नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के सेंट्रल लोकेशन पर आम आदमी पार्टी का दफ्तर बनाने के लिए भूमि देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय को छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल 2024 को होगी.
आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के उन दो पत्रों को चुनौती दी है जिसमें पार्टी दफ्तर के लिए भूमि आवंटित करने की मांग को खारिज कर दिया गया था. आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार ने उनकी अर्जी खारिज करते समय भ्रामक और बेबुनियाद तर्क दिए हैं. याचिका में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी विपक्षी दल है और लोकतंत्र में विपक्ष को भी पूरी स्वतंत्रता दी जानी चाहिए न कि उनके अधिकारों का उल्लंघन होना चाहिए. केंद्र का फैसला दूसरे मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की तुलना में आम आदमी पार्टी के लिए नुकसानदेह है.
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आम आदमी पार्टी ने 2006 के केंद्र सरकार के एक नोटिफिकेशन का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि सभी राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को जिनके दोनों सदनों को मिलाकर 15 सांसद होंगे उन्हें पांच सौ वर्ग मीटर की भूमि आवंटित की जाएगी. इसके अलावा उन पार्टियों की दिल्ली ईकाई के लिए भी पांच सौ वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि उनकी पार्टी के दफ्तर के लिए केंद्रीय लोकेशन वाले इलाकों में भूमि आवंटित की जाए जो अतिक्रमण मुक्त हो ताकि पार्टी का दफ्तर तुरंत बनाने का काम शुरू किया जा सके.
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