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ऑयल रिफायनरी से निकले हानिकारक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण हो: NGT

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Published : Sep 15, 2020, 10:38 PM IST

यह याचिका नाथन चौधरी ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि पानीपत और डिगबोई तेल शोधन कारखानों से निकलने वाले हानिकारक कचरों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित नहीं किया जा रहा है.

NGT order to scientifically dispose of harmful wastes from oil refinery
ऑयल रिफायनरी से निकले वाले हानिकारक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण हो : NGT

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को निर्देश दिया है कि वे तेलशोधन कारखानों से निकले हानिकारक कचरों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण सुनिश्चित करें. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऑक्साइड उत्प्रेरकों की श्रेणी वाले जहरीले कचरे की मात्रा और उसके निस्तारण का तरीका स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

हेजार्डस वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स का उल्लंघन

एनजीटी द्वारा गठित छह सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईओसीएल पानीपत, आईओसीएल मथुरा रिफाइनरी, आईओसीएल बरौनी और रिलायंस जामनगर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा स्वीकृत मात्रा से अधिक मात्रा में उत्प्ररेक रसायनों का उत्सर्जन कर रहे हैं.

ऐसा करना हेजार्डस वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स का उल्लंघन है. कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक आईओसीएल पानीपत, एचपीसीएल भटिंडा और आईओसीएल डिगबोई हानिकारक और अन्य प्रकार के कचरों की पैकेजिंग तथा लेबलिंग भी नहीं कर रहे हैं.

कमेटी के सुझावों पर अमल करने का निर्देश

कमेटी ने सुझाव दिया कि हानिकारक कचरा उत्सर्जित करने वाले सभी तेलशोधन कारखाने हानिकारक अपशिष्टों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करना सुनिश्चित करें. एनजीटी ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे कमेटी के सुझावों पर अमल करें. एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि सभी संबंधित तेलशोधन कारखानों से सूचना जुटाने के बाद एक्शन टेकन रिपोर्ट सौंपें.

वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित नहीं किया जाता

यह याचिका नाथन चौधरी ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि पानीपत और डिगबोई तेल शोधन कारखानों से निकलने वाले हानिकारक कचरों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित नहीं किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि हानिकारक कचरों की बिक्री, उनका रखरखाव, उनका संरक्षण और परिवहन करते समय कानून का पालन नहीं किया जाता है.

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को निर्देश दिया है कि वे तेलशोधन कारखानों से निकले हानिकारक कचरों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण सुनिश्चित करें. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऑक्साइड उत्प्रेरकों की श्रेणी वाले जहरीले कचरे की मात्रा और उसके निस्तारण का तरीका स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

हेजार्डस वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स का उल्लंघन

एनजीटी द्वारा गठित छह सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईओसीएल पानीपत, आईओसीएल मथुरा रिफाइनरी, आईओसीएल बरौनी और रिलायंस जामनगर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा स्वीकृत मात्रा से अधिक मात्रा में उत्प्ररेक रसायनों का उत्सर्जन कर रहे हैं.

ऐसा करना हेजार्डस वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स का उल्लंघन है. कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक आईओसीएल पानीपत, एचपीसीएल भटिंडा और आईओसीएल डिगबोई हानिकारक और अन्य प्रकार के कचरों की पैकेजिंग तथा लेबलिंग भी नहीं कर रहे हैं.

कमेटी के सुझावों पर अमल करने का निर्देश

कमेटी ने सुझाव दिया कि हानिकारक कचरा उत्सर्जित करने वाले सभी तेलशोधन कारखाने हानिकारक अपशिष्टों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करना सुनिश्चित करें. एनजीटी ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे कमेटी के सुझावों पर अमल करें. एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि सभी संबंधित तेलशोधन कारखानों से सूचना जुटाने के बाद एक्शन टेकन रिपोर्ट सौंपें.

वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित नहीं किया जाता

यह याचिका नाथन चौधरी ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि पानीपत और डिगबोई तेल शोधन कारखानों से निकलने वाले हानिकारक कचरों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित नहीं किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि हानिकारक कचरों की बिक्री, उनका रखरखाव, उनका संरक्षण और परिवहन करते समय कानून का पालन नहीं किया जाता है.

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