नई दिल्लीः पहले दंगे और अब लॉकडाउन की वजह से पिछले 3 महीने से उत्तर पूर्वी दिल्ली पूरी तरह से बंद है. दंगे के बाद जब तक हालात सुधारते तब तक पूरी दिल्ली में लॉकडाउन लग गया था. जिसके बाद से ही यहां की सभी व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद है. गौरतलब है कि फरवरी महीने के अंत में उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा भड़की थी. जिसमें 50 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
उस समय भी उत्तर पूर्वी दिल्ली लगभग 15 दिनों के लिए बंद था. उसके बाद जैसे ही हालात सामान्य होने लगे तब तक दिल्ली में कोरोना का संक्रमण फैलने लगा जिसके बाद देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया गया. इसके चलते पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से उत्तर पूर्वी दिल्ली की सभी व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप है.
कामगारों का गढ़ है उत्तरी पूर्वी दिल्ली
आपको बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली मैं हजारों छोटी फैक्ट्री स्थित है, जहां लाखों कामगार काम करते थे. इनमें से कुछ कामगार दंगों के दौरान अपने घरों को लौट गए, तो वही कुछ कामगार अब लॉकडाउन लगने के बाद. ऐसे में व्यापारियों को यह भी चिंता सता रही है कि लॉकडाउन खुलने के बाद उनका व्यवसाय कैसे चलेगा.
1200 लोगों को किया गया था क्वारंटीन
गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के बाबरपुर मौजपुर इलाके में मोहल्ला क्लीनिक के एक डॉक्टर के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद इस इलाके के लगभग 12 सौ लोगों को क्वारंटीन किया गया था. इसके बाद भी इस इलाके में कई लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और अभी के समय भी कई लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है.