नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने आईटीसी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के 5 ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस मामले में चार नाबालिगों को भी पकड़ा है. यह लोग आईटीसी कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने के नाम पर लोगों से रुपए ठगी करते थे. इसके लिए उन्होंने itcdistributorship.org नाम से एक वेबसाइट बना रखी थी. जो लोग इस वेबसाइट पर विजिट करते थे, उनको कॉल करके ये लोग अपने झांसे में लेकर पैसे ऐंठ लेते थे.
डीसीपी प्रशांत पी गौतम ने बताया कि आरोपियों से तीन लैपटॉप, 21 मोबाइल, दो हार्ड डिस्क, दो टेबलेट, 20 सिम कार्ड, 6 बैंक पासबुक और चार चेक बुक बरामद की गई है. आरोपियों की पहचान निशांत गुप्ता, सूरज दीपक, सुनील शाक्य और संतोष के रूप में हुई है. वहीं पुलिस ने इस मामले मामले में चार नाबालिगों को भी पकड़ा है. डीसीपी ने बताया कि आरोपी लोगों को ठगने के लिए वेबसाइट पर डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने के लिए पोस्ट डालते थे. इसके बाद जो लोग इसे विजिट करते थे, ये उनको कॉल करते थे और पैसों की ठगी करते थे. लोगों से बातचीत करने के लिए यह लोग अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल करते थे. उनकी बातचीत की पूरी स्क्रिप्ट पहले से बनी रहती थी. उसी के अनुसार बातचीत करके ये लोगों से ठगी करते थे.
पुलिस ने बताया गुलशन चंदा नामक पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया था कि उन्होंने इस वेबसाइट पर विजिट किया था जिसके बाद उनके 50 लाख रुपए ठग लिए गए. अप्रैल में पीड़ित ने स्पेशल सेल को इसकी एफआईआर दर्ज करवाई थी. मामला दर्ज करने के बाद स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर नरेंद्र ने जांच शुरू की. जांच में पता चला कि गिरोह उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश से ऑपरेट किया जा रहा है.
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पुलिस टीम मोबाइल नंबर के आधार पर पटना पहुंची और वहां से एक नाबालिक को दबोचा. पुलिस ने नाबालिग से वह मोबाइल फोन भी बरामद किया, जिसका नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर फर्जी ट्रांजैक्शन किए गए थे. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने निशांत गुप्ता नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया. वह नाबालिगों के आधार कार्ड पर उनकी जन्मतिथि बदलकर उनके बैंक अकाउंट खुलवाता था. जांच में पता चला है कि सुनील शाक्य नाम का एक आरोपी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए गूगल पर ऐड चलाता था और उस पर फर्जी टोल फ्री कस्टमर केयर नंबर डालता था. ठगी की पूरी रकम में 30% हिस्सेदारी उसी को मिलती थी.
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