नई दिल्ली: ग्रेनो प्राधिकरण ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेश को धरातल पर लाने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने में जुट गया है. प्राधिकरण जल्द ही सभी एमओयू को निवेश में तब्दील कर पूरी जमीन उपलब्ध कराने में जुटा हुआ है.निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराने के बाद वहां पर निवेश किया जाएगा. जिससे यहां का विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने किसानों से जमीन खरीद कर निवेशकों को जल्द उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्राधिकरण के लिए अधिक लैंडबैंक बढ़ाने पर भी जोर दिया और कहा कि प्राधिकरण का बकाया न देने वाले आवंटन रद्द किए जाएं. साथ ही कहा कि उन भूखंडों पर कब्जा लेकर प्राधिकरण आगामी स्कीमों में उन्हें शामिल करें.सीईओ ने सभी विभागों से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए एमओयू को अब निवेश में तब्दील करने के लिए नई स्कीम लाने पर जोर दिया है.
दरअसल, औद्योगिक निवेश को जमीन उपलब्ध कराने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 8 नए सेक्टर (इकोटेक 7, 8, 9, 12 ए, 16, 19, 19ए व 21) विकसित कर रहा है.इन सेक्टरों के लिए किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. इस प्रक्रिया को गति देने के लिए बीते दिनों प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी.
मीटिंग में सीईओ ने जमीन खरीदने में कम गति पर भूलेख विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने भूलेख विभाग को इन सेक्टरों की जमीन खरीदने और परियोजना विभाग से इन सेक्टरों को विकसित करने की समय अवधि तय करते हुए एक्शन प्लान जल्द प्रस्तुत करने को कहा है. जमीन लेकर बैठे आवंटियों के आवंटन रद्द करने और उन भूखंडों को आगामी योजनाओं में दोबारा शामिल करते हुए आवंटित करने की तैयारी प्राधिकरण ने शुरू कर दी है.उन्होंने कहा कि प्राधिकरण बकायेदारों से बकाया वसूलने में ढिलाई न बरतें और बकाया न देने वाले आवंटन को भी शीघ्र रद्द कर दें, ताकि भूखंड का नई योजना में आवंटन किया जा सके. प्राधिकरण में निवेश को बढ़ाने के लिए और निवेशकों की समस्याओं को जल्द निपटाने के लिए मित्रा ऐप योजना शुरू की गई थी.जिस पर निवेशक अपनी समस्याओं को प्राधिकरण के अधिकारियों के सामने प्रस्तुत करेंगे और प्राधिकरण के अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर सभी समस्याओं का निस्तारण करेंगे. ताकि निवेशकों की समस्याएं जल्द दूर हो सके और निवेश धरातल पर आए, ताकि प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो.
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