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CM आवास पर हमला के मामले में सांसद तेजस्वी सूर्या को पुलिस ने भेजा नोटिस, 28 अप्रैल को थाने में पेशी - 28 अप्रैल को तेजस्वी सूर्या की थाने में पेशी

मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन के दौरान की गई तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने सांसद एवं भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को नोटिस भेजा है. उन्हें 28 अप्रैल को सिविल लाइन थाने में जांच अधिकारी के पास बुलाया गया है. सूत्रों की मानें तो इस मामले में गिरफ्तार कर उन्हें थाने से जमानत दी जा सकती है.

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Published : Apr 26, 2022, 10:00 AM IST

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन के दौरान की गई तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने सांसद एवं भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को नोटिस भेजा है. उन्हें 28 अप्रैल को सिविल लाइन थाने में जांच अधिकारी के पास बुलाया गया है. सूत्रों की माने तो इस मामले में गिरफ्तार कर उन्हें थाने से जमानत दी जा सकती है. इससे पहले पूर्व मेयर जयप्रकाश और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासु रुखड्ड सहित 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

जानकारी के मुताबिक बीते एक अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने मुख्यमंत्री आवास के पास प्रदर्शन किया था. यह प्रदर्शन विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा फ़िल्म कश्मीर फाइल्स को लेकर दिए गए बयान के विरोध में आयोजित किया गया था. इस प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने जाकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर तोड़फोड़ की थी. उन्होंने बूम बैरियर एवं सीसीटीवी को तोड़ने के अलावा मुख्य गेट पर पेंट गिराया था. इस घटना को लेकर सिविल लाइन थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. लगभग दो सप्ताह जेल में रहने के बाद उन्हें ज़मानत मिली थी.

इस मामले में आगे छानबीन करने के बाद पुलिस ने पूर्व मेयर जय प्रकाश और युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासु रुखड्ड को गिरफ्तार किया था. लेकिन दोनों को थाने से ही ज़मानत दे दी गई थी. इस मामले में अब पुलिस ने भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष एवं सांसद तेजस्वी सूर्या को नोटिस भेजा है जिनकी अगुवाई में यह प्रदर्शन आयोजित हुआ था. पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देश पर जांच अधिकारी की तरफ से यह नोटिस भेजकर उन्हें 28 अप्रैल को सिविल लाइन्स थाने में बुलाया गया है. सूत्रों की मानें तो कागजों पर उनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में अभी तक लगभग दो दर्जन आरोपियों के शामिल होने की बात सामने आई है. इनमें से 10 लोगों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में सात साल से कम सजा का प्रावधान है जिसकी वजह से गिरफ्तार होने वाले आरोपियों को अब थाने से ही जमानत दी जा रही है. केवल पहले 8 आरोपियों को ही इस मामले में जेल भेजा गया था. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में लगभग 14 ऐसे आरोपी हैं जिनकी पहचान पुलिस कर चुकी है.

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नई दिल्ली: मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन के दौरान की गई तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने सांसद एवं भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को नोटिस भेजा है. उन्हें 28 अप्रैल को सिविल लाइन थाने में जांच अधिकारी के पास बुलाया गया है. सूत्रों की माने तो इस मामले में गिरफ्तार कर उन्हें थाने से जमानत दी जा सकती है. इससे पहले पूर्व मेयर जयप्रकाश और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासु रुखड्ड सहित 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

जानकारी के मुताबिक बीते एक अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने मुख्यमंत्री आवास के पास प्रदर्शन किया था. यह प्रदर्शन विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा फ़िल्म कश्मीर फाइल्स को लेकर दिए गए बयान के विरोध में आयोजित किया गया था. इस प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने जाकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर तोड़फोड़ की थी. उन्होंने बूम बैरियर एवं सीसीटीवी को तोड़ने के अलावा मुख्य गेट पर पेंट गिराया था. इस घटना को लेकर सिविल लाइन थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. लगभग दो सप्ताह जेल में रहने के बाद उन्हें ज़मानत मिली थी.

इस मामले में आगे छानबीन करने के बाद पुलिस ने पूर्व मेयर जय प्रकाश और युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासु रुखड्ड को गिरफ्तार किया था. लेकिन दोनों को थाने से ही ज़मानत दे दी गई थी. इस मामले में अब पुलिस ने भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष एवं सांसद तेजस्वी सूर्या को नोटिस भेजा है जिनकी अगुवाई में यह प्रदर्शन आयोजित हुआ था. पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देश पर जांच अधिकारी की तरफ से यह नोटिस भेजकर उन्हें 28 अप्रैल को सिविल लाइन्स थाने में बुलाया गया है. सूत्रों की मानें तो कागजों पर उनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में अभी तक लगभग दो दर्जन आरोपियों के शामिल होने की बात सामने आई है. इनमें से 10 लोगों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में सात साल से कम सजा का प्रावधान है जिसकी वजह से गिरफ्तार होने वाले आरोपियों को अब थाने से ही जमानत दी जा रही है. केवल पहले 8 आरोपियों को ही इस मामले में जेल भेजा गया था. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में लगभग 14 ऐसे आरोपी हैं जिनकी पहचान पुलिस कर चुकी है.

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