नहीं हो सकती है. लेकिन फिलहाल जिस तरह से स्थिति है, कोई भी कॉलेज नहीं आ पा रहा है. वहीं, उन्होंने बताया कि कॉलेज में कई तरह के खेल हैं, जिनमें कबड्डी, बॉक्सिंग, रेसलिंग, खो-खो, ताइक्वांडो और वॉलीबॉल आदि खेल है.