नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि दिल्ली नगर निगम के स्वच्छता एवं स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं आम आदमी पार्टी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय और अन्य नेताओं में दूरदर्शिता की कमी के कारण चरमरा गई है. उन्होंने कहा कि नगर निगम की सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने ऐसा दिखावा किया था, मानो अब वे नगर निगम के प्रशासन और वित्तीय, स्वास्थ्य में सुधार करेंगे, लेकिन सात महीने बाद भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. केजरीवाल सरकार ने 2023-24 के लिए दिल्ली का बजट पेश करते हुए नगर निगम का बजट शेयर 33% बढ़ाकर 8241 करोड़ किया था. जिसमें 850 करोड़ का ऋण शामिल था, जो तीन लैंडफिल साइटों की सफाई के लिए दिया गया था.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जुलाई माह समाप्त हो चुका है, लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक स्वीकृत 850 करोड़ रुपये का लोन जारी नहीं किया है. लैंडफिल साइटों की ऊंचाई जो 2022-23 में तेजी से कम हुई थी, अब पहले की तरह बढ़ती जा रही है. उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछा कि वह बताएं कि उनकी सरकार नगर निगम को लैंडफिल साइटों की सफाई के लिए मंजूर किया गया 850 करोड़ रुपये का लोन क्यों नहीं दे रही है. भाजपा ने प्रतिबद्ध दृष्टि से काम करते हुए नगर निगम का शासन चलाया था. कचरा संग्रहण वैन की शुरुआत की तथा 2016 से 2021 के बीच कचरा निपटान के लिए कॉम्पेक्टरों की स्थापना सुनिश्चित की. 31 मार्च 2022 तक दिल्ली को लगभग ढलाव मुक्त बना दिया, लेकिन आज अधिकांश कॉम्पेक्टर ठप्प हैं और शहर भर में कॉम्पेक्टर स्थलों पर या सड़क के किनारे बड़ी मात्रा में कूड़ा कचरा जमा दिखता है.
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वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि डेंगू जैसी घातक बीमारियां बढ़ रही हैं और शहर में कोई फॉगिंग अभियान नहीं चल रहा है. नगर निगम के पास कीटनाशकों का कोई स्टॉक नहीं है. स्थायी समिति के अस्तित्व में न होने के कारण नगर निकाय आवश्यक कीटनाशकों की निविदा और खरीद करने में असमर्थ है. इसके अलावा संविदा डी.बी.सी. कर्मचारी भी प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहे हैं. क्योंकि उनका वेतन समय पर जारी नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कल भाजपा पार्षद केजरीवाल सरकार द्वारा बजट में स्वीकृत 850 करोड़ रुपए का लोन नगर निगम को न दिये जाने का मुद्दा सदन में उठा कर महापौर से जवाब मांगेंगे.
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