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NGT ने इंडियन ऑयल के पानीपत रिफाइनरी पर लगाया 17 करोड़ का जुर्माना

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Published : May 15, 2019, 11:14 AM IST

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पर्यावरण कानूनों का उल्लघंन करने पर इंडियन ऑयल के पानीपत रिफाइनरी पर 17 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. इंडियन ऑयल के पानीपत रिफाइनरी की वजह से आसपास के तीन गांवों में वायु और जल प्रदूषण की समस्या पैदा हो गई है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पर्यावरण कानूनों का उल्लघंन करने पर इंडियन ऑयल के पानीपत रिफाइनरी पर 17 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया है.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करने का निर्देश दिया है.

इंडियन ऑयल की रिफाइनरी पर 17 करोड़ का जुर्माना

एनजीटी पानीपत के सिंहपुरा सिथना ग्राम पंचायत के सरपंच सतपाल सिंह के पत्र को याचिका में तब्दील करते हुए सुनवाई कर रहा है. पत्र में कहा गया है कि इंडियन ऑयल के पानीपत रिफाइनरी की वजह से आसपास के तीन गांवों में वायु और जल प्रदूषण की समस्या पैदा हो गई है.

पत्र में लिखा गया है कि इन गांवों के लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं. प्रदूषण मापने वाली मशीन 2010 से खराब है.

मामले पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य शामिल थे. इस कमेटी ने पाया कि इलाके में प्रदूषण मान्य स्तर से कई गुना ज्यादा है.

वायु प्रदूषण इतना ज्यादा है कि लोगों के आंखों में जलन होती है. रिफाइनरी से निकलने वाला अनट्रिटेड कचरा जंगल में डाला जाता है जिससे भूजल प्रदूषित हो गया है.

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पर्यावरण कानूनों का उल्लघंन करने पर इंडियन ऑयल के पानीपत रिफाइनरी पर 17 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया है.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करने का निर्देश दिया है.

इंडियन ऑयल की रिफाइनरी पर 17 करोड़ का जुर्माना

एनजीटी पानीपत के सिंहपुरा सिथना ग्राम पंचायत के सरपंच सतपाल सिंह के पत्र को याचिका में तब्दील करते हुए सुनवाई कर रहा है. पत्र में कहा गया है कि इंडियन ऑयल के पानीपत रिफाइनरी की वजह से आसपास के तीन गांवों में वायु और जल प्रदूषण की समस्या पैदा हो गई है.

पत्र में लिखा गया है कि इन गांवों के लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं. प्रदूषण मापने वाली मशीन 2010 से खराब है.

मामले पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य शामिल थे. इस कमेटी ने पाया कि इलाके में प्रदूषण मान्य स्तर से कई गुना ज्यादा है.

वायु प्रदूषण इतना ज्यादा है कि लोगों के आंखों में जलन होती है. रिफाइनरी से निकलने वाला अनट्रिटेड कचरा जंगल में डाला जाता है जिससे भूजल प्रदूषित हो गया है.

Intro:
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण कानूनों का उल्लघंन करने पर इंडियन आयल के पानीपत रिफाइनरी पर 17 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के यहां जमा करने का निर्देश दिया।


Body:एनजीटी पानीपत के सिंहपुरा सिथना ग्राम पंचायत के सरपंच सतपाल सिंह के पत्र को याचिका में तब्दील करते हुए सुनवाई कर रहा है। पत्र में कहा गया है कि इंडियन आयल के पानीपत रिफाइनरी की वजह से आसपास के तीन गांवों में वायु और जल प्रदूषण की समस्या पैदा हो गई है। पत्र में लिखा गया है कि इन गांवों के लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं। प्रदूषण मापने वाली मशीन 2010 से खराब है। 


Conclusion:इस मामले पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य शामिल थे। इस कमेटी ने पाया कि इलाके में प्रदूषण मान्य स्तर से कई गुना ज्यादा है। वायु प्रदूषण इतना ज्यादा है कि लोगों के आंखों में जलन होती है। रिफाइनरी से निकलने वाला अनट्रिटेड कचरा जंगल में डाला जाता है जिससे भूजल प्रदूषित हो गया है।
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