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उद्योग नगर अग्निकांड: दिल्ली सरकार को NGT की फटकार, जांच के लिए कमेटी गठित

आग से हुई मौतों पर असंवेदनशील रवैया अपनाने पर एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. एनजीटी ने कहा कि प्रशासन ने घोर लापरवाही बरती है. जूता फैक्ट्री में आग लगने से 6 लोगों की मौत के मामले में पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

NGT reprimanded Delhi government for adopting insensitive attitude of fire deaths
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
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Published : Jul 26, 2021, 9:19 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली के उद्योग नगर के एक जूता फैक्ट्री में आग लगने से छह लोगों की मौत के मामले पर संज्ञान लेते हुए इसकी जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने आग लगने से हुई मौतों पर असंवेदनशील रवैया अपनाने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है.

एक खबर पर संज्ञान लेते हुए NGT ने ये आदेश जारी किया. जानकारी के मुताबिक Udyog Nagar की एक फैक्ट्री में काम करनेवाले सभी 12 मजदूर आग के बाद फंस गए थे. इनमें से छह लोगों को निकाला गया. आग को बुझाने के लिए 33 दमकल लगाए गए थे जिन्होंने करीब छह घंटे में आग बुझाई.

बाहरी दिल्ली के डीसीपी ने कहा था कि फोरेंसिक टीम को किसी भी मृतक के जले हुए अवशेष बरामद नहीं, अभी तक पीड़ितों की शिनाख्त नहीं की गई है. जो मजदूर लापता हैं उनमें शमशाद, विक्रम, अभिषेक, नीरज, राजू और अजय शामिल है. फैक्ट्री के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है.


सुनवाई के दौरान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) ने बताया कि 21 जून को आग लगी थी. लेकिन फायर विभाग की अनुमति नहीं होने की वजह से घटनास्थल का निरीक्षण नहीं किया जा सका. वाटर एक्ट और एयर एक्ट के तहत कोई अनुमति नहीं ली गई थी.

सुनवाई के दौरान संबंधित जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने NGT को बताया कि पीड़ितों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजा देने की घोषणा की गई है लेकिन मुआवजा अभी दिया नहीं गया है. इस पर एनजीटी ने कहा दिल्ली प्रशासन ने इस मामले में संवेदनशीलता नहीं दिखाई और पीड़ितों के वारिसों को मुआवजा देने के लिए जरूरी सूचना भी एकत्र नहीं किया.

ये भी पढ़ें-NGT के आदेश की धज्जियां उड़ाकर भाजपा नेताओं ने पार्क में आयोजित किया सम्मान समारोह, कहा- ये था सरकारी कार्यक्रम


एनजीटी ने कहा कि पीड़ितों को NGT एक्ट की धारा 15 के तहत मुआवजा देने की जरूरत है, लेकिन अंतिम आदेश देने के पहले स्थिति की पूरी जानकारी जरूरी है. ये भी जानना जरूरी है कि किन-किन कानूनों का उल्लंघन हो रहा था.

ये भी पढ़ें-दिल्ली जल बोर्ड पर NGT सख्त, सीवेज प्लांट मामले में हर महीने देना होगा 5 लाख रुपये जुर्माना

एनजीटी ने इसकी पड़ताल के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रतिनिधि, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी, पश्चिमी दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, इंडस्ट्रियल सेफ्टी एंड हेल्थ के डायरेक्टर और बाहरी दिल्ली के डीसीपी शामिल हैं.कमेटी आग लगने के कारणों का पता लगाएगी और ये भी पता करेगी कि वाटर एक्ट औऱ एयर एक्ट का पालन हो रहा था कि नहीं.

ये भी पढ़ें-NGT के आदेश पर कॉलोनी में बोरवेल सील

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली के उद्योग नगर के एक जूता फैक्ट्री में आग लगने से छह लोगों की मौत के मामले पर संज्ञान लेते हुए इसकी जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने आग लगने से हुई मौतों पर असंवेदनशील रवैया अपनाने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है.

एक खबर पर संज्ञान लेते हुए NGT ने ये आदेश जारी किया. जानकारी के मुताबिक Udyog Nagar की एक फैक्ट्री में काम करनेवाले सभी 12 मजदूर आग के बाद फंस गए थे. इनमें से छह लोगों को निकाला गया. आग को बुझाने के लिए 33 दमकल लगाए गए थे जिन्होंने करीब छह घंटे में आग बुझाई.

बाहरी दिल्ली के डीसीपी ने कहा था कि फोरेंसिक टीम को किसी भी मृतक के जले हुए अवशेष बरामद नहीं, अभी तक पीड़ितों की शिनाख्त नहीं की गई है. जो मजदूर लापता हैं उनमें शमशाद, विक्रम, अभिषेक, नीरज, राजू और अजय शामिल है. फैक्ट्री के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है.


सुनवाई के दौरान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) ने बताया कि 21 जून को आग लगी थी. लेकिन फायर विभाग की अनुमति नहीं होने की वजह से घटनास्थल का निरीक्षण नहीं किया जा सका. वाटर एक्ट और एयर एक्ट के तहत कोई अनुमति नहीं ली गई थी.

सुनवाई के दौरान संबंधित जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने NGT को बताया कि पीड़ितों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजा देने की घोषणा की गई है लेकिन मुआवजा अभी दिया नहीं गया है. इस पर एनजीटी ने कहा दिल्ली प्रशासन ने इस मामले में संवेदनशीलता नहीं दिखाई और पीड़ितों के वारिसों को मुआवजा देने के लिए जरूरी सूचना भी एकत्र नहीं किया.

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एनजीटी ने कहा कि पीड़ितों को NGT एक्ट की धारा 15 के तहत मुआवजा देने की जरूरत है, लेकिन अंतिम आदेश देने के पहले स्थिति की पूरी जानकारी जरूरी है. ये भी जानना जरूरी है कि किन-किन कानूनों का उल्लंघन हो रहा था.

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एनजीटी ने इसकी पड़ताल के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रतिनिधि, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी, पश्चिमी दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, इंडस्ट्रियल सेफ्टी एंड हेल्थ के डायरेक्टर और बाहरी दिल्ली के डीसीपी शामिल हैं.कमेटी आग लगने के कारणों का पता लगाएगी और ये भी पता करेगी कि वाटर एक्ट औऱ एयर एक्ट का पालन हो रहा था कि नहीं.

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